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लखनऊ
समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में आयोजित विधान परिषद सदस्यों और जिला पंचायत अध्यक्षों की बैठक में पार्टी नेताओं की गुंडागर्दी की मुद्दा छाया रहा। सपा सुप्रीमों ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट कहा कि पार्टी की साख खराब करने वालों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत पार्टी के कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे।
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्षों को 2017 चुनावों की जीत का मंत्र दिया। वहीं प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया गया और सपा मुखिया ने पार्टी की साख खराब करने वालों के पेंच भी कसे। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी से जुड़े लोग जनता के साथ खराब व्यवहार करेंगे, तो उनकी पार्टी के विकास कार्यों की बजाय पार्टी से जुड़े लोगों के दुव्र्यवहार को जनता गंभीरता से लेगी। इसका सीधा असर आने वाले चुनाव पर पड़ेगा। इससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सपा को प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने में मुसीबतें आ सकती हैं। इसलिए सब लोग अपने व्यवहार में सुधार ले आये, ताकि जनता के बीच पार्टी की बेहतर छवि बने और आने वाले चुनाव में पार्टी को बहुमत मिले।
गौरतलब है कि सपा मुख्यालय पर 64 एमएलसी और 59 जिला पंचायत अध्यक्षों को मीटिंग में बुलाया गया था। पार्टी से बर्खास्त सीतापुर और लखनऊ के जिला पंचायत अध्यक्ष को बैठक में नहीं बुलाया गया था। इसके अलावा दो अन्य जिला पंचायत अध्यक्ष भी इस बैठक से बाहर हैं। इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को भी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जमीन कब्जाने और पैसा कमाने के चक्कर में पार्टी की छवि खराब करने के लिए कड़ी चेतवानी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होता रहा तो उनकी सरकार फिर सत्ता में वापसी नहीं कर सकेगी।
सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव इस बात से बेहद नाराज हैं कि पार्टी के नेता गुंडागर्दी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। वह सार्वजनिक मंचों से कई बार नेताओं को सुधरने की चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने पार्टी के मंत्रियों को भी आड़े हाथ लेते हुए कई बार कहा कि उनके इस तरह के कामों से पूरी सरकार की बदनामी होती है। मगर नेताजी की इस नाराजगी का पार्टी के नेताओं पर कोई खास फर्क नहीं पड़़ रहा। दो दिन पहले लखनऊ में ही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय यादव ने जमीन पर कब्जे को लेकर जमकर गुंडागर्दी की। यह बात दीगर है कि सीएम अखिलेश यादव ने कड़ा रूख अपनाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
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