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Archived
यूपी : हिन्दू धर्म में उत्त्पीडन के बाद दलितों ने किया धर्म परिवर्तन!
Arun Mishra
19 May 2017 10:33 AM GMT
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दलितों के धर्म परिवर्तन की खबर से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है..?
सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन से दलितों का विश्वास पूरी तरह उठ चुका है। शायद यही वजह है कि पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर कई गांव के 180 दलित परिवारों ने धर्म परिवर्तन कर लिया। दलितों के धर्म परिवर्तन की खबर से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। मौके पर पहुंचे प्रशासन और पुलिस अधिकारीयों ने धर्म परिवर्तन कर रहे दलितों को मनाने की भरपूर कोशिश की लेकिन दलित समाज के लोगों ने प्रशासन को अनसुना कर दिया।
दलितों ने योगी सरकार और प्रशासन पर दलितों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। धर्म परिवर्तन कर रहे दलितों ने चेतावनी दी है कि यदि हिंसा मामले में गिरफ्तार किये गए दलितों को नहीं छोड़ा गया और उन पर लगे मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो जिले के सभी दलित बौद्ध धर्म अपना लेंगे।
आपको बता दें कि सहारनपुर जनपद में पिछले महीने में तीन बड़ी जातीय हिंसा की घटनाएं हुई हैं। जिनमें ज्यादातर नुकसान दलितों का हुआ है। शब्बीरपुर गाँव की बात करें वहां 5 मई को दलितों और ठाकुरो के बीच हुई हिंसा में दलितों के 64 घर जला दिए गए और कई दर्जन लोग घायल हो गए थे। जबकि ठाकुर समाज के एक युवक की मौत हो गई थी।
दलितों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन ने केवल ठाकुर समाज को ही मुआवजा दिया है जबकि दलित आज भी मुआवजे के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। इतना ही नहीं दलितों ने शासन प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया है। थाना कुतुबशेर इलाके के गाँव कपूरपुर, ईगरी, रुपडी के 180 परिवारों ने सामूहिक रूप से हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया है। धर्म परिवर्तन कर रहे दलितों ने आरोप लगाया है कि पिछले दिनों हुई हिंसा मामले में दलितों का जानबूझ कर उत्पीड़न किया जा रहा है।
दलितों के नेता और भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर के खिलाफ साजिश रच कर उसे फंसाया जा रहा है। इस दौरान दलितों ने ये भ कहा कि हिन्दू धर्म में दलित पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं उन्हें आज भी अछूत की नजर से देखा जाता है। दलितों ने 'स्पेशल कवरेज न्यूज़' से ख़ास बातचीत में बताया कि कुछ दबंग हिन्दूओ की बदौलत दलित समाज के लोगों पर मुक़दमे थोपे जा रहे हैं जिसके चलते उन्हें जेल भेजा रहा है।
शासन प्रशासन पर दलितों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इन लोगों ने कहा कि हिंसा करने वाले उपद्रवियों को पुलिस कुछ नहीं कह रही और जो लोग निर्दोष हैं उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करके कार्यवाई की जा रही है। ऐसे में दलित समाज के पास धर्म परिवर्तन करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। क्योंकि शब्बीरपुर गाँव में हुई जातीय हिंसा में दलितों पर हमला किया गया, उन्ही के घर जलाये गए। कई दर्जन परिवार घर से बेघर हो गए। और अब दलितों पर ही मुकदमे कर कार्यवाई की जा रही है।
धर्म परिवर्तन की सुचना ASP सुरेंद्र दास और थानाध्यक्ष को लगी तो दोनों अधिकारी मौके पर उन्हें समझाने की लाख कोशिश की लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। धर्म परिवर्तन की सूचना से प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मचा रहा।
रिपोर्ट : राहुल पटेल
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