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Archived
अपने ही घरवालों ने हीरा लाल को जानवरों के साथ तबेले में जंजीरों से बांधकर रखा है, पढ़िये एक ऐसी असली कहानी जो ...
शिव कुमार मिश्र
3 Sep 2017 6:58 AM GMT
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Hira Lal is tied with chains in the stables with animals, his own family has read, a real story which
कौशांबी. जिले में इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। दरअसल, में एक जीते-जागते स्वस्थ्य दिखने वाले इंसान को जानवरों के तबेले में उन्हीं की तरह मोटे पेड़ के तने से लोहे की जंजीरों से बांध कर रखा गया है। वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से एक इंसान को उसके पैरो में जंजीरे डाल कर खुले आसमान के नीचे भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। इंसानी जिन्दगी को झगझोर देने वाली वीडियो की कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर क्यों जीते-जी जंजीरों में जकड़े इंसान के अपनो ने ही इसे क्यों ये सजा दी है।
जानवरों के बीच पेड़ से जंजीरों में जकड़ा गया यह शख्स हीरा लाल अग्रहरी है। हीरा लाल पेशे से व्यापारी है, और वह करारी थाना के नसरुल्लापुर गांव का रहने वाला है। हीरालाल को यह सजा उसके खुद के बच्चों और पत्नी ने दी है। हीरा लाल की पत्नी लक्ष्मी का कहना है कि, उसका पति पागल हो चुका है। पागलपन के चलते उस पर और बच्चों पर जानलेवा हमला करता है। कभी-कभी तो हीरा लाल खुद की भी जान लेने की कोशिश करता है। अभी हाल में ही उसने खुद को आग लगाकर मारने की कोशिस भी की है। लक्ष्मी ने बिना कैमरे के सामने आये बताया कि क्या करे यदि हीरा लाल को पैरो में जंजीरे न बंधी जाय तो बच्चों और उसकी जान को खतरा है।
जिला मुख्यालय मंझनपुर से महज 5 किलोमीटर की दूरी बसा नसरुल्लापुर गांव है। इसी गांव के एक घर में पिछले 8 दिनों से हीरालाल अग्रहरी अपने ही घर में जानवरों की तरह पेड़ से जानवरों के बीच जंजीरों में जकड कर रखा गया है। इस वाइरल वीडियो की जानकारी हुयी तो हम पड़ताल करते हुए मौके पर पहुंचे। अन्दर का नज़ारा देख हमें एक इंसान को जंजीरों में कैद देख दया आ गई, लेकिन हीरालाल के बच्चों और पत्नी लक्ष्मी ने हमें उसके पास जाने से रोक दिया। इसके पीछे का कारण घर वालो ने बताया कि हीरालाल की दिमागी हालत ठीक नहीं है। जिसके कारण उसे पिछले 8 दिनों से उसके पैरो में जंजीरे डाल कर रखा गया है। हीरालाल को मानसिक बीमारी की हालत में जानवरों के बीच उन्हें खाने को रोटी चावल और पीने को पानी दूर से ही दिया जाता है।
हीरालाल की पत्नी लक्ष्मी की बातों पर यकीन करे तो हीरा लाल 10 दिन पहले तक एकदम स्वस्थ्य था। लेकिन अचानक गांव के एक डॉक्टर कहे जाने वाले शख्स सीता राम और उसके कुछ साथियों ने रुपये लेन-देन का आरोप लगा कर उसके लाखों की लागत से बने मंझनपुर कोतवाली के दीवर कोतारी वाले मकान पर अपना ताला जड़ दिया। ताला लगाये जाने के बाद उसके 3 बेटियों और 5 बेटे समेत पत्नी दाने-दाने को तरसने लगे।
हीरा लाल की पत्नी लक्ष्मी का आरोप है कि, उसके पति और झोला-छाप डॉक्टर सीता राम ने एक साथ मिलकर गैर सरकारी स्वयं सहायता समूह बनाया था, जिसमें वह 50 लोगों को जोड़ कर 5 लाख का कैस व्यापार किया करते थे। 8 दिन पहले गांव के ही डॉक्टर सीता राम अपने साथियों के साथ उसके घर पहुंचे और हीरा लाल से रुपये के लेन-देन को लेकर झगड़ा करने लगे। दोनों के बीच बात विवाद में बढ़ गया, और फिर सीता राम ने अचानक सभी को घर से बाहर निकाल कर पूरे मकान में ताला लगा कर चले गए। घर और ग्रहस्ती में ताला लगने के कारण पूरा परिवार सड़क पर आ गया। बच्चे स्कूल में पढ़ई के लिए नहीं जा पा रहे हैं। इतना ही नहीं घर का अनाज भी ताला लगे मकान के अन्दर होने के कारण पूरा परिवार खाना खाने के लिए दूसरों के रहमो करम पर आश्रित है। फिलहाल पूरा परिवार अपने एक पैतृक गाँव वाले घर में शरण लिए हुए हैं।
हीरालाल की पत्नी लक्ष्मी अग्रहरी के आरोपों की सच्चाई की पड़ताल करते हम आरोपी शख्स झोलाछाप डॉक्टर सीता राम के पास पहुंचे। सीता राम ने पहले तो कैमरा हांथ में देखते ही किसी तरह की बात से ही इनकार कर दिया। काफी समझाने के बाद डॉक्टर सीता राम अपने कई साथियों के साथ हमसे बात करने को तैयार हुआ। लक्ष्मी अग्रहरी के आरोपों पर जब हमने सीता राम से सवाल किया तो उसने बताया कि हीरा लाल ने गांव के लोगो के साथ मिलकर गैर सरकारी स्वयं सहायता समूह खोला था, जिसमें 5 लाख रुपये का कैश ट्रांजेक्सन 50 लोगों के बीच सदस्यों की जरुरत के हिसाब से किया जाता था।
लेकिन हीरा लाल पिछले 2 महीने से रुपयों का कोई हिसाब सबके सामने देने नहीं आता था और पूछने पर इधर-उधर की बात कह कर रुपये देने की बात से इनकार कर देता था। सीताराम का कहना है कि उन्हें रुपये मिलेंगे तो ही उसके मकान मे लगा ताला खोला जाएगा। वैसे ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सीताराम दबंग किस्म का शख्स है जो रुपयों के लिए किसी को भी परेशान करने से परहेज नहीं करता है। जंजीरों में कैद इंसान के मामले पर जब हमने कौशाम्बी के प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों से बात करने की कोशिस की तो उन्होंने जाँच से पहले कुछ भी कहने और बोलने से ही मना कर दिया।
नितिन अग्रहरी
शिव कुमार मिश्र
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