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जस्टिस अभिलाषा ने अमित शाह को नहीं दी थी बेल, शाह ने सत्ता में आकर लिया बदला

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5 Dec 2015 9:58 AM GMT
Shah
अश्वनी श्रीवास्तव
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी के बाद देश के सबसे ताकतवर नेता अमित शाह से अगर किसी ने पंगा लिया तो सावधान हो जाइये। उसका हाल भी वहो होगा जो वीरभद्र सिंह का हुआ। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सरकार की कथित बदले की कार्रवाई का शिकार होना पड़ा। उनकी बेटी की शादी के दौरान उन घर पर सीबीआई के छापे डाल कर उन्हें समधियों के सामने अपमानित किया गया।

दरअसल वीरभद्र की बेटी जस्टिस अभिलाषा ने बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह को गुजरात में जेल भेजा था जिसका बदला शाह ने सत्ता में आकर लिया। बदले की भावना की इस कार्रवाई को लेकर अब सीबीआई के अफसरों की एक लॉबी में असंतोष है। अफसरों का कहना है ऐसी करवाई एक दिन बाद भी की जा सकती थी।

बदले की भावना से डाले गए छापे , जाँच अधिकारी ने किया टाइमिंग का विरोध

सूत्रों के मुताबिक वीरभद्र के एक बेटी अभिलाषा २००६ में गुजरात हाई कोर्ट की जज बनी। उनके पास सोहराबुद्दीन एनकाउंटर का केस सुनवाई के लिए आया था, जिसमे अमित शाह भी फंसे थे। जस्टिस अभिलाषा ने तब अमित शाह को बेल नही दी थी और शाह को जेल जाकर भारी अपमान का सामना करना पड़ा था। लेकिन वक़्त भी क्या चीज़ है। कोई दस साल बाद अमित शाह सत्ताधारी पार्टी के सिरमौर बने और उधर वीरभद्र पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज़ हुआ। सूत्रों का कहना है की अमित शाह को खुश करने के लिए सीबीआई के कुछ बड़े अधिकारियों ने वीरभद्र की छोटी बेटी मीनाक्षी कुमारी की शादी के वक़्त छापा डाल कर वीरभद्र का भारी अपमान किया। छापा उस वक़्त डाला गया जब बाराती वीरभद्र के घर पर मौजूद थे।


भीड़ भाड़ वाले मौकों पर सीबीआई ऐसे छापे नही डालती

सूत्रों के मुताबिक अमूमन सीबीआई शादी या किसी भीड़ भाड़े वाले सार्वजनिक मौके पर आरोपी के यहां छापे नही डालती है। ऐसा इसलिए किया जाता है की मौके पर क़ानून व्यस्था की समस्या ना खड़ी हो जाए। लेकिन इस मामले में सीबीआई की टीम को आदेश थे की छपे शादी वाले दिन तभी ही पड़ने चाहिए जब बाराती-घराती दोनों मौजूद हों। सूत्रों के मुताबिक मामले के जांच अधिकारी ने इस आदेश पर आपत्ति दर्ज़ करायी थी, लेकिन ऊपर के आदेश के आगे वो झुक गए।


सूत्रों ने बताया की २४ सितम्बर को जांच अधिकारी को आदेश दिए गए की अगले दिन शिमला में वीरभद्र सिंह के यहां छापा डालना है। ये जानते हुए की वीरभद्र की लड़की की शादी है सीबीआई अधिकारीयों ने छपे डालने की कार्रवाई पर सकती से अमल करवाया। सूत्रों ने कहा की बेटी के गहनो से लाकर शादी में इस्तेमाल की जाने वाली नगदी में सीबीआई ने रिश्तेदारों के सामने ही खँगालनी शुरू कर दी। हालांकि कुछ घराती मारपीट की नौबत पर उतरने वाले थे लेकिन बेटी की शादी के मौके को देखकर परिवार वालों ने लोगों को समझाया बुझाया।

उधर सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक छापे किसी बदले की भावना से नही डाले गए थे। इस अधिकारी ने बताया सीबीआई के डायरेक्टर अनिल सिन्हा इस मामले में निष्पक्ष हैं और इसे अमित शाह के मांमले से जोड़ कर नही देखना चाहिए। उन्होंने कहा क्यूंकि वीरभद्र पर मुकदमा दर्ज़ हो चुका था इसलिए छापे डालने ज़रूरी थे।

साभारः www.hindi.indiasamvad.co.in
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