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नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास, जानें विपक्ष के आरोपों पर क्या बोले अमित शाह...
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक, सीएबी, राज्यसभा से पारित हो गया है. संसद के उच्च सदन में नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में 125 वोट मिले, जबकि बिल के खिलाफ सिर्फ 105 वोट ही पड़े. यह बिल लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है, अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन हो जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल बुधवार दोपहर में ही राज्यसभा में पेश किया था।
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर काफी हंगामा हुआ. विपक्ष ने इस बिल को पहले सेलेक्ट कमिटी के पास भेजे जाने का प्रस्ताव रखा. हालांकि यह प्रस्ताव भी वोटिंग के बाद गिर गया हालांकि इसके बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस बिल को पारित कराने में सफलता हासिल की वहीं अन्य विपक्षी सांसदों ने इस बिल में संशोधन के प्रस्ताव रखे, वो भी वोटिंग के बाद गिर गए।
शिवसेना ने इस बिल पर राज्यसभा में वॉक आउट किया और किसी भी प्रकार की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. एक दिन पहले शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया था। कांग्रेस ने इसे भारत के इतिहास में काला दिन करार दिया है. जबकि टीएमसी ने साफ कर दिया है कि यह नागरिकता संशोधन विधेयक पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होगा. सिक्किम को छोड़कर पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के सभी गैर कांग्रेसी सांसदों ने राज्यसभा में बिल का समर्थन किया।
बहस के दौरान विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर सवाल दागे। मगर लंबे इंतजार के बाद जब अमित शाह की बारी आई, तो उन्होंने चुन-चुनकर सभी को जवाब दिए। जानें विपक्ष के आरोपों पर क्या बोले शाह...
आनंद शर्मा, कांग्रेस : देश का बंटवारा सावरकर के बयान की वजह से हुआ
अमित शाह : मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। पूरा देश जानता है कि देश का विभाजन जिन्ना जी की मांग पर हुआ। मगर मैं यह पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस ने आखिर इसे स्वीकार क्यों किया?
कपिल सिब्बल, कांग्रेस : न मैं डरता हूं, न देश के नागरिक डरते हैं, न देश के मुसलमान डरते हैं। हम सिर्फ संविधान से डरते हैं।
अमित शाह : भारत में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक को डरने की जरूरत नहीं है। किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी। देश के गृह मंत्री पर सभी का भरोसा होना चाहिए।
संजय राउत, शिव सेना : जिस स्कूल में आप पढ़ते हो, हम उस स्कूल के हेड मास्टर हैं। हमारे स्कूल के हेडमास्टर बालासाहेब ठाकरे थे...।
अमित शाह : सही बात बाला साहेब हेडमास्टर थे, लेकिन इसकी कमान सोनिया गांधी के हाथ में है। आखिर एक रात में ऐसा क्या हुआ, जो शिव सेना ने अपना रुख बदल दिया।
पी चिदंबरम : मुझे उम्मीद है कि न्यायपालिका इस बिल को अवैध करार देगी और 'आइडिया ऑफ इंडिया' को बचाएगी।
अमित शाह : मुझे आइडिया ऑफ इंडिया की बात मत बताइए। मैं भी यहीं पैदा हुआ हूं और मेरी सात पुश्तें यहीं पैदा हुई हैं। मुझे आइडिया ऑफ इंडिया का अंदाजा है।
गुलाम नबी आजाद, नेता प्रतिपक्ष, राज्यसभा : इस बिल में श्रीलंका के हिंदुओं को क्यों नहीं शामिल किया गया। भूटान से आने वाले ईसाइयों को शामिल क्यों नहीं किया गया?
अमित शाह : जब इंदिरा जी ने 1971 में बांग्लादेश के शरणार्थियों को स्वीकारा, तब श्रीलंका के शरणार्थियों को क्यों नहीं स्वीकारा। समस्याओं को उचित समय पर ही सुलझाया जाता है। इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।
डेरेक ओ ब्रायन : ये बिल सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा क्योंकि इनकी नींव झूठ, झांसा और जुमला है।
अमित शाह : कोई भी व्यक्ति अदालत जा सकता है। सभी के लिए दरवाजे खुले हैं। मुझे विश्वास है कि अदालत में भी कानून सही पाया गया।