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पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी अंतिम समय कही ये बड़ी बात, मोदी जी, 'मैं अब भगवान के एयरपोर्ट के प्रस्थान लाउंज में हूं और आप जल्द ही निपटा दें ये काम!
राम जेठमलानी का आज 95 साल की उम्र में निधन हो गया जेठमलानी सुविख्यात वकील होने के साथ साथ लंबे समय तक राजनीति में भी सक्रिय रहे NDA में केंद्रीय मंत्री बने ओर भाजपा में अंदर बाहर होते रहे.... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राम जेठमलानी के निधन पर दुख जताया है उन्होंने कहा कि राम जेठमलानी को हमेशा उनकी तर्कों के लिए याद किया जाएगा
वैसे जेठमलानी अपनी राजनीतिक सक्रियता के अंतिम दौर में मोदी जी से बड़े प्रभावित हुए ओर कालेधन को विदेशी बैंकों से वापस लाने की मांग को लेकर वह नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की भी बात करते रहे लेकिन मोदी जैसे ही सत्ता में आये वह काले धन को लगभग भूल ही गए धीर-धीरे राम जेठमलानी, पीएम मोदी से नाराज होने लगे और एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने बयान दिया कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की मांग का समर्थन करना उनकी सबसे बड़ी नासमझी थी. उन्होंने कहा, विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस लाने समेत तमाम वादों के मद्देनजर उन्होंने नरेंद्र मोदी का सहयोग किया था, लेकिन अब वह खुद को इसके लिए गुनहगार और ठगा हुआ महसूस करते हैं.
मोदी जी, 'मैं अब भगवान के एयरपोर्ट के प्रस्थान लाउंज में बैठा हूं और मुझे आपके कुछ नहीं, कुछ भी नहीं चाहिए. अब आप वो वादे पूरे करें जो आपने इस देश से किए'
- राम जेठमलानी
भाजपा ने 2014 की चुनावी मुहिम के दौरान एक विशेष समिति बनाई थी जिसने विदेशों में रखे भारतीयों के काले धन का एक अंदाज़ा लगाया था जो एक खरब डॉलर के करीब था और इस काले धन की राशि देश की जीडीपी के 45 से 70 प्रतिशत के बराबर है ..........
रामदेव और अन्ना हजारे के आंदोलन अभी ताजे ताजे ही निबटे थे तब काले धन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष जांच दल का गठन किया था, जिसका काम उन लोगों के ख़िलाफ़ जांच करना है जिनके नाम काले धन की लिस्ट में कथित तौर पर है .........इस जांच दल को ये भी देखना था कि काला धन देश में वापस कैसे लाया जा सकता है........
इसके अध्यक्ष राम जेठमलानी थे ..........वे तब हैरान रह गए जब वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उन्हें सिर्फ तीन नाम बताये तब उन्होंने तंज करते हुए कहा था कि 'खोदा पहाड़, निकली चुहिया'
उस जांच दल का क्या हुआ किसी को पता नहीं चला लेकिन धीरे धीरे राम जेठमलानी मोदी जी की कार्यप्रणाली से निराश होते चले गए......... ओर काले धन पर 2017 राम जेठमलानी ने एक ब्लॉग लिख कर मोदी सरकार को जमकर लताड़ा था उन्होंने लिखा था......
''प्रिय मोदी जी, इस शानदार जीत पर ढेरों बधाई. मैं खुश हूं इसमें थोड़ी बहुत भूमिका मेरी भी रही है. लेकिन मैं आपको ये बताने के लिए लिख रहा हूं कि मैं अब भगवान के एयरपोर्ट के प्रस्थान लाउंज में बैठा हूं और मुझे आपके कुछ नहीं, कुछ भी नहीं चाहिए. अब आप वो वादे पूरे करें जो आपने इस देश से किए.''
अब मैं आपकी नाकामियों की सूची बताता हूं. ये सिर्फ़ आपकी बड़ी ख़ामियां हैं.
1. आप इस वादे पर चुनाव जीते थे कि 90 लाख करोड़ रुपए के बराबर का काला धन लाएंगे.
2. आपने हर गरीब परिवार के खाते में 15 लाख रुपए देने का वादा किया था.
3. संयुक्त राष्ट्र ने चार साल काम किया और साल 2004 में युनाइटेड नेशंस कनवेंशन अगेंस्ट करप्शन पेश किया जो कई देशों से चोरी किए गए काले धन से निपटने के लिए था. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस पर दस्तख़त किए लेकिन डॉक्यूमेंट ऑफ़ रेटिफ़िकेशन नहीं जमा कराया जिसके बिना ये कनवेंशन बाध्यकारी नहीं होता. और आपने भारत को इस फ़र्जीवाड़े के बारे में कुछ नहीं बताया.
4. जर्मन सरकार ने लिचटेंस्टेन बैंक के एक कर्मचारी को 47.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देकर साल 2008 की शुरुआत में 1400 नामों का पता लगाया. स्विस बैंकर्स एसोसिएशन और जर्मन सरकार ने बताया कि इस लिस्ट में ज़्यादातर भारतीय अपराधियों के नाम थे.
जर्मनी ने सार्वजनिक तौर पर भारत से इस बारे में जानकारी साझा करने की पेशकश की, वो भी बिना किसी शर्त या खर्च के. लेकिन ना तो सरकार ने इसे स्वीकार किया और ना भाजपा के किसी नेता ने. इसके बाद मैंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया लेकिन मेरे या मेरे साथी याचिकाकर्ताओं को आपकी तरफ़ से कोई मदद नहीं मिली बल्कि अवरोध ही पैदा किए गए. भाजपा के तौर-तरीके भारत के साथ धोखा था. डॉ वैद्यनाथन की अगुवाई वाली भाजपा का टास्क फ़ोर्स ने अपनी 2009 की रिपोर्ट में कहा था कि जर्मन सरकार से तुरंत संपर्क किया जाना चाहिए लेकिन आपने जिन लोगों को पदों पर तैनात किया है, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया.
5. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2011 को अपना फ़ैसला सुनाया. सभी जानते थे कि फ़ैसला मेरे और मेरे साथियों के पक्ष में आएगा.
6. सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष ने स्विट्ज़रलैंड के वित्त मंत्री को बुलाया और गोपनीय प्रोटोकॉल माना, जिसमें दो ख़तरनाक शर्तें थीं:
क. भारत अतीत नहीं बल्कि भविष्य में जानकारी मांगेगा. मैं समझता हूं कि इसका क्या मतलब है.
ख. भारत यूनाइटेड नेशंस कनवेंशन 2004 नहीं बल्कि डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस ट्रीटी इस्तेमाल करेगा.
7. मैंने ये मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया और इसे काफ़ी सुर्खियां मिलीं. तब आपने मुझसे संपर्क किया और वादा किया कि इस पेशकश का फ़ायदा उठाने के लिए साझा कोशिश की जाएगी. आपको मैंने ही बताया था कि ताकतवर अमरीका और दूसरी यूरोपीय सरकारों ने जानकारी हासिल की, इस्तेमाल की और फिर अपने ख़ज़ाने भरे लेकिन भारत में किसी ने ऐसा कुछ नहीं किया.
मैंने अपनी नासमझी में ये भी कहा था कि आप देश के अगले प्रधानमंत्री होने चाहिए. आपने इस वादे के बल पर मेरा भरोसा और साथ जीता कि आपका एजेंड़ा विदेशी बैंकों में रखा काला धन है जो आपके चुनावी अभियान का हिस्सा भी था.
8. मैंने आपसे हमेशा कहा था कि इस फ्रॉड से पर्दा हटना चाहिए. डीटीएटी कोई अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज़ नहीं बल्कि भारतीय आय कर अधिनियम के सेक्शन 90 के तहत आता है. ये अपराधियों पर लागू नहीं होता बल्कि उन ईमानदार करदाताओं पर होता है जिन्हें एक से ज़्यादा मुल्क़ों में अपनी कमाई पर टैक्स देना होता है.
मुझे बताइए प्रधानमंत्री, आपने पद संभालने के बावजूद जर्मन सरकार से वो करने का आग्रह नहीं किया जो उससे दूसरे रईस मुल्कों के लिए किया है. आपको अपने वित्त मंत्री से इस बारे में पूछना चाहिए था. लेकिन आप भी देश से हो रहे धोखे में एक चुप साथी बन गए.
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में वित्त मंत्री ने बताया कि वो कई देशों के साथ अमेंडेड डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस ट्रीटी कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस के फ़ैसले का पूरा साथ दिया और भारत से धोखा किया...
राम जेठमलानी का ये ब्लॉग 9 पन्नों में था और इसमें उन्होंने कुल 18 बिंदु उठाए थे........उन्हें नमन