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भारतीय जनता पार्टी पिछले कई सालों से प्रभु श्री राम के मंदिर को लेकर आन्दोलन कर रही है. जबकि उन्हीं के परम प्रिय शिष्य हनुमान जी बीजेपी से नाराज चल रहे है. एसा क्यों हो रहा है?
बता दें कि कई ग्रन्थों में इस बात का उल्लेख है कि कलियुग में हनुमान जी की पूजा करने वाले व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जायेगा. और जब भी प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी की पूजा करके उन्हें प्रसन्न कर ;लिया जाएगा तो तुरत ही आपको फल मिलेगा. अर्थात कलियुग में हनुमान जी महाराज तुरत फलदाई देवता साबित होगें . यह बात सभी महत्त्वपूर्ण गर्न्थों में लिखी हुई है. फिर बीजेपी से हनुमान जी इतने बाराज क्यों है.
क्या बीजेपी प्रभु श्री राम के नाम पर दिखावा की राजनीत करके वोट बेंक का खेल खेलती है जिसकी जानकारी हनुमान जी को हो चुकी है कि बीजेपी प्रभु श्री राम को धोखा देकर उनके नाम पर सरकार चलाती रही है. और अंत में आकर उनके मंदिर निर्माण का रास्ता भी कोर्ट के मार्फत साकार करा पाई है. इसलिए यह बीजेपी प्रभु राम की विरोधी है और हम इसका अहित करेंगे. तो लिहाजा हनुमान जी बीजेपी का नुकसान कर देते है.
पहले राजस्थान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी का सहारा लेकर प्रचार प्रसार किया और राजस्थान में बीजेपी की सरकार चली गई. उसके बाद बीजेपी ने हनुमानजी का सहारा नहीं लिया लेकिन भूलवश केजरीवाल हनुमानजी के मंदिर चले गये और बीजेपी ने उसका बाद इश्यु बना लिया तो दिल्ली में सफाया हो गया. अब बीजेपी को हनुमानजी ने अपने कोप में फांस लिया है और उसकी जीत मुश्किल कर दी है.
अब आने वाले किसी भी चुनाव में बीजेपी को हनुमान जी से परहेज करना पड़ेगा वरना परिणाम अच्छे नही आयेंगे.