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लोकसभा में अगर राहुल गांधी नहीं तो कौन बनेगा सदन का नेता?
कांग्रेस में अब सदन का नेता कौन बनेगा इस मंथन हो रहा है. वहीं एक सवाल भी बना हुआ है की अगर लोकसभा में अगर राहुल गांधी नहीं तो कौन बनेगा सदन का नेता? कांग्रेस में इस पद के लिये फिलहाल चार नाम की चर्चा बड़े जोर शोर से है.
इन चार नामों में सबसे पहले नाम पर कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी का है. मनीष तिवारी पंजाब प्रांत की आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से सांसद है. यह सीट जीतकर उन्होंने अकाली बीजेपी गठबंधन को बड़ा झटका दिया था. चूँकि कांग्रेस ने देश में पंजाब से एक बड़ी जीत अर्जित की जब उसकी करारी हार हुई थी.
दूसरा नाम केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से सांसद शशि थरूर का है. जो कांग्रेस की सबसे बड़ी पसंद बताये जा रहे है जिसका कारण केरल से कांग्रेस की बड़ी जीत में थरूर की अहम भूमिका है जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी भी इसी प्रदेश से सासंद बने है इसलिए कांग्रेस यह जिम्मेदारी किसी दक्षिण भारतीय को देना चाहती है.
तीसरा नाम केरल के ही सांसद के सुरेश का है उनके पीछे भी वही कारण है कि कांग्रेस की बड़ी जीत में केरल प्रदेश का बड़ा रोल रहा है. इसलिए यह पद किसी दक्षिण भारतीय नेता को दिया जाय ताकि वोटर पर भी एक दबाब बना रहे. कांग्रेस को पंजाब और केरल से सबसे बड़ी जीत मिली है.
चौथा और अंतिम नाम बंगाल से एकमात्र सांसद अधीर रंजन का है. पार्टी चाहती है कि जब बंगाल में बीजेपी और ममता की लड़ाई चल रही है तो बंगाल के नेता को यह पद देकर कांग्रेस बंगाल में भी कुछ नया कर सके. क्योंकि बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है और पार्टी वहां विपक्ष में है.
अब देखना है कि कांग्रेस किस तरह से यह निर्णय लेती है हालांकि इन चार नामों में से ही एक नाम लोकसभा में नेता के पद के लिए घोषित होना चाहिए. वैसे सबका मानना यही है कि यह जिम्मेदारी राहुल गाँधी को खुद ही वहन करें तो एक अच्छा संदेश जाएगा.