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LIVE: नागरिकता बिल पर कांग्रेस के आनंद शर्मा रखे विपक्ष के तर्क, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लिये नाम
नागरिकता संशोधन विधेयक को होम मिनिस्टर अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि ये बिल उन लोगों को, जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हैं, उन्हें नागरिकता देने का बिल है। कुछ विशेष छूट भी इस निश्चित वर्ग के लिए हमने सोची हैं। साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के अधिकारों, उनकी भाषा, संस्कृति और उनकी सामाजिक पहचान को संरक्षित करने के लिए भी हम प्रावधान लेकर आये हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली. पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं. इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।
12:37 PM, 11-DEC-2019
कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन विधेयक का राज्यसभा में भी विरोध किया। आनंद शर्मा ने कहा कि इस विधेयक को पारित करवाने को लेकर सरकार को इतनी जल्दीबाजी क्यों है। इसके विरोध का कारण राजनैतिक नहीं है। नागरिकता का मतलब भूगोल से नहीं बल्कि जन्म से होता है। यह संविधान की नींव पर हमला है। इतिहास से छेड़छाड़ अन्याय होगा। विभाजन की पीड़ा सबको है। कांग्रेस पर विभाजन के आरोप लगाए गए।
12:57 PM, 11-DEC-2019
आनंद शर्मा ने कहा कि असम में आज बच्चे सड़क पर क्यों हैं, जो डिटेंशन सेंटर बनाया गया है तो वहां पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजना चाहिए. किसी राजनीतिक दल का घोषणापत्र देश का संविधान नहीं हो सकता है. असम में आज लोग जल रहे हैं, उनके मन में असुरक्षा है लेकिन आप पूरे देश में NRC लाने की बात कह रहे हैं.
12:48 PM, 11-DEC-2019
कांग्रेस नेता ने कहा कि अभी तक 9 संशोधन आए, गोवा, दमन-दीव, पुड्डूचेरी, युंगाडा, श्रीलंका, केन्या से आए लोगों को भारत की नागरिकता दी गई. 6 साल देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी थे, क्या उनपर भी सवाल खड़ा करेंगे. नागरिकता देते वक्त संसद ने धर्म को आधार नहीं बनाया, ये बिल आर्टिकल 14 का उल्लंघन है.आनंद शर्मा ने कहा कि आपका ये बिल संविधान की परीक्षा में फेल होता है. भारत ने सदियों से लोगों को शरण दी है, यहूदी-पारसी-ईसाई सभी को भारत ने शरण दी थी. कांग्रेस नेता ने इस दौरान 9/11 का जिक्र किया, लेकिन 126 साल में 9/11 पर चार घटनाएं हुई हैं. महात्मा गांधी का सत्याग्रह भी 9/11 को शुरू हुआ था. 9 सितंबर को ही स्वामी विवेकानंद ने भाषण दिया था, उन्होंने कहा था कि मैं ऐसे देश से संबंध रखता हूं जो हर धर्म के लोगों को शरण देता है.
12:35 PM, 11-DEC-2019
आनंद शर्मा बोले कि ये बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी. भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है. पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने हैं.कांग्रेस नेता बोले कि टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी थी, वो सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी. आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा, ये राजनीति बंद होनी चाहिए।
12:33 PM, 11-DEC-2019
कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने कहा कि पहले और अब के बिल में काफी अंतर है, सबसे बात करने का जो दावा किया जा रहा है उससे मैं सहमत नहीं हूं. इतिहास इसको कैसे देखेगा, उसे वक्त बताएगा. कांग्रेस नेता बोले कि इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता.आनंद शर्मा ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है. ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है. ये बिल लोगों को बांटने वाला है. हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी. बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इसपर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था।