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क्या मोदी मंत्रिमंडल के इन पांच मंत्रियों की छुट्टी तय!
लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने के बाद एनडीए की सरकार बननी तय है। एक बार फिर प्रधानमंत्री का पद नरेंद्र मोदी को ही मिलना है। लेकिन उनकी नई टीम में पुराने कुछ मंत्रियों की छुट्टी तय हो चुकी है। इसमें तीन की छुट्टी तो लोकसभा चुनाव से पहले ही हो चुकी थी, जबकि दो केंद्रीय मंत्रियों की छुट्टी चुनाव परिणाम के बाद तय हुई है।
केंद्र में वित्त मंत्री अरुण जेटली नई सरकार में मंत्री नहीं रहेंगे। स्वास्थ्य कारणों से जूझने के बावजूद अरुण जेटली मोदी सरकार के अहम मंत्री रहें हैं लेकिन अब संभावना है कि, वे नई सरकार में मंत्री नहीं रहेंगे। इसी कारण अरुण जेटली ने इस बार चुनाव भी नहीं लड़ा था। हालांकि 2014 में भी उन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव हारने के बाद भी नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था और वित्त मंत्री बनाया था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल से बाहर हो सकती हैं। स्वास्थ्य कारणों से सुषमा स्वराज ने पहले ही मध्यप्रदेश की विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। ऐसे में पूरी संभावना है कि वो नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से बाहर ही रहें।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी लोकसभा चुनाव से पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। भाजपा ने उमा भारती के इस फैसले को स्वीकार भी कर लिया और उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया। संभावना है कि उमा भारती संगठन के काम में अधिक दिलचस्पी लेंगी। हालांकि उमा भारती चुनावी राजनीति को अलविदा नहीं कह रही हैं। उमा भारती ने कहा है कि पार्टी चाहेगी तो वे 2024 में लोकसभा चुनाव अवश्य लड़ेंगी।
केंद्र में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को बेहतर प्रदर्शन वाला मंत्री माना गया। 2019 में बन रही नई सरकार में उनकी प्रोन्नति की भी चर्चा रही है। लेकिन मनोज सिन्हा चुनाव हार गए हैं। उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट से चुनाव लड़े मनोज सिन्हा को बहुजन समाज पार्टी के अफजल अंसारी हराया। ऐसे में मनोज सिन्हा का पीएम नरेंद्र मोदी की नई टीम में शामिल होना लगभग मुश्किल है।
पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में गृह राज्यमंत्री रहे हंसराज अहीर भी एनडीए के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल से बाहर हो सकते हैं। हंसराज अहीर महाराष्ट्र के चंद्रपुर लोकसभा सीट से 2014 में सांसद बने थे लेकिन इसी सीट पर 2019 में वे हार गए हैं। हंसराज अहीर को कांग्रेस सुरेश नारायण धनोरकर ने हराया है। अब चुनाव हारने के बाद हंसराज अहीर की मंत्रिमंडल में प्रवेश पर ग्रहण लग गया है।