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जानिए- लोकसभा चुनाव 2019 में दस दिग्गज जो मोदी लहर में हुए चित

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24 May 2019 4:31 AM GMT
जानिए- लोकसभा चुनाव 2019 में दस दिग्गज जो मोदी लहर में हुए चित
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लोकसभा चुनाव के परिणामों ने साबित कर दिया कि देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के पांच साल के कामों पर मोहर लगा दी है

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के परिणामों ने साबित कर दिया कि देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के पांच साल के कामों पर मोहर लगा दी है और आगे के लिए भी उनपर भरोसा जताया है। बीजेपी के बड़े नेताओं में केंद्रीय मंत्री रहे मनोज सिन्हा के अलावा सभी जीत गए हैं। वहीं विपक्ष के कई बड़े नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं जो अमेठी में स्मृति ईरानी के सामने टिक नहीं पाए। आइए जानते हैं वे 10 बड़े नाम जिन्हें चुनाव में जीत नसीब नहीं हो पाई।

राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं। यहां से उनके पिता राजीव गांधी भी चुनाव लड़ते रहे। इस सीट को बचाना कांग्रेस की प्रतिष्ठा का सवाल था लेकिन स्मृति इरानी ने उन्हें 54,731 वोटों से हरा दिया। हालांकि केरल के वायनाड में राहुल को पांच लाख वोटों से जीत हासिल हुई।

शीला दीक्षित

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इस बार दिल्ली की दिल्ली नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी थीं। उन्हें बीजेपी के मनोज तिवारी से तीन लाख 63 हजार वोट से हारना पड़ा। शीला दीक्षित 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी है। 1998 से 2003 तक उनके नेतृत्व में कांग्रेस दिल्ली का चुनाव जीतती रही लेकिन इस बार उन्हें खुद दिल्ली की सीट पर बड़ी हार का सामना करना पड़ा।

मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। उन्हें बीजेपी के डॉ. उमेश जी जाधव ने 94.140 वोटों से हरा दिया। यूपीए सरकार में वह रेल मंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। कांग्रेस के दिग्गज खड़गे नौ बार विधायक रह चुके हैं। 1972 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद 2009 और 2014 में वह लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।

मनोज सिन्हा

केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर सीट पर बीएसपी के अफजाल अंसारी से एक लाख 20 हजार वोट से हार गए। गाजीपुर सीट पर पिछले तीन दशक से कोई सांसद लगातार दूसरी बार जीत नहीं दर्ज कर पाया। मनोज सिन्हा पहली बार 1996 में बीजेपी के टिकट से संसद पहुंचे थे लेकिन 1998 में वह चुनाव हार गए। 1999 में वह फिर चुनाव जीते लेकन 2004 में हार गए। वह तीन बार गाजीपुर सीट से संसद पहुंचे लेकिन इस बार नहीं जीत पाए।

संजय निरुपम

कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से हार गए। यहां से शिवसेना के गजानन कीर्तिकर ने जीत दर्ज की है। वह लगभग दो लाख 50 हजार वोट से हार गए। इससे पहले 2014 में भी गजानन ने ही जीत दर्ज की थी। इसके अलावा मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को भी हार का सामना करना पड़ा। उर्मिला मातोंडकर भी मुंबई नॉर्थ सीट से चुनाव हार गईं।

महबूबा मुफ्ती

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीएफ की प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी अनंतनाग सीट से चुनाव हार गईं। उन्हें नैशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने शिकस्त दी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर रहे और महबूबा तीसरे पायदान पर रहीं। 1996 में राजनीति में कदम रखने के बाद यह उनकी दूसरी हार है। 1999 में वह श्रीनगर लोकसभा से उपचुनाव में हार गई थीं।

शत्रुघ्न सिन्हा

बिहार की पटना साहिब सीट से अभिनेता और नेता कांग्रेस के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को शिकस्त झेलनी पड़ी। यहां बीजेपी के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जीत दर्ज की। बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा 16वीं लोकसभा में पटना साहिब से ही सांसद थे। वह कुछ दिन पहले ही बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और फिर उन्हें पुरानी सीट से ही टिकट दिया गया था।

सुशील कुमार शिंदे

यूपीए सरकार में गृह मंत्री रह चुके सुशील कुमार शिंदे को भी मोदी लहर भारी पड़ी। वह महाराष्ट्र की सोलापुर सीट से हार गए। उन्हें बीजेपी के जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य से हार का सामना करना पड़ा। वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वह दो बार राज्यसभा से सांसद रहे और बड़े मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। उन्हें बाद में तमिलनाडु का गवर्नर भी बनाया गया।

भूपिंदर सिंह हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को बृहस्पतिवार को आए लोकसभा चुनाव परिणामों में हार का सामना करना पड़ा। हुड्डा को सोनीपत सीट से भाजपा उम्मीदवार रमेश चंद्र कौशिक ने हराया। चुनाव आयोग के अनुसार कौशिक ने 1,64,864 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। 2005 से 2014 तक दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हुड्डा फिलहाल रोहतक जिले की गढ़ी सांपला-किलोई सीट से विधायक हैं। उन्होंने 14 साल बाद लोकसभा का चुनाव लड़ा था। 71 वर्षीय हुड्डा चार बार रोहतक लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं।

शरद यादव

बिहार के मधेपुरा सीट से आरजेडी के उम्मीदवार शरद यादव भी चुनाव हार गए। वह लालू प्रसाद यादव को भी चुनाव में हरा चुके हैं। इसी सीट से पप्पू यादव तीसरे स्थान पर रहे। यहां से बीजेपी के दिनेशचंद्र यादव ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर जब भी शरद यादव और पप्पू यादव आमने सामने आए हैं तो शरद को हार ही नसीब हुई लेकिन इस बार बाजी तीसरे के हाथ लग गई।

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