राष्ट्रीय

इन सात सीटों का गणित बिगाड़ सकता है बीजेपी की केमिस्ट्री

Special Coverage News
27 April 2019 7:53 AM GMT
इन सात सीटों का गणित बिगाड़ सकता है बीजेपी की केमिस्ट्री
x

2014 में यूपी की कट्टर सीटों पर जीत हासिल कर केंद्र में सरकार बनाने वाली बीजेपी के लिए 2019 में इन सीटों पर विजय पाना आसान नहीं होगा. छठे और सातवें चरण की जिन 27 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है, उनमें से सात सीट ऐसी हैं जहां 2014 के चुनाव में सपा और बसपा के प्रत्याशी को मिले वोट को अगर जोड़ दिया जाए तो वह संख्या बीजेपी प्रत्याशी को मिले वोट से करीब एक लाख से ज्यादा है. ऐसे में बीजेपी के लिए इन सीटों पर दोबारा जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती होगी. सपा बसपा गठबंधन के तुरंत बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस बात को नकारा जरूर था कि राजनीति में हमेशा दो और दो चार नहीं होते. हालांकि इसके बाद भी बीजेपी इन सीटों को कतई हल्के में नहीं ले रही है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने नामांकन के बहाने वाराणसी में 2 दिन बिताकर पूरे पूर्वांचल और आसपास की सीटों की कोशिश की है. छठे और सातवें चरण की 7 सीटों के बारे में संक्षेप में बताया गया है.

अंबेडकर नगर: मुकुट बिहारी की राह आसान नही

अंबेडकर लोकसभा सीट पर 2014 में बीजेपी प्रत्याशी हरिओम पांडे को 4,32,104 वोट मिले थे. वहीं सपा प्रत्याशी राम मूर्ति वर्मा को 2,34,467 वोट मिले थे. और बसपा प्रत्याशी राकेश पांडे को 2,92,675 वोट मिले थे.

बस्ती: हरीश के लिए लड़ाई बनी परेशानी

लोकसभा सीट से सांसद हरीश द्विवेदी 33,562 वोट से जीते थे. लेकिन सपा बसपा गठबंधन के बाद परिस्थितियां बदली हुई है. 2014 में बस्ती लोकसभा सीट पर सपा और बसपा प्रत्याशी का वोट जोड़ें तो दोनों को कुल मिलाकर 6,00,000 से भी ज्यादा वोट मिले थे ऐसे में हरीश द्विवेदी के लिए गठबंधन के प्रत्याशी को हराना आसान नहीं होगा.

संतकबीर नगर: निषाद की परीक्षा भी कठिन

संत कबीर नगर से बीजेपी गोरखपुर के मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. उप चुनाव में गोरखपुर लोकसभा सीट से जीतने वाले प्रवीण निषाद के लिए 2019 के चुनाव में सीट से जीत हासिल करना आसान नहीं होगा. 2014 में संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को 3,488,92 वोट मिले थे. वहीं बसपा के कुशल तिवारी को 2,50,914 वोट सपा के प्रत्याशी भालचंद्र यादव को 2,40,167 वोट मिले थे और यदि सपा बसपा की फोटो को मिला लिया जाए 2 गए बीजेपी के उम्मीदवार से 1,42,000 ज्यादा वोट मिले.

इलाहाबाद: रीता बहुगुणा के लिए चुनौती

2014 में इलाहाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी श्यामाचरण गुप्ता को 3,13,772 वोट मिले थे. वहीं सपा प्रत्याशी रेवती रमण सिंह को 2,51,763 और बसपा प्रत्याशी केसरी देवी को 1,62,073 वोट मिले थे. अगर सपा और बसपा के वोटों को जोड़ लिया जाए तो बीजेपी प्रत्याशी से कहा कि आगे होंगे.

डुमरियागंज: जगदंबिका पाल को गठबंधन से मिलेगी टक्कर

2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए जगदंबिका पाल को 2,98,845 वोट मिले थे. जबकि बसपा प्रत्याशी 1,95,257 और सपा प्रत्याशी माता प्रसाद को 1,74,778 वोट मिले. 2014 में सपा बसपा को बीजेपी के 71 हजार ज्यादा वोट मिले थे.

गाजीपुर: मनोज को अफजाल की चुनौती

केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार है. 2014 में मनोज सिन्हा यहां से 32,452 वोटों से जीते थे. तभी सपा और बसपा के वोटों को मिलाया जाए तो वह बीजेपी प्रत्याशी को 2,00,000 वोटों से हरा देते.

लालगंज: गठबंधन के सामने नीलम के लिए मुकाबला आसान नहीं

2014 में लालगंज लोकसभा सीट से नीलम सोनकर बीजेपी के टिकट पर सांसद बनी थी. उन्हें 3,24,016 वोट मिले थे. अब इस सीट का गणित बदला है उसमें जीत हासिल करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. 2014 में बीएसपी और सपा को मिले वोटों को जोड़ दें तो सपा-बसपा बीजेपी से करीब 1,70,000 वोट ज्यादा मिले थे. ऐसे में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी नीलम के लिए मुकाबला भाषा में

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story