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सोनिया के इस पहले निर्णय से कांग्रेसियों में मचा हडकम्प!

Special Coverage News
13 Aug 2019 4:08 PM GMT
सोनिया के इस पहले निर्णय से कांग्रेसियों में मचा हडकम्प!
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इसका सीधा असर उन नेताओं पर होगा जिनको एक से अधिक पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें मध्य प्रदेश के भी कई बड़े नेता हैं जो एक से अधिक पद पर हैं।

कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का चयन किया है। सोनिया गाँधी कमान संभालते ही एक्शन मोड में हैं। वह जल्द ही पार्टी में एक नया फॉर्मूला लागू करने वाली हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ''एक व्यक्ति-एक पद'' रणनीति पर सोनिया जल्द फैसला ले सकती हैं। इसका सीधा असर उन नेताओं पर होगा जिनको एक से अधिक पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें मध्य प्रदेश के भी कई बड़े नेता हैं जो एक से अधिक पद पर हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास भी प्रदेश अध्यक्ष का पद है। सोनिया के इस फैसले से नाथ से भी पसीसी का पद वापस लिया जाएगा। जिसके बाद नए अध्यक्ष चुनने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालाँकि मुख्यमंत्री पहले ही प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं।

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कमलनाथ को पार्टी की कमान सौंपी थी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में जीत कर सरकार बनाने मे कामयाब हुई। यह जीत इसलिए भी कांग्रेस के लिए अधिक महत्वपूर्ण थी क्योंकि उसे मध्य प्रदेश में बीते 15 साल से जीत का इंतजार था। हालांकि, कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का भी फैसला लिया। जिसके बाद उनके कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई। प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ वह मुख्यमंत्री भी हैं। हाल ही में हुई लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के पीसीसी पद से इस्तीफा देने की बातें भी सामने आईं थी। लेकिन कहा जा रहा था पार्टी ने उनका इस्तीफा फिलहाल स्वीकार नहीं किया है। हालांकि, प्रदेश में भी लंबे समय से नए अध्यक्ष को लेकर कई नेता दौड़ में शामिल हैं। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और दो कैबिनेट मंत्रियों के भी नाम चर्चा में है।

हालांकि, यह फैसले सोनिया पर भी लागू होगा या नहीं इस पर संशय बना हुआ है। वह खुद भी अंतरिम अध्यक्ष के साथ साथ संसद में पार्टी के संसदीय दल की नेता भी हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोनिया पार्टी अध्यक्ष के नाते संगठन की नेता हैं। वहीं, संसदीय दल के नेता के तौर पर वह संसद में पार्टी की मुखिया हैं। इसलिए इस फैसले के दायरे में सोनिया नहीं आएंगी। वहीं अगर यह फॉर्मूला लागू होता है तो पार्टी के कई बड़े नेता इसके दायरे में आएंगे

इनके पास एक से अधिक पद

कांग्रेस पार्टी में अभी कई बड़े नेताओं के पास 2 या 3 पद हैं, वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ राष्ट्रीय महासचिव हैं, इसके अलावा वह पार्टी के हरियाणा प्रभारी भी हैं। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पास राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी है। इसी तरह नाना पटोले किसान मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष होने के साथ महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष हैं, नितिन राउत महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने के साथ पार्टी के अनुसूचित जाती सेल के अध्यक्ष हैं। उमंग सिंगार मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री होने के साथ झारखंड के प्रभारी हैं।

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