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आज़म से भिड़ने वाली रमा सिंह कौन है? इनके पति की हत्या यूपी डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला ने की थी, जानिए पूरी बात!
पटना: इन दिनों बिहार के शिवहर से पिछली तीन बार से सांसद रमा देवी सुर्ख़ियों में हैं. गुरुवार को लोकसभा में पीठासीन सभापति रमा देवी पर समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म ख़ान ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी उसके बाद से सभी राजनीतिक दल उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं सांसद रमा देवी ने भी माफी और कार्रवाई की मांग की है. शुक्रवार को भी लोकसभा में इस पर चर्चा हुई और लगभग सभी पार्टी के सांसदों ने आजम के खिलाफ ऐक्शन लेने की मांग की लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से की है.
एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत में रमा देवी ने कहा 'जब उन्होंने (आजम खान) ने वह बयान दिया, तब मैं आसन पर बैठी थी. वह ऐसी जगह हैं, जहां सबको बराबर और समभाव से देखा जाता है. मैंने उस आसन का सम्मान किया. आजम खान दूसरी तरफ देखकर बोल रहे थे, मैंने उन्हें आसन की तरफ मुखातिब होकर अपनी बात रखने को कहा, लेकिन इसके बाद उन्होंने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया उसको मैं दोहराना नहीं चाहती हूं.' रमा देवी ने कहा कि, 'आजम खान ने जिस तरह की टिप्पणी की है उससे पूरे महिला समाज को धक्का लगा है और उनका अपमान हुआ है. मैं चाहती हूं कि आजम खान को कड़ी से कड़ी सजा मिले. हर पुरुष की एक मां, बहन, बेटी और पत्नी होती है. आजम खान की टिप्पणी न सिर्फ महिलाओं के लिए बल्कि पुरुषों की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला है.'
रमा देवी का पूरा परिचय
रमादेवी अभी तक लोकसभा के लिए चार बार जीत चुकी हैं. सबसे पहले 1998 में उन्होंने मोतिहारी सीट से राधा मोहन सिंह को हराकर संसदीय राजनीति में प्रवेश किया था. हालांकि मोतिहारी का वह चुनाव काफ़ी रक्तरंजित रहा क्योंकि उस चुनाव में निर्दलीय विधायक और उम्मीदवार देवेंद्र दुबे की हत्या हुई और उनके परिवार वालों ने आरोपी रामादेवी के अब स्वर्गीय पति बृज बिहारी प्रसाद को बनाया था.
पति की हुई थी हत्या
हालांकि रामा देवी के संसद सांसद चुने जाने के कुछ ही महीनों बाद मेधा घोटाले में उनके पति बृज बिहारी प्रसाद को जेल जाना पड़ा. लेकिन यह पूरे परिवार पर भारी पड़ गया क्योंकि ब्रज बिहारी प्रसाद की पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस परिसर में हत्या कर दी गई. उत्तर प्रदेश के डॉन श्री प्रकाश शुक्ला ने बृज बिहारी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं. माना जाता है कि देवेंद्र दुबे की हत्या का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. वह उस समय इलाज के लिए वहां भर्ती थे. अपने पति की मौत से अक्रोशित रमा देवी ने अपने घर पर जमा मीडिया वालों पर पुलिस की बंदूक़ तान दी थी और घोटाले के मामले में आरोपी होने के बाद रमा देवी और वैश्य समाज के दबाव में उस समय लालू यादव उनके सरकारी घर को स्मृति भवन और आदमक़द प्रतिमा लगवायी.
इसके बाद अगला लोक सभा चुनाव हारने के बाद रमा देवी विधायक बनीं और राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में शामिल हुई्ं. लेकिन लालू यादव उनसे हमेशा परेशान रहे क्योंकि रमा देवी अक्सर उन पर यह आरोप ज़रूर लगा देती थीं कि उनके पति कि हत्या में लालू यादव का भी हाथ है. हालांकि यह आरोप कभी साबित नहीं हुआ. लेकिन यह सच ज़रूर है कि अपने पति की हत्या में मुख्य आरोपी श्री प्रकाश शुक्ला के एन्काउंटर में यूपी एसटीएफ़ को उन्होंने जमकर मदद ज़रूर की थी.
लेकिन ये बहुत कम लोग जानते हैं कि साल 2009 में आरजेडी से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस में जाने की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन इसी बीच मोतिहारी से वर्तमान BJP सांसद राधा मोहन सिंह ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्यौता दिया और शिवहर से टिकट दिलवाने का भी आश्वासन दिया. उनके कहने पर रमा देवी को टिकट मिला और NDA के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता और तब से अब तक वो चुनाव नहीं हारीं.