जयपुर

राजस्थान की राजनीति में विकास के सतरंगी रंग भरने के शिल्पी और विकास पुरुष है अशोक गहलोत

Special Coverage News
26 Dec 2018 5:23 PM GMT
राजस्थान की राजनीति में विकास के सतरंगी रंग भरने के शिल्पी और विकास पुरुष है अशोक गहलोत
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राजस्थान राज्य मे राजनीति के जादूगर माने जाने वाले अशोक गहलोत के राजनैतिक कोशल का लोहा आज सम्पूर्ण देश में माना जा रहा है। शातं सोम्य भावनाओं के आवेग से दूर रह कर शातंचित्त से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सधी हुई चाले चलने वाले गहलोत की जादूगरी के सामने भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का दम्भ चूर चूर हो गया है।देश के प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जुगलजोडी के द्वारा कांग्रेस मुक्त भारत की राह में अब राज्य के कर्मवीर अशोक गहलोत सीना तान कर खडे है। वर्ष 2014 की लोकसभा चुनाव की पराजय से आहत कांग्रेस पार्टी लगातार विधानसभा चुनाव में एक एक कर अपने शासन वाले राज्यों मे चुनाव हार कर सत्ता से बाहर होतीचली गई।


यही वो समय था जब अधिकांश कांग्रेसी नेताओं का आत्मविश्वास डोलने लगा था। स्वयं राहुल गांधी की राजनैतिक शैली का भाजपाई मजाक उड़ाते हुए अति आत्मविश्वास मे डूबे कांग्रेस मुक्त भारत की दम्भी भाषा बोलने लगे थे। कांग्रेस के नेतागण भाजपा की राजनैतिक पैतंरेबाजी मे उलझ कर भाजपा के मनचाहे मुद्दों मे बहस करने के कारण भाजपा को चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण करने का सुनहरा अवसर प्रदान करते रहे हैं। अति उत्साही भाजपा का पतन गाय माता के नाम पर दलित उत्पीड़न से शुरू होने लगा था जो अब तक जारी है। गाय के नाम पर गौरक्षकों की गुण्डागर्दी का शिकार जब तक अल्पसंख्यक समुदाय बन रहा था तब तक ही यह मुद्दा भाजपाइयों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा था। गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश राजस्थान राज्यों मे ज्योहीं गौभक्ति के नाम पर हुडदंगियों के द्वारा दलित समुदाय के बेगुनाह युवकों की मौत के समाचार आने लगे येही वो समय था जब भाजपा का वोट बैंक टूटने लगा था। ठीक इसी समय राजनीति के जादूगर अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब गुजरात राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रभारी बनाकर भेजा।


पंजाब राज्य में आशा के विपरीत भाजपा अकाली दल गठबंधन चुनाव हार गया। यही से अशोक गहलोत का जादू सिर चढकर बोलने लगा। गुजरात राज्यसभा चुनाव में मोदी अमित शाह के लाख जतन तोडफ़ोड़ करने के बाद भी अहमद पटेल को गहलोत ने राज्य सभा का चुनाव जिता दिया। पहली बार ही अशोक गहलोत के द्वारा भाजपा की मंदिर राजनीति का तोड गुजरात राज्य के चुनाव में ढूढां गया। इसके कारण ही काफी हद तक भाजपा चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण करने मे विफल हो गई। परिणाम स्वरूप मोदी अमित शाह के ग्रह राज्य गुजरात में भाजपा चुनाव हारते हारते बची। कर्नाटक राज्य के चुनाव में गहलोत की सूझबूझ के कारण ही पूरे देश में भाजपा की भद्द पिटी और साथ मे कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने मे भी सफल हो गया। राजस्थान राज्य में अपनी सरकार की नीतियों मे मुख्यमंत्री गहलोत ने समाज की अंतिम पंक्ति में खडे समाज के गरीब लोगों का भरपूर खयाल रखा था। राज्य में मुफ्त इलाज योजना, गरीब असहाय विधवा व्रद्ध पेंशन योजना, बीपीएल ऐपीएल परिवारों को अनाज पहुंचाना जैसी योजनाओं से गहलोत सरकार की लोकप्रियता बढी। जवाब देही पारदर्शी सरकार के कारण मजबूत कानून व्यवस्था जेसे सुकर्मों के बल पर गहलोत सरकार की नई छवि बनने लगी। इसी समय गहलोत सरकार ने राज्य में बिजली उत्पादन के विकास में नये कीर्तिमान स्थापित किए।


राज्य की राजधानी जयपुर को बसाने वाले राजा सवाई जयसिंह जयपुर के राजा के बाद यदी कोई राजधानी जयपुर में विकास के सतरंगी रंग भरने का शिल्पी है तो वह राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं।राजधानी में बरामदे खाली कराने का साहस गहलोत सरकार ने दिखाया था। राजधानी में हेरिटेज विरासत को बचा कर आधुनिकता का समावेशी विकास करना अशोक गहलोत सरकार की ही देन है। जयपुर के आगरा रोड पर बनी विश्व स्तरीय सुरंग योजना विशाल ओवरब्रिज बनाने जैसे काम गहलोत के शासन में ही हुये हैं।विश्व में अपनी पहचान गुलाबी नगरी के रूप में रखने वाले जयपुर शहर में मेट्रो रेल परियोजना की सोगात गहलोत सरकार की देन है अपने शासनकाल में किये गए विकास कार्यो के बल पर गहलोत की छवि आम जनता मे एक जन नायक की बन गई है जिसकी अनदेखी करना ना कांग्रेस आलाकमान के लिए सम्भव है और ना ही विपक्षी मोदी अमित शाह के लिए संभव है। अपनी भरसक कोशिश करने के बाद मोदी अमित शाह की भाजपा का धनबल बाहुबल और भ्रष्ट तानाशाह वसुंधरा राजे का अहंकार साधारण से दिखने वाले गहलोत के सामने धूल चाट गया।


यदि कांग्रेस आलाकमान राज्य में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना ने के नाम पर चुनाव लडता तो राज्य में कांग्रेस के पक्ष में प्रचंड वेग से आंधी चलती जिससे भाजपा का सूपडा साफ होना तय था। जनता के बीच अनिश्चय के भाव से चुनाव लडऩे का दाव कांग्रेस पर भारी पड गया ऐसा राजनैतिक पंडितों का मानना है।राज्य का मुख्य मंत्री जन भावना अनुरूप कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को बना कर जन भावना का सम्मान किया है। यदि गहलोत को फ्री हेंड देकर शासन करने दिया जाए तो एक बार फिर लोकसभा चुनाव में गहलोत का जादू देखने को मिल सकता है।बार बार दिल्ली दरबार की तरफ मुहं देखकर निर्णय लेने से राज्य में कांग्रेस पार्टी की फजीहत हो रही है। यह लक्षण आसन्न लोकसभा चुनाव की वेला पर ठीक नहीं है कांग्रेस आलाकमान को भी इसे समझने की जरूरत है।


















मोहम्मद हफीज पठान:- ब्यूरो चीफ राज.

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