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कक्षा छह में फेल होने के बाद हासिल किया UPSC की परीक्षा में दूसरा स्थान, अब है बूंदी जिले की जिलाधिकारी
राजस्थान के बूंदी जिले की आईएएस अधिकारी रुक्मणि रियार ने नये कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया. पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता मैं आम जनता के लोग जो अपनी समस्या लेकर आते हैं वो रहेंगे. ताकि उनकी समस्या का सबसे पहले निदान किया जाए. जिससे लोगों में विश्वास रहे कि प्रकरणों का या समस्याओं का निस्तारण हो रहा है.
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में पली बड़ी रुक्मणी ने 2011 में यूपीएससी की परीक्षा में पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया था. टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस से मास्टर्स डिग्री के लेने के बाद उन्होंने पहले चांस में ही यह बड़ी कामयाबी हासिल कर ली थी. सबसे खास बात यह है कि उन्होंने इस परीक्षा के लिए किसी प्रकार की कोई कोचिंग नहीं ली थी.
रुक्मणी का जन्म सेवानिवृत्त डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी होशियारपुर बलजिंदर सिंह के यहां हुआ था. उन्हें छोटी सी उम्र में ही बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया और वे स्कूल का दबाव सहन नहीं कर पाईं जहां कक्षा 6 में फेल हो गई. रुकमणी ने बताया फेल होने के बाद वह इतना घबरा गई थी और अक्सर डिप्रेशन में भी रहने लगी.
उन्होंने कहा कि फेल होने के बाद परिवार के लोग और शिक्षकों के सामने जाने की उनकी हिम्मत नहीं होती थी. किसी होने के बाद परिवार के लोग और शिक्षकों के सामने जाने की उनकी हिम्मत नहीं होती थी. बस सोच कर करा जाती थी कि फेल होने को लेकर उनके घरवाले और शिक्षक उनके बारे में क्या सोच रहे होगे. बहुत समय तक इस टेंशन करने के बाद मैंने सोचा इस समस्या का एक न एक दिन सामना करना होगा.
इसके बाद उन्होंने मन बना लिया कि कड़ी मेहनत करेंगे और अपना ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई में देने लगी. आईएएस रुक्मणी का मानना है कि यदि हम ठान लें तो असफलताएं हमारा रास्ता कभी नहीं रोक सकती हैं धैर्य और योजना के साथ तैयारी की जाए तो दुनिया की किसी भी परीक्षा में पास होने से नहीं रोक सकता है. रुकमणी अपनी इस सफलता का श्रेय पिता बलजिंदर सिंह माता तकदीर कौर और अपने शिक्षकों और सहयोगियों को देती है.