जयपुर

जयपुर पुलिस की सतर्कता से दंगों की आग में सियासी रोटी सेकने के मंसूबे हुए फेल!

Special Coverage News
11 April 2019 4:11 AM GMT
जयपुर पुलिस की सतर्कता से दंगों की आग में सियासी रोटी सेकने के मंसूबे हुए फेल!
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हमारे देश में धर्म के नाम पर बेगुनाह लोगों को मारने उनके घर जलाने का काम कुछ नेताओं की राजनीति चमकाने के लिए जरूरी हो गया है। किसी के जलते हुए मकान में या फिर किसी बेगुनाह आदमी की जलती हुई चिता पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकना धर्म नहीं अधर्म है। धर्म बेगुनाह आदमी के जीवन को बचाने में है किसी मासूम के सर से बाप का साया उठाने और हसते खेलते जीवन को नफरतों की आग मे जलाना अधर्म है। अपने कर्म से मन से ईमानदारी से किये प्रयासों से समाज में दंगों की आग को बुझाने वाले हमारे पुलिस अधिकारी सही मायने में परमात्मा के सच्चे प्रतिनिधि बन करधरती पर धर्म की स्थापना करने वाले है। जिस प्रकार धर्म की जड़ सदैव हरी रहती उसी प्रकार ईमानदार पुलिस अधिकारियों के परिवार में सदा खुशियों की सोगात बरसती रहती है। इस संसार की रचना करने वाले सर्व शक्तिमान ईश्वर का सम्पूर्ण मानव जाति को संदेश हैं कि खबरदार ऐ मनुष्य तुम अपने क्षण भंगूर जीवन में कितने भी शक्तिशाली क्यों नहीं बन जाओ तुम यह बात मत भूलना की इस संसार का रचियता सर्व शक्तिशाली ईश्वर तुम्हें देख रहा है।


तुम्हारे से कहीं अधिक बलशाली ईश्वर के न्याय के तराजू मे तुम्हारे सब कर्म लिखे जा रहे हैं। अतः तुम कभी अपने समाज धर्म के संख्या बल की अधिकता के घमंड मे अन्याय अत्याचार मत कर बेठना,सत्ता की ताकत को ही सत्य मानकर निर्बल को अपने बलशाली होने का अहसास कराने के लिए कहीं अत्याचार मत करना। जिधर सत्य है हमेशा सत्य के साथ खडे रहना यदि तुम ईश्वर की सत्ता को मानने वाले आस्तिक होतो?हमेशा सच्चे व्यक्ति सत्य के साथ होने चाहिए। परमात्मा चाहता है की इस संसार में इन्सानों के जरिये फूल बरसे अंगारे नहीं, दुनिया के सभी आदमी प्यार करे नफरत नहीं। इस ईश्वर की बनाई दुनिया में मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ क्रती है जिसे प्रकृति की बनाई सभी चीजों से फायदा उठाने की आजादी ईश्वर ने दी है। सूरज की रोशनी, चादं की चादंनी सबके लिए है बरसता हुआ बारिश का पानी धरती पर उगने वाले अनाज फल मेवे धरती का फैलाव सभी के लिए समान रूप से लाभ उठाने के लिए है। गंगा का पानी सभी के लिए है पंडित जी गंगा के पानी से स्नान करके पूजा करते हैं मौलवी उसी पानी से वुजू करके नमाज पढ़ते हैं। जब अपनी बनाई गई वस्तुओं से लाभ उठाने मे ईश्वर जात धर्म रंग रुप अमीर गरीब के आधार पर भेद नहीं करता है तो ईश्वर के बनाए हुए इन्सान को भी ईश्वर का यही सन्देश है कि वह दुनिया में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करे। ईश्वर की बनाई इस दुनिया में सभी चीजों पर सम्पूर्ण मानव जाति का समान रूप सेहक है। सौभाग्य से हमारे देश में वासुदेव कुटुम्बकम की सनातन धर्म की परम्परा भी यही है। धर्म इसलिए है कि मनुष्य के अन्दर की मनुष्यता उसकी इन्सानियत उसके अन्दर का इन्सान जिन्दा रहे वरना तो बाहर से सभी आदमी पंडित, मौलवी चोर लुटेरे बलात्कारी हत्यारे एक जैसे ही मनुष्य होते हैं।


दुर्भाग्य से आज हमारे देश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को आदर्श मानने वालों के द्वारा ही धर्म राष्ट्र मनुष्य की मर्यादा इन्सानियत को शर्मसार करने की घटनाओं की बाढ लायी जा रही है। राजनीतिक लाभ उठाने के लिए देश की युवा पीढ़ी में जहर घोला जारहा है। देश में नफरतों की बारूद बिछा कर चुनावी बिसात मे जीत हासिल करने के लिए हिन्सा का ताडंव मचाया जारहा है। छोटे छोटे गांव कस्बों में तक मे नफरतों के बल पर शांति सदभाव को पलीता लगाया जा रहा है। दंगों में किसी का जवान बेटा हमेशा के लिए मोत की गहरी नींद में सो जाता है तो किसी बाप के बुढापे का सहारा बनने वाले बेटे का भविष्य देश का सभ्य नागरिक बनने के बजाय हत्यारा मुजरिम बनकर जेल चला जाता है। हजारों बच्चों का भविष्य खराब करने के साथ देश वासियों के सपनों के भारत को नफरत की आग में जलाने वाली राजनीति देश में सत्ता लोलुप स्वार्थी नेता पैदा कर रही है। किसी का बेटा मरे कोई हत्यारा बन कर जेल जाऐ नफरत का खेल खेलने वाला नेता दूसरों के घर में आग लगाकर सांसद विधायक मंत्री बनता रहेगा। न जाने कब आपका बेटा पढने की उम्र में किसी नेता जी के सांसद मंत्री बनने के सपने को साकार करने के लिए क्रूर हत्यारा बनकर आपके कस्बे गाँव शहर की साझी विरासत की गवाह बनी साम्प्रदायिक सद्भाव की इमारत को आग लगा देगा। समाज देश के धार्मिक सद्भाव को अपने प्राणो की कीमत देकर बचाने वाली पुलिस के लिए आज इन चुनौतियों से निपटना आसान नहीं रहा है।


देश के अनेक राज्यों में समाज के शांति सद्भावको बचाने के लिए पुलिस के अधिकारियों ने अपने बीवी बच्चों के जीवन को संकट में डाला है। यूपी के बुलंद शहर में पुलिस निरिक्षक सुबोध कुमार सिंह की हत्या सत्ता धारी दल से संबंध रखने वाले दल के दंगाई कर देते हैं। सहारनपुर जिले के एस पी के द्वारा दंगाइयों की भीड़ को रोकने पर बीजेपी सांसद के नेतृत्व मेंभीड एसपी के घर में घुश कर उनकी पत्नी बच्चों की जान लेने पर आतुर हो जाती है। समाज को बचाने के लिए क्या देश के एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी समाज के प्रति बनता है इस पर भी राजनीति से परे हट कर हर सभ्य नागरिक को सोचना चाहिए। लोकसभा चुनाव में राजनीतिक रूप से धार्मिक भावनाओं का ज्वार पैदा करके वोटो की फसल लूटने का मंसूबा पाले बेठे नेताओं ने राजधानी जयपुर के कस्बे चौमूं मे दंगा कराने के भरपूर प्रयास किये। कस्बे को दंगों की आग में जलाकर अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति मे लगे नेताओं के मंसूबों को जयपुर पुलिस आयुक्त की जांबाज टीम ने विफल कर दिये। बिगडे हालात को भापं कर चौमूं पंहुचे पुलिस आयुक्त आनंद श्री वास्तव अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय पाल लाम्बा, लक्ष्मण गोड़, डीसीपी विकास शर्मा, कोविंद सिहं सागर, बजरंग सिंह ने आमने सामने हिन्सा पर उतारु भीड को बिना बल प्रयोग किये अपने प्रयासों से शातं कर दिया। इससे पहले भीड मे लाठी भाटा जंग हो चुकी थी। समाज को सुरक्षा देने के लिए समाज का कमजोर वर्ग सदैव एक पुलिस अधिकारी की ओर देखता है। ईश्वर के बाद यदि कोई न्याय करने में सक्षम है तो वह राग द्वेष जात धर्म से उपर उठकर कार्य करने वाला ईमानदार पुलिस अधिकारी होता है।


एक पुलिस अधिकारी की चूक से किसी का बेटा घर बार और उस अभागे परिवार का जीवन दाव पर लग जाता है। संवेदनशील ईमानदार पुलिस अधिकारी के कारण देश की सम्पत्ति, देश वासियों का अमुल्य समय शांति सद्भाव समाज में बचा रहता है। देश की राजनीति में आज गला काट प्रति स्पर्धा दुश्मनी का कारण बन गई है। राजनीति का गिरता स्वरूप देशवासियों की शक्ति को नकारात्मता की ओर ले जाकर देश की जनता के भाग्य को अन्धकार मय बना रहा है। आज के राजनेताओं में अब कोई लाल बहादुर शास्त्री नहीं है जो जय जवान जय किसान का नारा बुलंद कर के देश की सीमा के साथ समाज की रक्षा में लगें, देश के सच्चे सपूतों का मान बढ़ाए। अब कोई अटल बिहारी है जो राजनेताओं को राष्ट्र धर्म की पालना करने के लिए सार्वजनिक रूप से चेतावनी दे। राजनीति के गिरते स्वरूप के कारण राजनेताओं की छवि रोज तार-तार हो रही है। राजनैतिक रूप से अपनी स्वार्थ सिद्धि में लगकर दंगों की राजनीति करने वाले नेताओं के कारण पुलिस को दोहरी परेशानी उठानी पड़ती है।


समाज के सभी वर्गों को पुलिस के साथ खड़े होकर अपने घर, मोहल्ले, गांव की शान्ति के लिए, देश की आने वाली पीढ़ियों को सम्पन्न, सशक्त भारत देने के लिए दंगाई नफ़रत की राजनीति करने वालों का साथ छोड़ना होगा। अराजक दंगों में झुलसता अपना घर, शहर, कस्बा अपने पीछे मनहूस यादें छोड़ कर जाता है जिसमें बस तबाही, बर्बादी ओर आंखों में खौफ जुनूनी हत्यारों के चेहरे होते हैं। धार्मिक हिंसा जुनून के वीभत्स परिणाम अफगानिस्तान सीरिया इराक जैसे देशों के निवासियों की बर्बादी की दास्ताँ बयां करते हैं। इसीलिए राजनीति से परे हटकर समाज के लोगों को अपनी सुरक्षा में लगें पुलिस बल को सलाम करना चाहिए, जिनके कारण समाज में लोग रात को सुकून की नींद सो पाते हैं। जयपुर पुलिस के जांबाज पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव, अजयपाल लाम्बा, कोविन्द सिंह, विकास शर्मा के प्रयासों को समाज हित में सलाम, इनका अभिनन्दन करते हैं जिनके कारण अनेक अनहोनी आशंकाए गठित होने से बची।

मोहम्मद हफीज पठान -: ब्यूरो चीफ राजस्थान

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