जयपुर

विकास और साम्प्रदायिक सद्भाव पुरुष बनकर चुनाव जीते सालेह मोहम्मद

Special Coverage News
1 Jan 2019 8:15 AM GMT
विकास और साम्प्रदायिक सद्भाव पुरुष बनकर चुनाव जीते सालेह मोहम्मद
x

राजस्थान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र के जैसलमेर जिले के पोकरण विधानसभा क्षेत्र से नव युवा जोशीले सालेह मोहम्मद ने विधानसभा चुनाव में विजय प्राप्त कर नया इतिहास रच दिया है। मुस्लिम सूफी मत के धर्म गुरु गाजी फकीर के पुत्र सालेह मोहम्मद के जीवन में भी सूफी मत का काफी प्रभाव देखा जाता है। ईस्लाम धर्म में सूफी मत का प्रारंभ पैगम्बर साहब के जमाने से असहाबे सुफ्फा के दीन हीन लोग जो की मस्जिद के बाहर एक चबूतरे पर अपना सम्पूर्ण समय व्यतीत करने लोगों से हुआ है। ये हमेशा भक्ति में लीन होकर मोटा कपडा पहनने के साथ सादा जीवन व्यतीत करते थे। दूसरे रुप में इनको अपनी इच्छाओं को वश में करने वाला माना जाता था जो अपने जीवन में भोतिक संसाधनों के साथ मन भावन स्वादिष्ट भोजन को त्याग कर ने वाले त्यागी तपस्वी माने गए हैं।


संत कबीर दास ने कहा है कि परमारथ के कारण ही साधू धरा शरीर... अर्थात दूसरों के कल्याण के लिए ही साधू संत फकीर इस संसार में शरीर धारण करने के लिए आते हैं। गाजी फकीर साहब भी मुस्लिम सूफी मत के साधू संत है। जो सूफीमत की परम्परा अनुसार ईश्वर की भक्ति से ज्यादा ईश्वर के बंदों की सेवा करने के लिए जाने जाते है। ईश्वर की भक्ति से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और ईश्वर के बनाए इन्सानों की सेवा करने से ईश्वर की प्राप्ति होती हैं। अपने परिवार की सेवा भाव की परम्परा के बल सालेह मोहम्मद के चुनाव में भाजपा की ओर से तारातरा मठ के महंत प्रताप पुरी के प्रत्याशी होने के उपरांत भी अनेक हिन्दू साधू संत खुलकर इनके समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे थे।



हिन्दू साधू महंत प्रतापपुरी के समर्थन में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पोकरण मे आकर एक दिन रुककर वोट मागंते है। योगी आदित्यनाथ ने अपनी चिरपरिचित शैली में चुनावी सभा में बजरंगबली का सहारा लेकर धार्मिक ध्रुवीकरण करने का पूर्ण प्रयास किया। अली और बजरंगबली के नाम पर हिन्दू मुस्लिम समुदाय को बांटने के लिए योगी ने विवादित बयान दिया। पोकरण की जनता को भगवा वस्त्रधारी साधु के द्वारा बांटने और भेदभाव करने का काम शायद पसंद नहीं आया। अली और बजरंगबली दोनों के मानने वालों ने विधानसभा की इस सीट पर सालेह मोहम्मद का साथ देकर सामाजिक एकता का परिचय दिया। भाजपा की तमाम बांटने की कोशिशों के बाद पोकरण सीट से सालेह मोहम्मद का चुनाव जीतना चमत्कार माना जा रहा है। पोकरण क्षेत्र में धार्मिक भेदभाव की राजनीति करने के बाद भी समाज में धार्मिक भाईचारा बना हुआ है यह देखना काफी सुखद आश्चर्य है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हिन्दू धार्मिक संत भजना राम सिरोही और निर्मोही अखाड़े के नागा साधु संत भजनानंद महाराज द्वारा सालेह मोहम्मद के चुनाव प्रचार करने से मिलता है। साधू का धर्म आमजन के कल्याण करने का होता है चाहे हिन्दू धर्म के साधू हो या फिर मुस्लिम संत हो ये ईश्वर के सच्चे दूत बनकर समाज में जाती धर्म के भेदभाव से उपर उठकर मानव कल्याण की बात करते हैं। इसके विपरीत कुछ लोग अपने लालच व स्वाद की पूर्ती के लिए ही साधू बनकर योगी से भोगी बनकर राज्य सत्ता का आनंद भोग रहे हैं। इस प्रकार के साधू बने योगी जी को पोकरण की जनता ने नकार दिया है।


संत गाजी फकीर के यहां भीजाती धर्म का भेदभाव लेशमात्र भी नहीं पाया जाता है।समाज के दिन दुखियों की मदद गाजी फकीर के घर से अनवरत की जाती है। हर प्रकार के दुष्प्रचार के बाद भी निर्विवाद रूप से इस परिवार की लोकप्रियता जैसलमेर, बाढमेर जोधपुर जिलों में बनी हुई है। अली और बजरंगबली दोनों ने ही अपना समर्थन देकर सालेह मोहम्मद को चुनाव जिताया है। इस शानदार जीत के के इनाम के रुप में राज्य की कांग्रेस सरकार ने सालेह मोहम्मद को केबीनेट मंत्री के पद से नवाजा है। पूर्व में ये पोकरण पंचायत समिति के प्रधान और जिले के जिला प्रमुख रह चुके हैं। वर्ष2008मे ये पहली बार विधायक चुनाव जीतकर विधान सभा में पहुंचे थे।इनके परिवार में अब्दुल्ला फकीर जिला प्रमुख और फतेह मोहम्मद पंचायत समिति प्रधान के पद पर विराजमान हैं। राज्य के सर्वाधिक पिछड़े क्षेत्र में आने वाले पोकरण क्षेत्र मेअधिकाशं विकासइनकी ही देन है जिसके बल पर ये विकास पुरुष माने जाते हैं। अकाल से पीडित मरुस्थल की जनता और पशुधन को बचाने के लिए अपने निजी खर्च पर फकीरपरिवार मदद उपलब्ध करवाता रहा है। बेटियों की विदाई की वेला पर गरीब बाप के मजबूर हाथों को आर्थिक रूप से सबल बना कर बेटी की विदाई की घडी मे यह परिवार हर वक्त घर के मुखिया के रुप खडा नजर आता है।


अपने परोपकार जन सेवा के बल पर भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति को परास्त करके क्षेत्र में विकास की नई गंगा बहाने का दूसरा नाम सालेह मोहम्मद है। सीमा वर्ती जिलों में संघ भाजपा के सारे दुष्प्रयासो के बाद भी गाजी परिवार का दबदबा कायम है इसके पीछे इनका निरंतर सेवा करने का भाव छिपा है। आज सालेह मोहम्मद का व्यक्तित्व अपने सुकर्मो के बल पर एक संस्था का विराट स्वरूप धारण करचुका हैं। जनता की सभी समस्याओं का समाधान इनके हाथोहो रहा है।समाज में जाती धर्म के नाम पर जहर बांटने वाले नफरत के सोदागर बने नेताओं को भी इनसे कुछ सीखने की जरूरत है। समाज और देश का भला सेवा भावी बन सेवा करने में हैं नाकी भाई से भाई को लडाने की राजनीति करने में हैं।

मोहम्मद हफीज पठान- ब्यूरो चीफ राजस्थान

Next Story