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राजस्थान कांग्रेस में बड़ी रार, मुख्यमंत्री से चली लड़ाई अब कमरों तक पहुंची, पायलट और गहलौत समर्थक आमने सामने

Special Coverage News
7 Jun 2019 1:13 PM GMT
राजस्थान कांग्रेस में बड़ी रार, मुख्यमंत्री से चली लड़ाई अब कमरों तक पहुंची, पायलट और गहलौत समर्थक आमने सामने
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राजस्थान कांग्रेस में मची खींचतान अब कमरों की लड़ाई तक पहुंच गई है. प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में आज कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुमताज मसीह का नेम प्लेट हटाकर उनकी जगह वरिष्ठ उपाध्यक्ष का नेम प्लेट लगा दिया गया है. मुमताज मसीह के कमरे में अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के करीबी उपाध्यक्ष गोपाल सिंह इडवा बैठेंगे. आज सुबह जब अचानक मुमताज मसीह दफ्तर पहुंचे तो उनके नाम का उनके कमरे के बाहर से हटा था और कमरे के अंदर गोपाल सिंह इडवा बैठे हुए थे. मुमताज मसीह के नाम की नेम प्लेट की जगह वरिष्ठ उपाध्यक्ष का नेम प्लेट लगा हुआ था.

बता दें, गोपाल सिंह इडवा सचिन पायलट के करीबी हैं और इस बार चित्तौड़गढ़ से लोकसभा चुनाव भी लड़े थे. इडवा ने कहा कि इसे ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर नहीं देखना चाहिए. यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसमें बैठने की व्यवस्था की जाती है. वह वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं जिसके नाते यह कमरा हमें दिया गया है बाकी के सारे उपाध्यक्ष एक कमरे में बैठेंगे. सभी आठ उपाध्यक्ष बगल के बड़े कमरे में एक साथ बैठेंगे.

हालांकि मुमताज मसीह ने भी कहा कि वह सचिन पायलट के साथ काम कर रहे हैं और उन से अच्छे संबंध है. लिहाजा मैं समझता हूं कि उन्होंने कुछ सोच कर ही बैठने की व्यवस्था नए सिरे से की होगी मगर मुमताज मसीह अपना गम छुपा नहीं पाए और कहने लगे कि पिछले 20 वर्षों से मैं उस कमरे में बैठ रहा था. मेरा नेम प्लेट हटाने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया. यह भी कहा जाता है कि मुमताज मसीह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी हैं और वे प्रदेश कांग्रेस दफ्तर के अंदर की खबरें अशोक गहलोत तक पहुंचाते रहते हैं.

गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस का नेम प्लेट वाला यह झगड़ा चौंकाने वाला नहीं है, ना ही कांग्रेस में कमरा विवाद नया है. ना ही बड़े कमरों को पाने की होड़ बड़े नेताओं में नई है. इससे पूर्व में मुख्यालय में महासचिव अशोक गहलोत के कमरा छोड़ने और उनकी नेमप्लेट हटने के बाद ताला लगा दिया गया था. अशोक गहलोत की जगह नए महासचिव संगठन बनाए गए केसी वेणुगोपाल को बतौर महासचिव प्रभारी एक कमरा पहले से आवंटित था. महासचिव संगठन बनाए जाने के बाद शुक्रवार को वे अपने कमरे से उस कमरे तक जा पहुंचे जहां अशोक गहलोत बैठते थे.

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