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राजस्थान गुर्जर आन्दोलन: सरकारी मशीनरी हाई अलर्ट मोड पर, दौसा में अर्द्धसैनिक बलों की 7 कंपनी पहुंचीं
राजस्थान में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज का आंदोलन सोमवार को चौथे दिन भी जारी है। रविवार को धौलपुर में आंदोलनरत लोगों के हिंसक होने और हवाई फायरिंग के बाद सरकार ने कई इलाकों में शांति व्यवस्था का जिम्मा अर्द्धसैनिक बलों को सौंपने की तैयारी कर ली है। दौसा में अर्द्धसैनिक बलों की सात कंपनियां तैनात की जा रही है और अन्य संवेदनशील इलाकों में भी अर्द्धसैनिक बल भेजने की तैयारी है।
आंदोलनरत गुर्जरों ने रेल मार्ग के बाद सड़क मार्ग भी बाधित करते हुए चार राजमार्गों पर जाम लगा दिया। आंदोलनकारियों ने आगरा-बीकानेर नेशनल हाइवे एनएच-21 पर सिकंदरा चौराहा जाम लगा दिया है। नागौर में भी गुर्जर आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। नागौर-अजमेर बॉर्डर पर आंदोलनरत लोगों ने जाम लगा दिया। आन्दोलन के कारण दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग चार दिन से है बाधित। कोटा रेल मंडल ने 12 फरवरी की 6 प्रमुख ट्रेनों को रद्द किया। सोमवार को मंगलवार की 6 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया है।
करौली प्रशासन ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के हिंडौन सिटी स्थित आवास पर न्यायालय के आदेशों की पालना का नोटिस चस्पा करवाया है। गुर्जर आंदोलन के चलते प्रदेश में उपजे हालात के मद्देनजर सरकारी मशीनरी पूरी तरह से हाई अलर्ट मोड पर है। वहीं उधर, उग्र हुए आंदोलन के बाद दौसा, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर और करौली में धारा 144 लागू की गई है। गुर्जर आंदोलन की वजह से प्रदेश के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है। अभी तक भी आंदोलन कारियों और सरकार के बीच वार्ता का दौर शुरू नहीं हुआ है। सरकार के मुख्य पेरोकार और पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि वे कर्नल बैंसला के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा पर भड़काने का आरोपः
वहीं 11 फरवरी को प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि गुर्जरों को भाजपा के नेता भड़काते हैं। भाजपा के नेताओं को भी पता है कि गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का मुद्दा केन्द्र सरकार से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा के नेता भड़काने वाले बयान देते है। गहलोत ने कहा कि कर्नल बैंसला और उनके समर्थकों को प्रदेश में शांति बनाए रखनी चाहिए। सरकार हर स्तर पर वार्ता को तैयार है। गहलोत ने रेल ट्रेक और हाइवे जाम करने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को जो पीड़ा हो रही है उसे गुर्जर आंदोलन कारियों को समझना चाहिए।
वायदा पूरा करे कांग्रेसः
वहीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया और उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव ऐसे ही वायदा कर जीता है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिलवाने का वायदा किया है। कांग्रेस का यह घोषणा पत्र अब सरकारी दस्तावेज है। ऐसे में कांगे्रस सरकार को अपना वायदा पूरा करना चाहिए। कटारिया ने कहा कि केन्द्र सरकार अपने स्तर पर राजस्थान के गुर्जरों को आरक्षण देने का फैसला नहीं कर सकती है। गुर्जरों की तरह अन्य प्रदेशों में भी जातियां हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार विधानसभा में कोई विधेयक लाएगी तो उस पर विचार किया जाएगा।
संकल्प प्रस्तावः
जानकार सूत्रों के अनुसार गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिलवाने के लिए अब सरकार विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव ला रही है। चूंकि भाजपा भी सहमत है इसलिए सरकार की ओर से प्रस्तुत संकल्प प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मिति से स्वीकृत भी हो जाएगा। लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस संकल्प प्रस्ताव से गुर्जरों को आरक्षण मिल जाएगा। पूर्व में भाजपा की सरकार ने विधानसभा में विधेयक भी पास किया था, लेकिन ऐसे बिल पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। यदि राजस्थान की सरकार प्रस्ताव को पास कर केन्द्र सरकार के पास भिजवा देती है तो भी गुर्जरों को आरक्षण मिलना आसान नहीं होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि एक माह के अंदर अंदर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। इस बीच गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े नेताओं ने 15 फरवरी को जयपुर बंद का आह्वान किया है।