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गृहप्रवेश के समय इन बातों का ध्यान रखना जरुरी है
पं० त्रियुगीनारायण मणि
हम नए घर में प्रवेश करते हैं चाहे वो स्वयं का बनाया हो या फिर किराये का तो नई आशा, नए सपने, नई उमंग स्वाभाविक रूप से मन में हिलोर लेती है। आपको नए घर में प्रवेश के समय याद कुछ जरुरी बातें जो याद रखनी चाहिए क्योकि नया घर हमारे लिए मंगलमयी हो, प्रगतिकारक हो, यश, सुख, समृद्धि और सौभाग्य से जुड़ा होता है।
· गृह प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान जरुर रखें। इसके विद्वान ब्राह्मण की सहायता लें, जो विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर गृह प्रवेश की पूजा को संपूर्ण करता है।
· मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश नहीं किया जाता विशेष परिस्थितियों में रविवार और शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश वर्जित माना गाया है। सप्ताह के बाकि दिनों में से किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता है। अमावस्या व पूर्णिमा को छोड़कर शुक्लपक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 तिथियां प्रवेश के लिए बहुत शुभ मानी जाती हैं।
· माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिए सबसे सही समय बताया गया है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष इसके लिहाज से शुभ नहीं माने गए हैं।
· मंगल कलश के साथ नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
· घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से सजाना चाहिए।
· मंगल कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें।
· कलश व नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।
· पूजन सामग्री- कलश, नारियल, दीपक, फूल शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती, पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध आदि।
· नए घर में प्रवेश के समय घर के स्वामी और स्वामिनी को पांच मांगलिक वस्तुएं नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध अपने साथ लेकर नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
· भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को गृह प्रवेश वाले दिन घर में ले जाना चाहिए।
· मंगल गीतों के साथ नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
· पुरुष पहले दाहिना पैर तथा स्त्री बांया पैर बढ़ा कर नए घर में प्रवेश करें।
· इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए गणेश जी के मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण में या फिर पूजा घर में कलश की स्थापना करें।
· रसोई घर में भी पूजा करनी चाहिये। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए।
· रसोई में पहले दिन गुड़ व हरी सब्जियां रखना शुभ माना जाता है।
· चूल्हे को जलाकर सबसे पहले उस पर दूध उफानना चाहिए।
· मिष्ठान बनाकर उसका भोग लगाना चाहिए।
· घर में बने भोजन से सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं।
· गौ माता, कौआ, कुत्ता, चींटी आदि के निमित्त भोजन निकाल कर रखें।
· ब्राह्मण को भोजन कराएं या फिर किसी गरीब भूखे आदमी को भोजन करा दें या मंदिर में भोजन प्रसाद भोग लगवाने के बाद ही मित्र बंधू – बान्धवों को भोजन कराएँ। इससे घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है व हर प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं।