क्रिकेट

BCCI का बड़ा फैसला- रणजी नॉकआउट मैचों में इस्तेमाल होगी ये तकनीक

Special Coverage News
19 July 2019 8:54 AM GMT
BCCI का बड़ा फैसला- रणजी नॉकआउट मैचों में इस्तेमाल होगी ये तकनीक
x
बीसीसीआई के महाप्रबंधक सबा करीम ने लिमिटेड डीआरएस के उपयोग की पुष्टि की है.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने स्पष्ट कर दिया है कि इस सीजन में रणजी नॉकआउट मुकाबलों में लिमिटेड डीआरएस का उपयोग किया जाएगा. बीसीसीआई के मुताबिक डीआरएस में हॉक-आई (Hawk-Eye) और अल्ट्राएज (UltraEdge) का उपयोग नहीं होगा. इन दो तकनीकों का इस्तेमाल इंटरनेशनल क्रिकेट में किया जाता है.

बीते सीजन के दौरान रणजी मुकाबलों में खराब अंपायरिंग की शिकायत आई थी. इसमें सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान चेतेश्वर पुजारा को जोरदार निक के बावजूद आउट नहीं दिया गया था.

बीसीसीआई के महाप्रबंधक सबा करीम ने लिमिटेड डीआरएस के उपयोग की पुष्टि की है. करीम ने कहा, 'बीते साल कुछ नॉकआउट मैचों के दौरान अंपायरों से कुछ गलतियां हुई थीं और इसी कारण हमने इस तरह की स्थिति से बचने के लिए लिमिटेड डीआरएस का उपयोग करने का फैसला किया है.'



भारत में क्रिकेट का काम देख रही प्रशासकों की समिति ने इस साल जून में लिमिटेड डीआरएस को हरी झंडी दे दी थी. रणजी ट्रॉफी सीजन- 2019/20 इस साल दिसंबर से शुरू होगा.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालांकि लंबे समय तक डीआरएस (निर्णय समीक्षा प्रणाली) का विरोध करता रहा, लेकिन अब घरेलू मैचों में भी इस तकनीक के इस्तेमाल का रास्ता खुल गया है. भारत में पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट (नवंबर 2016) में डीआरएस का इस्तेमाल किया गया था.

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story