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क्या मोदी को बिहार में हार का डर? रद्द की 6 रैलियां पोस्टरों पर बदले चेहरे

Special News Coverage
17 Oct 2015 6:01 AM GMT
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नई दिल्लीः लोकसभा चुनावों के पहले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बन चुके थे। 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनका और भी बढ़ा फिर वो देश में होने वाले किसी भी चुनाव में भाजपा के स्टार कैंपेनर रहे। कुछ ऐसा ही बिहार के विधानसभा चुनावों में भी हुआ और पार्टी ने पीएम की 40 से ज्यादा रैलियों की व्यवस्था कर दी, लेकिन अब अचानक मोदी की लगातार 6 रैलियां रद्द कर दी गई। इतना ही राज्य में चुनावी पोस्टरों से भी पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का चेहरा हटाकर स्थानीय चेहरों और गठबंधन के नेताओं को पोस्टर में जगह दी गई है।



प्रधानमन्त्री मोदी के रैलियों को रद्द करने के पीछे एक कारण नवरात्र भी बताया जा रहा है। अगर बात चुनावी पोस्टरों की करें तो पीएम मोदी और अमित शाह के स्थान पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, सीपी ठाकुर, अश्विनी चौबे, जैसे नेताओं को जगह दी गई है वहीं आगामी 22 अक्टूबर को होने वाली पीएम मोदी की 6 रैलियां रद्द कर दी गई हैं।इस संबंध में विरोधी इस बात की आशंका जाहिर कर रहे हैं पहले चरण के मतदान के बाद खास रुझान ने मिलने पर भी भाजपा ने ये कदम उठाया है।


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अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के अनुसार भाजपा ने विज्ञापन की रणनीति में भी बदलाव किया है।दूसरे चरण के मतदान के दो दिन पहले स्थानीय समाचार पत्रों में भी लोजपा नेता राम विलास पासवान,रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और ‘हम’ के जीतन राम मांझी ने अपने विज्ञापन तो दिए ही थे, उसी क्रम में भाजपा ने भी अपने तरीके में अपनी तब्दीली लाई है।उन विज्ञापनों में भाजपा के किसी नेता की कोई तस्वीर नहीं थी, बल्कि उनमें 11 वादे थे। चुनाव समाप्त होने से पहले मोदी की बिहार में 40 के आस-पास चुनावी सभाओं का कार्यक्रम तय किया गया था।



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