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नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के पाशीघाट में बहने वाली सियांग नदी का पानी अचानक काली पड़ गई है. सियांग नदी अरुणाचल की लाइफलाइन की तरह है. लेकिन अब इसकी हालत किसी गंदे नाले की तरह हो चुकी है. नदी का रंग देखकर चिंता की स्थिति पैदा हो गई हैं.
भारत की ओर से इस मामले में चीन को जिम्मेदार माना जा रहा हैं. पूर्व सियांग जिले के प्रशासन ने नदी के पानी को लेकर चेतावनी जारी कर दी हैं. इस पानी को इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त नहीं बताया गया हैं.
रविवार को सियांग नदी का दौरा करते हुए कांग्रेस सांसद निनोंग एरिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. सांसद ने कहा कि यह एक असामान्य घटना है, वह भी सर्दी के दिनों में. उन्होंने कहा कि यह चीनी सरकार सियांग नदी (तिब्बत में सांगपो) को संभवतः मोड़ने की वजह से हो सकता है.
उन्होंने लिखा, "इससे पहले नदी के पानी की गुणवत्ता इतनी नहीं बिगड़ी थी. मुझे यकीन है कि चीन नदी के किनारे कुछ कर रहा है, जो कि भारत और बांग्लादेश सहित तीनों देशों की आम संपत्ति है."
जिले के डेप्युटी कमिश्नर ने बताया कि पानी में सीमेंट जैसा कुछ मिला हैं. इसलिए वह पानी इस्तेमाल करने लायक नहीं रहा. उन्होंने बताया कि लगभग डेढ़ महीने पहले नदी में कई मछलियां भी मर गई थीं.
डेप्युटी कमिश्नर ने बताया, "केंद्रीय जल आयोग ने सियांग नदी के पानी के सैंपल ले लिए हैं. पूरी आशंका है कि इसके पीछे चीन की हाथ है. ऐसा लगता है कि चीन में नदी के ऊपर क्षेत्रों में सीमेंट से जुड़ा कुछ काम चल रहा है.
भारत को आशंका है कि चीन नदी के तिब्बती हिस्से को शिनजियांग प्रांत में मोड़ना चाहता है. इसलिए वह 1000 किमी का एक टनल बना रहा है. हालांकि, चीन ने इस दावे को खारिज किया है.