- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- स्मारक समिति मामले में...
स्मारक समिति मामले में 2 और आरोपितों के खिलाफ मिले सुबूत, गिरफ्तार मैनेजर ने खोला राज
स्मारक समिति का 10 करोड़ रुपए का घोटाला करने के मामले में बीते रविवार को गिरफ्तार बैंक मैनेजर नागेंद्र पाल ने पुलिस को कई जानकारियां दी है इसके बाद ही पुलिस को दो और आरोपितों के खिलाफ सुबूत मिले है। साथ ही यह दावा किया जा रहा है कि जल्द ही इनके नाम एफआईआर में बढ़ा कर गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
बता दें कि इस मामले में एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने बैंक प्रबन्धक नागेन्द्र पाल और उनके सहयोगियों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी। इस मामले में तब स्मारक समिति के प्रबन्धक देवेन्द्र मणि को निलम्बित कर दिया गया था। स्मारक समिति की ओर से बैंक ऑफ बड़ोदा की रोशनाबाद शाखा में 48 करोड़ रुपये की एफडी कराने के लिये 31 मार्च, 2021 को रुपये स्थानान्तरित किये गये थे। पर, 28 मई, 2021 तक केवल 37 करोड़ 99 लाख 99 हजार 981 रुपये की एफडी की गई। शेष 10 करोड़ 19 रुपये की बैंक ने कोई रसीद नहीं दी।
एलडीए के अफसरों ने जब पड़ताल की तो पता चला कि शेष रकम कृष्ण मोहन श्रीवास्तव के बचत खाते में भेजी गई है। जबकि नियमानुसार यह रकम किसी व्यक्ति के खाते में नहीं जा सकती थी। एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि बैँक ऑफ बड़ोदा के मैनेजर नागेन्द्र पाल को गिरफ्तार करने के बाद कई और सुबूत हाथ लगे हैं। इसमें स्मारक समिति के कर्मचारियों की भूमिका पता करने में मदद मिल रही है। दो आरोपितों के खिलाफ तथ्य हाथ लग गये हैं। जल्दी ही इनको भी एफआईआर में आरोपित बना दिया जायेगा।