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जामिया के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बवाल, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

Special Coverage News
15 Dec 2019 5:08 PM GMT
जामिया के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बवाल, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
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नागरिकता कानून पर देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन किया जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में जहां जामिया मिलिया इस्लामिया में कानून को लेकर विरोध किया जा रहा है तो वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी नागरिकता कानून को लेकर विरोध देखा गया है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाहर नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया. विरोध के दौरान छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की तो वहीं पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े.

दरअसल इससे पहले दिल्ली में प्रोटेस्ट रविवार को हिंसक हो गया. जामिया इलाके में रविवार को हिंसक प्रदर्शन देखा गया. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा. बाद में पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्व के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया.

हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की. जामिया प्रशासन ने मीडिया को बताया कि पुलिस, कैंपस के अंदर घुस गई और छात्रों व वहां काम करने वाले स्टाफों को पीटा.

'जामिया छात्र हिंसक प्रदर्शन में नहीं शामिल'

पहले दावा किया जा रहा था कि उग्र विरोध प्रदर्शन में छात्र भी शामिल हैं, लेकिन जामिया छात्र संघ और प्रशासन का कहना है कि नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली की सड़कों पर हो रही हिंसा में कोई जामिया छात्र शामिल नहीं है.

गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से स्नातक और स्नातकोत्तर की सेमेस्टर परीक्षाओं को रद्द करने के बाद अब शनिवार से शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया है.

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?

नागरिकता अधिनियम, 1955 में बदलावम करने के लिए केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल लेकर आई. बिल के कानून बनने के साथ ही इसमें बदलाव हो गया. अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी. अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था.

पहले भारत की नागरिकता लेने पर 11 साल भारत में रहना अनिवार्य होता था, लेकिन अब ये समय घटा कर 6 साल कर दिया गया है.

(ANI इनपुट के साथ)

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