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- अमरोहा में मृतक सिपाही...
अमरोहा में मृतक सिपाही का शव रखकर किया NH 24 जाम, पुलिस ने की लाठीचार्ज बाद में एसपी ने समझाकर शव को हटवाया
बागपत जिले में एक सिपाही की बीते दिनों संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी. प्रशासन ने इसे आत्महत्या का नाम दिया जबकि परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं. जिसके चलते शुक्रवार को अमरोहा में परिजनों ने सिपाही के शव को सड़क पर रखकर मुआवजे की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया तो पुलिस ने परिजनों पर ही लाठियां बरसा दी. लगभग चार घंटे बाद पहुंचे विधायक राजीव तरारा और एसपी डॉ. विपिन ताडा के समझाने पर भीड़ शांत हुई.
जानकारी के मुताविक, शुक्रवार की सुबह नौ बजे सिपाही के पिता राजेंद्र सिंह, चाचा ओमीचरण, ताऊ रामेश्वर, मामा होराम व राजेंद्र, मां जगवती सहित गांव के सैकड़ों लोग मृतक के शव को लेकर बंदे के मार्ग पर होते हुए कांकाठेर के ढाल पर पहुंच गए. यहां पर उन्होंने नेशनल हाईवे पर एक तख्त के ऊपर शव रखकर जाम लगा दिया.
वहां पहले से ही मौजूद गजरौला समेत कई थानों की फोर्स से ग्रामीणों एवं मृतक के परिजनों की नोकझोंक भी हुई. इसी दौरान पुलिस ने मृतक के पिता राजेंद्र और ताऊ रामेश्वर के साथ धक्कामुक्की कर उन्हें पुलिस की गाड़ी में डाल दिया और जाम लगा रहे ग्रामीणों पर लाठियां भांज दीं. इससे वहां भगदड़ मच गई.
दरअसल, सिपाही के परिजनों की मांग थी कि, इस मामले की सीबीआई जांच की जाएं और दोषियों को निष्कासित किया जाएं. सिपाही के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की जाएं और छोटे भाई सोविन्द्र को पुलिस के अलावा दूसरे विभाग में बड़ी नौकरी दी जाएं. बागपत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से असंतुष्ट होकर दोबारा पीएम अमरोहा में पीएम कराया जाए. सिपाही के मां-बाप को आजीवन मासिक पेंशन दी जाएं और चारों बहनों की शादी को आर्थिक मदद हो.
इस मामले पर एसपी प्रताप गोपेंद्र यादव ने बताया कि प्रवीण कई माह से बीमार था. उसके पथरी की समस्या थी. डेढ़ माह पहले ही उसने ऑपरेशन कराया था. दो अक्तूबर को वह 24 दिन की छुट्टी काटकर लौटा था. इससे पहले वह निरपुड़ा प्रधान की सुरक्षा में तैनात था. दो दिन पहले उसे खून की उल्टी हुई थी. उसने चौकी इंचार्ज से कहा था कि लगता है कि टीबी हो गई है. गुरुवार को दरोगा उसे अस्पताल ले जाने वाले थे, इससे पहले ही उसने आत्महत्या कर ली. परिजन या ग्रामीण जो आरोप लगा रहे हैं, उनकी भी जांच कराई जाएगी.