- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- बरेली
- /
- शिक्षा के मंदिर में ही...
शिक्षा के मंदिर में ही तालों में कैद रहे राष्ट्रपिता, शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले ही भूल गए शिक्षा देना
प्रदीप कुमार शर्मा
बरेेेली। जहां आज 2 अक्टूबर को विश्वभर बापू और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई वही दूसरी तरफ बरेली के बरेली कालेज बरेली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्थापित मूर्ति बप्पू के जन्मदिन वाले दिन भी ताले में बन्द पड़ी रही। कॉलेज के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को इतनी ज़हमत भी नही की मूर्ति को फूल-माला चढ़ाकर जयंती मानना तो दूर बन्द तालो को तक नही खोला गया।
जबकि आज पूरा देश गांधी जी को याद कर उनकी 150 वी वर्ष गांठ बड़े धूमधाम से मना रहा है मगर बरेली कालेज में उनकी वर्ष गांठ पर उनको ताला खोलकर बस थोड़ी देर के लिये आजाद किया गया। बता दें कि जब गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, तब ताला खुला। माल्यार्पण के बाद फिर उनको ताले में बंद कर दिया गया।
वहीं बरेली कालेज के प्राचार्या डा अजय कुमार शर्मा की मानें तो उन्होंने कहा कि यह ताला उनकी प्रतिमा की सुरक्षा के लिये लगाया गया है, ताकि उनकी मूर्ती को कोई नुकसान ना हो या कोई जानवर ऊपर से गंदगी ना करे। इसलिये इस प्रतिमा को चारों ओर से ढक कर जाल में बंद करके रखा गया है।