बरेली

शिक्षा के मंदिर में ही तालों में कैद रहे राष्ट्रपिता, शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले ही भूल गए शिक्षा देना

Special Coverage News
2 Oct 2018 12:51 PM GMT
शिक्षा के मंदिर में ही तालों में कैद रहे राष्ट्रपिता, शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले ही भूल गए शिक्षा देना
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प्रदीप कुमार शर्मा

बरेेेली। जहां आज 2 अक्टूबर को विश्वभर बापू और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई वही दूसरी तरफ बरेली के बरेली कालेज बरेली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्थापित मूर्ति बप्पू के जन्मदिन वाले दिन भी ताले में बन्द पड़ी रही। कॉलेज के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को इतनी ज़हमत भी नही की मूर्ति को फूल-माला चढ़ाकर जयंती मानना तो दूर बन्द तालो को तक नही खोला गया।


जबकि आज पूरा देश गांधी जी को याद कर उनकी 150 वी वर्ष गांठ बड़े धूमधाम से मना रहा है मगर बरेली कालेज में उनकी वर्ष गांठ पर उनको ताला खोलकर बस थोड़ी देर के लिये आजाद किया गया। बता दें कि जब गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, तब ताला खुला। माल्यार्पण के बाद फिर उनको ताले में बंद कर दिया गया।


वहीं बरेली कालेज के प्राचार्या डा अजय कुमार शर्मा की मानें तो उन्होंने कहा कि यह ताला उनकी प्रतिमा की सुरक्षा के लिये लगाया गया है, ताकि उनकी मूर्ती को कोई नुकसान ना हो या कोई जानवर ऊपर से गंदगी ना करे। इसलिये इस प्रतिमा को चारों ओर से ढक कर जाल में बंद करके रखा गया है।

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