बुलंदशहर

बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के आरोपी जमानत पर आये, जहाँ उनका फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया, देखिये वीडियो

Special Coverage News
26 Aug 2019 1:59 AM GMT
बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के आरोपी जमानत पर आये, जहाँ उनका फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया, देखिये वीडियो
x

उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर (bulandshahr) के स्याना में हुई चर्चित हिंसा ( violence) के आरोपी जीतू फौज़ी समेत सात आरोपी जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं. जेल से बाहर आने पर लोगों ने फूल माला पहनाकर राजद्रोह, हत्या और बलवा के आरोपियों का स्वागत किया गया है. साथ ही उस समय जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए. आरोपियों के स्वागत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. 03 दिसंबर 2018 को स्याना के चिगरावठी में गोकशी के बाद हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा के दौरान यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर और एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जेल में बंद सातों आरोपियों को हाल ही में हाइकोर्ट से जमानत मिली है. ​

13 अगस्त को मिली थी आरोपियों को जमानत

इससे पहले स्याना में 3 दिसंबर 2018 को भड़की हिंसा के मामले में रविवार को सात आरोपी जेल से बाहर आ गए. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू फौजी समेत सात आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे. हत्या और बवाल के आरोप में सात आरोपियों की पहले ही जमानत हो चुकी थी, लेकिन धारा 24ए राजद्रोह का संज्ञान लेने के बाद आरोपियों की रिहाई रूक गई थी. प्रयागराज हाईकोर्ट ने अब देशद्रोह की धारा में सातों आरोपियों को जमानत दे दी है.

इंस्पेक्टर की हो गई थी हत्या

आपको बता दें कि, इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या और सुमित कुमार नाम के एक युवक की मौत हो गई थी. इस मामले में एसआई सुभाष चंद्र ने 27 नामजद और 50- 60 अज्ञात के खिलाफ स्याना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. सुबोध कुमार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे. वहीं हिंसा के 25 दिन बाद पुलिस ने इंस्पेक्टर की हत्या के आरोपी प्रशांत नट को गिरफ्तार कर लिया था.

सुमित नाम के युवक की हो गई थी मौत

गौरतलब है कि बुलंदशहर में भीड़ के हमले में इंस्पेक्टर सुबोध के अलावा एक अन्य युवक की मौत हो गई थी. चौधरी ने यह भी बताया कि इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिसमें सुमित नाम के युवक की मौत हो गई थी. उसकी उम्र 20 साल के करीब थी. बुलंदशहर हिंसा मामले में जिला प्रशासन ने जेल में बंद तीन आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है.



Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story