अयोध्या

सरकार तुड़वायेगी अयोध्या के 100 से ज़्यादा जर्जर मन्दिर

Special Coverage News
15 Dec 2018 5:18 AM GMT
सरकार तुड़वायेगी अयोध्या के 100 से ज़्यादा जर्जर मन्दिर
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लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी

राज्य मुख्यालय लखनऊ। अयोध्या के दर्जनभर से अधिक संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने मंदिरों को बचाने की गुहार लगाई है। संतों का कहना है कि सरयू के तट पर भगवान श्री राम की मूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार बाद में लगाए पहले वह अयोध्या में सदियों पहले स्थापित मंदिरों को ढहने से बचाएं। 21 दिसंबर के बाद अयोध्या नगर निगम कई ऐतिहासिक मंदिरो को ढहाने की अंतिम तिथि घोषित कर चुका है।जर्जर हो चुके इन मंदिरों को नगर निगम गिराने जा रहा है।


जिन प्रमुख मंदिरों को अयोध्या नगर निगम गिराने जा रहा है, उनमें 500 साल पुराना मटिया मंदिर, पत्थर मंदिर, सरयू कुंज मंदिर समेत कई दूसरे प्रमुख मंदिर शामिल हैं।अयोध्या नगर निगम ने क्षेत्र के 176 जर्जर मंदिरों और भवनों के मालिकों, सर्वराहकारों को आखिरी नोटिस जारी की है।यह सभी जर्जर मंदिर और भवन जानलेवा साबित होने की कगार पर हैं। जिसको लेकर नगर निगम ने नोटिस जारी करते हुए मालिकों को आगाह किया है कि वह इन भवनों, मंदिरों को खुद ढहा दें या तो उसका पुनर्निर्माण कराएं। नहीं तो नगर निगम खुद इन जर्जर भवनों और मंदिर को ढहाएगी। साथ ही ढहाए जाने में आने वाले खर्च को मालिक से ही वसूल किया जाएगा। आपको बता दें कि नगर निगम की कार्रवाई की जद में कई प्राचीन मंदिर भी आ रहे हैं, जो खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।


अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास, राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के शिष्य रामदास को भी जर्जर मंदिर के लिये भी नोटिस भेजी गई है। नोटिस को लेकर अयोध्या में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इनमें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो पुनर्निर्माण के लिए नगर निगम को पत्र भी लिख चुके हैं। जबकि कुछ पर नगर निगम ने कार्रवाई भी की है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अभी तक नगर निगम को ढहाए जाने या पुनर्निर्माण की भी सूचना नहीं दी है। ऐसे लोगों को नगर निगम ने चिन्हित कर उनके खिलाफ कारवाई करने का मन बना लिया है।


वहीं नगर निगम की नोटिस पर राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि राज्य सरकार को अयोध्या के प्राचीन और जर्जर मंदिरों की मरम्मत करानी चाहिए। वहीं मटिया मंदिर समिति के सदस्य रामचंद्र ने कहा कि यह मंदिर 500 साल पुराना है और इसमें भगवान राम और हनुमान की मूर्तियां स्थापित हैं। हमारे पास इसकी मरम्मत के लिए पैसे नहीं है। इसलिए सरकार मदद करनी चाहिए। वासुदेव घाट स्थित पत्थर मंदिर के राम सजीवन दास ने कहा कि हमारी जानकारी में यह मंदिर 400 से 500 साल पुराना है। सरकार को हमारी धरोहरें बचाने में मदद करनी चाहिए।

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