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शहीद जवान विनोद कुमार की पत्नी नीतू को मिली सरकारी नौकरी, गाजियाबाद की डीएम रीतू माहेश्वरी ने सौंपा नियुक्ति पत्र
मोदीनगर विधानसभा के ग्राम पतला निवासी शहीद जवान विनोद कुमार की पत्नी नीतू को आज गाजियाबाद की डीएम रीतू माहेश्वरी ने सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा, नीतू को नगर पालिका परिषद मोदीनगर में नियुक्ति दी गयी है।
गौरतलब है कि ग्राम पतला निवासी विनोद कुमार कश्मीर में आतंकवादी हमले में शहीद हो गये थे।उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी मिलने की सूचना पर क्षेत्र के लोगो ने सरकार को धन्यवाद दिया।
आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए विनोद कुमार की पत्नी नीतू अब शिक्षिका बनना चाहती हैं। आयु सीमा और दो बच्चों की जिम्मेदारी उन्हें सेना में जाने से भले ही रोक दे, लेकिन पति की शहादत के बाद उन्होंने नई पीढ़ी को पढ़ा लिखाकर देश सेवा के लिए तैयार करने की इच्छा जताई है।
जल्द ही वह जिला प्रशासन और विधायकों के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इच्छा बताएंगी। वहीं मोदीनगर विधायक ने भी नीतू की नौकरी के संबंध में मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है।
पति विनोद सीमा पर दुश्मनों से लड़ हे थे तो पत्नी नीतू अपने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। अब पति की शहादत के बाद नीतू पति के देश सेवा के संकल्प को पूरा करना चाहती हैं। नीतू का कहना है कि घर में बैठकर जिंदगी कैसे कटेगी। मूलरूप से बुलंदशहर के मुकैरा गांव की रहने वाली नीतू एमए पास हैं और उन्होंने सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी करने की इच्छा जताई है।
उनकी इच्छा है कि वह पति के गांव में ही नई पीढ़ी को पढ़ाकर वह देश सेवा के पति के संकल्प को शिक्षिका के रूप में पूरा करना चाहती हैं। वह पहले भी टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन बच्चों की जिम्मेदारी की वजह से उन्होंने अपने इस सपने को छोड़ दिया था।
अब नौकरी करना उनकी जरूरत भी बन गई है और देश सेवा का संकल्प भी। नीतू ने कहा कि आर्मी और सीआरपीएफ के जवानों में सरकार की ओर से भेदभाव किया जाना सही नहीं है। सीआरपीएफ के जवानों को भी सेना की तरह शहीदों का दर्जा दिया जाना चाहिए। सीआरपीएफ का योगदान भी कम नहीं है।