- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- गाजियाबाद
- /
- Ghaziabad suicide...
Ghaziabad suicide case: बिजनेस पार्टनर या पत्नी, संजना का गुलशन से क्या था रिश्ता? संजना के भाई ने किया खुलासा
26 वर्षीय संजना डेढ़ साल पहले 'गुलशन' के नाम से जानी जाती थी. बुधवार को उसके भाई फिरोज ने बताया कि वह दिल्ली अशोक पार्क स्थित रामपुरा में अपने परिवार के साथ रहती थी. मध्यवर्गीय परिवार, पिता दिल्ली की एक फैक्ट्री में क्लर्क का काम करते थे जो कि अब रिटायर हो चुके हैं.
2015 में गुलशन(संजना) की मुलाकात उसके हमनाम गुलशन वसुदेव से हुई, उसके बाद सब कुछ बदल गया. वसुदेव ने 2016 में अपना ONZ Denim के नाम से अपना बिजनेस शुरू किया तो जीन्स के धागे काटने वाली गुलशन को उसका मैनेजर बना दिया. फिरोज का कहना है कि गुलशन ने डेढ़ साल पहले दिल्ली वाला घर छोड़ा, धर्म परिवर्तन किया, संजना नाम रखा और गुलशन वसुदेव से शादी कर ली.
नहीं पूरी हो सकी आखिरी इच्छा
किसी को नहीं पता कि बिजनेस मैनेजर संजना का गुलशन वसुदेव के परिवार से कैसा रिश्ता था. संजना और गुलशन वसुदेव की पत्नी परमीन, बच्चों ऋतिक और कृतिका से किस तरह का जुड़ाव था कि वह उस परिवार के साथ ही रहने लगी, यह किसी को नहीं पता. ये रिश्ते इतने मजबूत कैसे हो गए कि इन्होंने दीवार पर आखिरी इच्छा लिख रखी थी कि संजना की बॉडी भी उनके साथ ही जलाई जाए.
हालांकि उनकी ये आखिरी इच्छा पूरी नहीं हो सकी. संजना की लाश को उसके भाई और मां के सुपुर्द कर दिया गया. गुलशन वसुदेव की एक आंटी उर्मिला दीवान का कहना है कि गुलशन के परिवार वाले साथ में अंतिम संस्कार के लिए नहीं माने क्योंकि वह दूसरे समुदाय से थी. न जाने कैसे वह वसुदेव की फैमिली में एडजस्ट हो गई. हम जब भी वसुदेव के दिल्ली वाले ऑफिस में गए, उसने हमेशा संजना को बिजनेस पार्टनर बताया.
उर्मिला दीवान का कहना है कि संजना केवल डेढ़ महीने पहले गुलशन के परिवार के साथ रहने आई थी. उसके पहले गुलशन के पिता साथ में रहते थे. दो महीने पहले कुछ चोट लगने के कारण गुलशन का बड़ा भाई विपिन उन्हें दिल्ली के झिलमिल कॉलोनी स्थित घर ले गया था. संजना के बड़े भाई फिरोज का कहना है 'उसने गुलशन से शादी की थी, हम चाहते थे उसकी आखिरी इच्छा पूरी हो लेकिन गुलशन का परिवार राज़ी नहीं हुआ.'