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परशुराम कालीन शिव मंदिर में 36 बिरादरियों की महापंचायत में त्यागी समाज ने लिया बढ़ा निर्णय
36 बिरादरियों को साक्षी मानकर त्यागी समाज के युवाओं ने शपथ ली की हम त्यागी होने से पहले हिन्दू हैं और हर हिन्दू हमारा अपना भाई है। जो हमारे धर्म का दुश्मन है वो हमारे सबसे बड़ा दुश्मन है। मुस्लिमो के साथ सम्बन्ध रखने बाले त्यागी के घरों में रोटी बेटी का रिश्ता नहीँ रखेगा, त्यागी समाज लव जिहादियो के इलाज के लिये सौ करोड़ रूपये का कोष बनायेगा। त्यागी समाज पंचायत करके हिन्दू समाज के अंतर्गत अंतरजातीय विवाह संबंधों को स्वीकार करने वाला पहला समाज बना। त्यागी समाज ने शपथ ली की चाहे किसी भी बिरादरी का हिन्दू है,वो हमारा अपना ही भाई है। यदि किसी गैर हिन्दू से हिन्दू का झगड़ा होता है तो सारे त्यागी हिन्दू भाई का साथ देंगे। अगर किसी गैर हिन्दू से झगड़े में किसी त्यागी ने किसी भी हिन्दू से गद्दारी की तो उसे त्यागी समाज चांडाल घोषित करेगा और ऐसे व्यक्ति का वंश सदैव सदैव के लिये बिरादरी से बाहर माना जायेगा।
धर्म के लिये मर मिटने का जज्बा रखने वाले सबसे बड़े धर्मयोद्धाओं यति माँ चेतनानन्द सरस्वती,बाबा परमेन्द्र आर्य,पण्डित अधीर कौशिश,पिंकी चौधरी,अनिल यादव,शशि चौहान,धीरज नागर फौजी,बिट्टू सिखैड़ा,राजू सैनी,अमित प्रजापति,संकेत कटारा एड्वोकेट,दीपक चौधरी,मोहित कसाना, संदीप तोमर तथा अन्य ने मुक्त कंठ से त्यागी समाज के द्वारा लिये गये निर्णयों की प्रशंसा की तथा हर तरह का सहयोग देने का विश्वास दिलाया।
बाबा परमेन्द्र आर्य और पिंकी चौधरी ने कहा की बेगैरत नेताओ की तो कह नहीँ सकता वरना जाट का बच्चा बच्चा धर्म की लड़ाई में अपने साथियों और भाइयो का साथ देगा। किसी भी कीमत पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को कश्मीर नहीँ बनने दिया जायेगा। आज वीरभूमि खिंदौड़ा के परशुरामकालीन शिव मन्दिर में सनातन धर्म की रक्षा और इस्लामिक जिहाद के विनाश के लिये एक सप्ताह से चल रहे माँ बगलामुखी महायज्ञ की पूर्णाहुति में मोदीनगर की विधायक डॉ मंजू सिवाच सहित बड़ी संख्या में माताओं बहनों ने भाग लिया।
पूर्णाहुति के बाद वीर भूमि खिंदौड़ा की महापंचायत में हिन्दुओ की सभी 36 बिरादरियों को साक्षी बनाकर आज त्यागी समाज के सभी संगठनों और युवाओं ने शपथ ली की किसी भी मुस्लिम से कोई भी सम्बन्ध रखने वाले त्यागियों के घरों में रोटी बेटी का रिश्ता नहीँ रखा जायेगा।आज के बाद जो भी त्यागी अपनी जमीन,अपना घर या अपनी किसी भी तरह की जायदाद किसी मुसलमान को किराए पर देगा,बेचेगा या किसी अन्य तरीके से सांझेदारी करेगा,उसे धर्म और बिरादरी का गद्दार माना जायेगा।
पंचायत में अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने शपथ ली की उनकी संस्था प्रत्येक वर्ष हर उस त्यागी को"त्यागी कुल रत्न" के रूप में सम्मानित करेगी जो पाँच या पाँच से ज्यादा बच्चे पैदा करेगा।ऐसे सभी धर्मवीरो के बच्चों की पढ़ाई और शादी का खर्च अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान उठाएगा।इसके लिये प्रत्येक त्यागी बाहुल्य क्षेत्र में संस्थान की इकाइयां गठित की जायेगी।
अखिल भारतीय त्यागी ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष विनय त्यागी ने अपनी संस्था की ओर से लव जिहाद के खिलाफ अंतिम युद्ध लड़ने का संकल्प लेते हुए कहा की अब एक भी त्यागी लड़की का यदि लव ज़िहाद के माध्यम से शिकार करने की कोशिश की गयी तो इसका अंजाम हर षड्यंत्रकारी को भुगतना पड़ेगा।हर त्यागी की बेटी हमारी अपनी बेटी है और बेटी के सम्मान से बढ़कर कुछ भी नही हो सकता।हम अपनी बहन बेटियो के मान सम्मान को उन नपुँसक नेताओ के भरोसे नहीँ छोड़ सकते जो खुद अपनी बेटी मुसलमानो को देकर सत्ताओं में बने रहना जानते हैं।हर लव जिहादी का उचित इलाज किया जायेगा और इलाज करने वालो के साथ पूरा त्यागी समाज खड़ा होगा।जो लोग अपनी पार्टीबाजी के कारण ऐसे लोगो का विरोध या मुखबिरी करेगे,उनका संपूर्ण बहिष्कार किया जायेगा।
उन्होंने बताया की उनकी संस्था एक सौ करोड़ रूपये का एक कोष स्थापित करेगी जो केवल उन सभी त्यागियों का मुकदमा लड़ेगा जो अपनी बहन बेटियो की रक्षा करने के लिये लव जिहादियो का उचित इलाज करेंगे।इस कोष का उपयोग मदद मांगने की स्थिति में त्यागी बिरादरी से अलग भी प्रत्येक हिन्दू के लिये किया जायेगा।
पंचायत की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी ने कहा की अब हमारे यहाँ भी कश्मीर की कहानी दोहराई जा रही है जहाँ मुसलमानो ने अपनी आबादी के बूते पर जमीन के असली मालिको से उनकी जमीन और बेटियो को छीन लिया था।दिल्ली के बसई दारापुर गाँव की घटना को देखकर भी जिस हिन्दू को अक्ल नहीँ आई,उसका तो मालिक भगवान भी नही हो सकते।नपुंसक और कायर नेताओ की सह पर इस्लाम के जिहादियो ने जो हमे रसगुल्ला समझा है,ये उनकी भूल है।अगर रणचण्डी हमसे हमारा रक्त माँग रही है तो ये ही सही।हम अपने बच्चों के भविष्य के लिये अपने रक्त की एक एक बूंद महाकाली को समर्पित कर देंगे।अब हमारे बलिदान से ही हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।