गाजियाबाद

सुनिए सरकार! पहली बार श्मशान से 'शव' घर वापस आये है

Shiv Kumar Mishra
8 Jan 2021 2:50 PM GMT
सुनिए सरकार! पहली बार श्मशान से शव घर वापस आये है
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सोचिये कि यदि 30 प्रतिशत कमिशन दिया, 30 प्रतिशत ठेकेदार ने बचाया, तो वह कैसा निर्माण करेगा बचे 40 प्रतिशत में!

आज आप इस शीर्षक पर हंस रहे होंगे लेकिन यह कटु सत्य है जिसे कोई नहीं बदल सकता है. यह बात उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद जिले की मुरादनगर नगर पालिका परिषद के श्मशान घाट पर सच साबित हुई है. जहां एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने आये लोग श्मशान स्थल पर हुए हादसे के शिकार हो गए.

बता दें कि गाज़ियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट में निर्माण कार्य में हुए घोटाले के कारण लिंटर गिरने से कम से कम 25 लोग असमय ही काल-कवलित हो गये एवं कई अन्य घायल हुए।मुरादनगर के ठेकेदार अजय त्यागी ने गिरफ्तार होने के बाद बताया कि किसी भी टेंडर मिलने के बाद सरकारी अधिकारियों को वह पूरे कार्य हेतु मिले सरकारी धन का 28 से 30 प्रतिशत कमिशन देता था।

इस काम के लिए उसे 55 लाख ₹ मिले थे, जिसमें से 16 लाख ₹ उसे बतौर कमिशन देना पड़ा था। वहाँ की घूसखोर महिला कार्यपालिका अधिकारी निहारिका सिंह का नाम इसमें आया है। इसके अलावा भी वहाँ जितने सरकारी अधिकारी, इंजीनियर, सर्वेयर इत्यादि थे, सब माल बनाते थे!

सोचिये कि यदि 30 प्रतिशत कमिशन दिया, 30 प्रतिशत ठेकेदार ने बचाया, तो वह कैसा निर्माण करेगा बचे 40 प्रतिशत में!

ऐसे घूसखोरों की बुद्धि घूस लेते-लेते चौपट हो जाती है। इनको लालच में समझ ही नहीं आता कि पकड़े जाएंगे तब क्या होगा! ठेकेदारों का तो कहिये मत। बस चार पैसे बन गये, गले में सोने की मोटी चेन डाल ली, दो-चार टट्टू पाल लिए साथ में बंदूक लेकर घूमने वाले और स्कार्पियो से लेकर फॉर्च्यूनर में उड़ने लगे!

यही हाल राजस्थान के बाराँ जिले के कलेक्टर इन्द्र सिंह राव के साथ हुआ। अब जेल में मूर्ख सड़ रहा। पेट्रोल पंप आवंटन के लिए पैसे लेता था। कलेक्टरी गयी, सो अलग! कई सरकारी मुलाजिम बस सोचते हैं कि किसी तरह इतना अवैध पैसा इक्कट्ठा कर लो कि फिर सात पुश्त तक सोचना न पड़े। गदहे कहीं के!

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी से कतिपय लोग चिढ़ते हैं। अनेक कारण हैं चिढ़ने के, जिसके पीछे मैं नहीं जाना चाहता। पर बन्दे ने दिखा दिया है कि किस तरह घूसखोर अधिकारियों व ठेकेदारों को कस कर ऐंठा जाता है।

अब जितना भी नुकसान हुआ है एवं दुर्घटना में मारे गये लोगों को जो मुआवजा दिया जाएगा, वह सभी इन घूसखोरों से वसूला जाएगा। ऐसा पहली बार होगा, जब नुकसान एवं मुआवजे की भरपाई सरकारी अधिकारियों व ठेकेदारों से की जाएगी। जेल में सड़ेंगे सो अलग।

आज इस केस की जांच करने यूपी सरकार द्वारा गठित SIT की टीम मुरादनगर पहुंची है. उसने घटनास्थल का जायजा लिया और स्थानीय लोंगों से भी बातचीत की. लेकिन सवाल जस का तस है कि क्या मुरादनगर नगर पालिका परिषद ही कमिशन लेती है बाकी प्रदेश के नगर निगम , नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत कमीशन नहीं लेती है.

यूपी में सरकार का कौन सा ऐसा विभाग है जिसमें कमीशन के बिना किसी ठेकेदार का भुगतान होता हो. इस बात को क्या सरकार में बैठे लोग नहीं जानते है. सब जानते है. इस बात के लिए में एक बार फिर पूर्व पीएम राजीव गांधी को दाद दूंगा जब उन्होंने कहा था कि मेरे द्वारा भेजे गये पैसे में से सिर्फ सबसे आखिर में पन्द्रह पैसे पहुँचते ही. आखिर उन्होंने सच्चाई स्वीकार की थी. जबकि आज के सरकार में बैठे लोग इसकी नसीहत जरुर सदन में देते है लेकिन इस पार काम नहीं करते है यही बिडम्बना बनी हुई है. लिखने को तो इस पर कई पेज लिखे जा सकते है.

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