हापुड़

झांसी के बाद हापुड़ में हैवान बनी पुलिस, पीट पीट कर थाने में मार डाला इन भले बुजर्ग का सहारा

Special Coverage News
14 Oct 2019 4:36 PM GMT
झांसी के बाद हापुड़ में हैवान बनी पुलिस, पीट पीट कर थाने में मार डाला इन भले बुजर्ग का सहारा
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हापुड़: झांसी के बाद हापुड़ जिले में हैवान बनती पुलिस की कहानी नजर आ रही है. जिले के पिलखुवां थाने में पुलिस ने बर्बरता की पराकाष्ठा पार करते हुए हत्या के शक में एक सीधे साधे युवक को पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया. इस घटना से लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है। बवाल की आशंका के मद्देनजर अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्रा, उपजिलाधिकारी विशाल यादव ने कोतवाली में डेरा डाल लिया है.

इसी के साथ संभावित बवाल के मद्देनजर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. कोतवाली के आसपास का बाजार बंद करा दिया गया है. किसान नेता का शव मेरठ मेडिकल कॉलेज में है. मृतक के परिजन दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वहीं, कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर थाना प्रभारी निरीक्षक योगेश बालियान, उपनिरीक्षक अजब सिंह और कॉन्स्टेबल मनीष चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है,

घटना को तूल पकड़ते देख पुलिस कप्तान हापुड़ ने 3 मातहतों को सस्पेंड कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास करना शुरू कर दिया है. अब मामला पूरी तरह सरकार के खिलाफ बनता नजर आ रहा है. अब पुलिस पूरी तरह निरंकुश होती नजर आ रही है. जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगर झाँसी केस में कोई भी दोषी होगा तो बख्सा नहीं जायेगा तब तक यह वारदात होना अपने आप में एक बड़ी चूक है.

यहां पर बता दें कि 30 अगस्त को लाखन गांव के जंगल में एक महिला की जली अवस्था में लाश मिली थी. मामले की जांच करते हुए रविवार शाम पुलिस ने लाखन गांव निवासी प्रदीप तोमर (30) को शक के तौर पर हिरासत में लिया. आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान प्रमोद तोमर के साथ बेरहमी से मारपीट की. जिस कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई. गंभीर हालत में उसे नगर के एक अस्पताल में ले जाया गया. जहां से उसे मेरठ रेफर कर दिया गया. देर रात पीड़ित की मेरठ के अस्पताल में मौत हो गई. बताया जाता है कि जिस महिला की लाश थी वह किसान नेता की सहलज थी.

बात दें कि हत्या के शक में प्रमोद तोमर को पुलिस पिलखुवां थाने लाई थी. मृतक के नाबालिग चश्मदीद बेटे के अनुसार प्रमोद तोमर को पुलिस ने 4,5 घण्टे तक मारा जिक्से बाद अस्पताल में प्रदीप की मौत हो गई. प्रदीप का कोई पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है,ना ही जिस मामले में उसे थाने लाया गया उस FIR में भी उसका नाम नहीं था.

वहीँ हापुड़ पुलिस का कहना है कि प्रमोद का हत्या से कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं है लेकिन इसकी बात हत्यारों से होती थी. इसी शक के आधार पर उसको हिरासत में लिया गया. अभी उससे जानकारी ली जा रही थी कि उसकी तबियत बिगड़ गई. उसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसकी मौत हो गई.

मिली जनकारी के मुताबिक मृतक का पिता किसान है. पुलिसिया बर्बरता ने एक और घर उजाड़ दिया है. जहाँ मासूम से उसके पिता का साया छिन गया तो एक सीधे साधे किसान का बुढ़ापे का सहारा चला गया इनकी आँखे किसी का इंतजार कर रही शायद कोई आएगा. लेकिन यहाँ तो सब कुछ लूट चूका है. तस्वीर में दिख रहे सज्जन मृतक के पिता जी हैं.

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