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हैण्डपम्प मरम्मत और रिबोर के नाम पर निकाल ली 8 लाख 47 हजार की रकम
कौशाम्बी हैंडपंप मरम्मत और रीबोर के नाम पर ग्राम पंचायतों में बड़े खेल चल रहे हैं बिना हैंडपंप मरम्मत और रिबोर कराए सरकारी खजाने खाली करने में पंचायत के जिम्मेदार लगे हैं ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर व्याप्त हैं खंड विकास अधिकारी मूरतगंज एडीओ पंचायत से लेकर जिले के बिकास भवन के आलाधिकारी तक ग्राम पंचायतों के भ्रष्टाचार पर चुप्पी साध कर बैठे हैं जिससे तमाम सवाल खड़े हो रहें हैं बीते कई महीनों से बिना कार्य कराए फर्जी बिल बाउचर के सहारे सरकारी खजाने से कई लाख की रकम निकालने में पंचायत के जिम्मेदार सफल हो चुके हैं।
अधिकारियों को अधेरे में डाल कर गुमराह करने में पंचायत के जिम्मेदार सफल दिखाई दे रहे हैं और अधिकारी शिकायती पत्र का इंतजार कर रहे हैं ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव सरकारी खजाना को खाली करने में सफल हो रहें हैं हैंडपंप मरम्मत और रिबोर के नाम पर किए जा रहे बड़े भ्रष्टाचार की यदि जांच शुरू हुई तो ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं लेकिन आलाधिकारी किसी मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए नहीं दिख रहे हैं जिससे जिम्मेदार बेखौफ तरीके से लूट रहे हैं तमाम ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के कारनामों के बाद इन दिनों मूरतगंज विकासखंड क्षेत्र के बेरुवा ग्राम पंचायत में हैंडपंप मरम्मत और रिबोर के नाम पर बड़े भ्रष्टाचार की चर्चा तेजी से हैं।
मूरतगंज विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेरुवा में हैण्ड पम्प मरम्मत कार्य के नाम पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम निकाली जा चुकी हैं लेकिन किसी अधिकारी ने कभी ध्यान नहीं दिया हैं मरम्मत के नाम पर 6 लाख 62 हजार 352 रुपए निकाले जा चुके हैं जबकि गांव में हैंडपंप की मरम्मत नहीं कराई गई है ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव मिलकर खूब ढिढोरा पीटा रहें हैं और आलाधिकारी को अधेरे में डालें हुए हैं।
पूरे ग्राम सभा में चार हैंडपंप रिबोर बताए जा रहे हैं पहला देवा स्थान मां काली के दरबार में एक हैण्ड पम्प रिबोर हुआ है भोले नाथ बाबा के पास हैंडपंप रिबोर कराया गया है शीतल माता मंदिर के पास रिबोर हुआ है और अनिल के घर के पास हैंडपंप रिबोर हुआ जिसमे हैण्ड पम्प रिबोर के नाम पर 1 लाख 84 हजार 655 रुपए निकाले जा चुके हैं लेकिन इतनी बड़ी धांधली होने के बाद भी आलाधिकारियों के कान में जूं नहीं रेंग रही हैं।
आखिर बड़ी धांधली कब उजागर होगी जन चर्चाओं की माने तो ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव के साथ एडीओ पंचायत की मिली भगत से यह खेल खेला जा रहा है सवाल उठता है कि बिना किसी बड़े अधिकारी की मिली भगत के ग्राम पंचायत में हैंडपंप मरम्मत और रिबोर के नाम पर इतने बड़े घोटाले कैसे हो सकते हैं हैंडपंप मरम्मत और रिबोर के नाम पर निकाले गए रकम की आला अधिकारियों ने जांच कराई तो पंचायत के जिम्मेदारों की मुश्किलें बढ़ना तय हैं।