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कुमार विश्वास ने यूपी सीएम योगी से की मांग, मांग पूरी होने पर जताया यूपी पुलिस का आभार
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तैनात दलित ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्रकुमार ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद मौके से एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने दो ग्राम प्रधान और उनके बेटे और एक यूनियन को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन एक युवा और होनहार अधिकारी ने डिप्रेशन या ज्यादा दबाब में आकर आत्महत्या कर ली।
इस घटना की जानकारी जबी डॉ कुमार विश्वास को मिली तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाय। उन्होंने कहा कि आज़ादी के सत्तर साल बाद ये भारत ? कहाँ से चले थे, कहाँ पहुँचे हैं हम ? मुख्यमंत्री योगी जी और यूपी पुलिस इस आत्महत्या के ज़िम्मेवारों को इतनी कड़ी सजा दिलवाइए कि नेतागीरी के गुमान में फूला हुआ कोई भी छुट्भैय्या नेता किसी के प्रति, कभी ऐसा करना तो दूर सोच भी न सके।
उनकी इस मांग पर जबाब देते हुए लखीमपुर खीरी पुलिस ने जबाब देते हुए कहा कि उक्त घटना के संबंध में प्राप्त तहरीर के आधार पर विभिन्न धाराओं में 9 नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर त्वरित कार्यवाही करते हुए 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष अभियुक्तों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी हेतु सार्थक प्रयास जारी हैं।
इसके बाद कुमार विश्वास ने यूपी पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आभार यूपी पुलिस का, कृपया शेष अभियुक्तों की गिरफ़्तारी यथाशीघ्र सुनिश्चित करें ! ऐसे लोग लोकतंत्र और मनुष्यता पर कलंक हैं।
क्या था पूरा मामला
घटना के अनुसार गोला तहसील में तैनात ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार ने आत्महत्या कर ली। उनका शव गुरुवार सुबह घर में रस्सी के सहारे लटकता देख परिजनों में कोहराम मच गया। कमरे में मिले सुसाइड नोट में उन्होंने किसान यूनियन के अध्यक्ष और प्रधानों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। घटना से आक्रोशित ग्राम विकास अधिकारियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तीन दिन की हड़ताल कर दी है।
मूल रूप से मऊ जिला स्थित थाना घोसी के गांव हाजीपुर के कोमल प्रसाद गौतम का बेटा त्रिवेंद्र कुमार (23) ग्राम विकास अधिकारी थे। त्रिवेंद्र लखीमपुर के मोहल्ला शिवसागर कॉलोनी में रहते थे। गुरुवार सुबह उनका शव उनके कमरे में रस्सी के सहारे लटकता मिला। उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सूचना पाकर डीएम शैलेंद्र सिंह, एसपी पूनम, एएसपी शैलेंद्र लाल, सीओ सिटी विजय आनंद और शहर कोतवाल फतेह सिंह मौके पर पहुंच गए।
पुलिस ने शव नीचे उतार कर कमरे की तलाशी ली। वहां एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें आरोप लगाया गया है कि त्रिवेंद्र ने किसान यूनियन पार्टी के अध्यक्ष, रसूलपुर प्रधान और देवरिया प्रधान के पुत्र से परेशान थे। इसी तनाम में उन्होंने आत्महत्या कर ली। सूचना पाकर घरवाले लखीमपुर के लिए रवाना हो चुके थे।
इधर घटना की जानकारी पर ग्राम विकास अधिकारी विकास भवन में जमा हो गए और प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। एसपी पूनम ने बताया कि तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
शैलेंद्र लाल, एएसपी, खीरी ने बताया कि घटना की तहरीर अभी नहीं मिली है। ग्राम विकास अधिकारी पिता लखीमपुर आ रहे हैं। वही घटना की तहरीर देंगे। तभी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जल्द से जल्द आरोपियों को जेल भेजा जाएगा। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
मौत के बाद वायरल वीडियो ने लगाई सुसाइड नोट पर मुहर
ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र की आत्महत्या के कुछ देर बाद एक वीडियो वायरल होने लगा। जिसमें भरे मंच से त्रिवेंद्र को बेइज्जत किया जा रहा है। वायरल वीडियो का सच अभी सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस ने इसे भी जांच के दायरे में ले लिया है। वायरल वीडियो मोहम्मदी थाने के गांव रसूलपुर में 28 अगस्त को हुई किसान पंचायत का बताया जा रहा है। बताते हैं कि यह पंचायत किसान यूनियन के बैनर तले की गई थी। किसान नेताओं का ज्ञापन लेने गोला तहसीलदार गए थे। उनके साथ सेक्रेटरी त्रिवेंद्र भी मौजूद थे। वीडियो में दिख रहा है कि कार्यक्रम में खुले मंच से एक किसान नेता ने सेक्रेटरी को बेइज्जत किया। यह वीडियो त्रिवेंद्र की मौत के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
उधर, घरवालों का भी दावा है कि त्रिवेंद्र तभी से परेशान थे। उन्होंने कई बार परेशानी का कारण जानना चाहा, लेकिन त्रिवेंद्र ने कुछ नहीं बताया। इस बेइज्जती के बाद त्रिवेंद्र अंदर ही अंदर घुट रहे थे और उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया।
पापा को लिखा : मुझे गाली दी गई, आरक्षण के विरोध में बोला गया
सेक्रेटरी त्रिवेंद्र ने मौत से पहले पापा को एक खत लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है, 'मैं त्रिवेंद्र कुमार ग्राविअ के पद पर तैनात हूं। वहां पर किसान यूनियन व प्रधानों के द्वारा मुझे कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया है। इससे मैं बहुत ही परेशान हूं। मुझे गाली दी गई। आरक्षण के विरोध में बोला जाता है। जो कि बहुत गलत है। मैं अपनी जिंदगी से परेशान हो गया हूं। मैं अपने परिवार से बहुत प्यार करता हूं। उन्हें परिवार पर विश्वास है। वहां ब्लॉक पर मेरा मजाक बनाया जाता है। अगर मुझे कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ किसान यूनियन पार्टी अध्यक्ष व रसूलपुर प्रधान, देवरिया प्रधान पुत्र पप्पू हैं। मुझे दिमागी रूप से यह पार्टी और प्रधान परेशान करते हैं। मैं अपने आप से विफल हो गया हूं। मेरे मरने के बाद मेरे परिवार को कोई परेशान नहीं करेगा। मैं स्वयं की इच्छा से मरने जा रहा हूं। परंतु मेरे मरने के बाद पार्टी अध्यक्ष व प्रधानों को कथित रूप से सजा मिले। जिससे यह किसी और को परेशान न कर सके।
बेइज्जत होते रहे त्रिवेंद्र, मुस्कुराते रहे गोला तहसीलदार
वायरल वीडियो देखें तो 28 अगस्त को रसूलपुर में हुई किसान पंचायत में एक किसान नेता ने मंच पर बुलाकर त्रिवेंद्र को बेइज्जत किया। नेताओं ने मंच पर त्रिवेंद्र को माइक दे दी और उनसे सवाल जवाब किए। एक सवाल के जवाब में त्रिवेंद्र हिचक गए। तो नेताओं ने उनका मजाक उड़ाया। इतना ही नहीं गोला तहसीलदार विपिन द्विवेदी भी वहां मौजूद थे। वह त्रिवेंद्र के साथ ज्ञापन लेने गए थे। वह भी नेताओं को रोकने के बजाए त्रिवेंद्र पर हंसते हुए नजर आए। उनको यह भी ख्याल नहीं आया कि वह उन्हीं के कर्मचारी हैं। अब वीडियो से किसान यूनियन के नेता और गोला तहसीलदार की किरकिरी हो रही है।
वीडियो और कसेगा आरोपियों पर शिकंजा
सेक्रेटरी त्रिवेंद्र ने अपने सुसाइड नोट में तो किसान यूनियन पार्टी के अध्यक्ष और प्रधानों को दोषी ठहराया ही है। लेकिन यह जो 28 अगस्त को रसूलपुर में हुई किसान पंचायत का वीडियो वायरल हुआ है। ये और आरोपियों पर शिकंजा कसेगा। इससे पुलिस को जांच में मदद मिलेगी। क्योंकि इस वीडियो में साफ देखा जा सकता और सुना जा सकता है कि किसान यूनियन के नेता मंच पर बुलाकर सेक्रेटरी त्रिवेंद्र को बेइज्जत कर रहे हैं। इसी बेज्जती से त्रिवेंद्र कई दिनों तक घुटता रहा और जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने आत्महत्या कर ली। उसने अपनी मौत के पीछे किसान यूनियन के अध्यक्ष व प्रधानों द्वारा की गई बेज्जती को जिम्मेदार ठहराया है। त्रिवेंद्र के सुसाइड नोट में सच्चाई है। उस पर यह वीडियो मोहर लगा रहा है। अगर इस वीडियो से छेड़छाड़ नहीं की गई है तो किसान यूनियन के नेता और प्रधानों को जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता।
सुसाइड नोट मिलते ही अलर्ट हो गई पुलिस
सेक्रेटरी की मौत का सुसाइड नोट मिलते ही पुलिस अलर्ट हो गई। पुलिस ने घरवालों से तहरीर लेनी चाही, लेकिन घरवालों ने यह कहकर अभी तहरीर देने से मना कर दिया कि मृतक के पिता मऊ से लखीमपुर आ रहे हैं। वहीं पुलिस को तहरीर देंगे और तभी मुकदमा लिखा जाएगा। लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तहरीर का इंतजार न करते हुए जिन लोगों का जिक्र सुसाइड नोट में किया गया है। उनमें से कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि अगर मुकदमे में उनका नाम होगा तो जल्द ही उनको जेल भेजा जाएगा।
शादी की हसरत रह गई अधूरी, अलविदा कह गया त्रिवेंद्र
त्रिवेंद्र को नौकरी मिल गई थी। वह अपनी लाइफ में जल्द ही सेट होना चाहता था। उसके मां-बाप भी जल्द ही उसकी शादी करना चाहते थे। बताया जाता है कि त्रिवेंद्र की गोद भराई और इंगेजमेंट हो चुकी थी। नवंबर माह में उसकी शादी आजमगढ़ निवासी लड़की से होनी थी। लेकिन उसकी शादी की ये हसरत पूरी न हो सकी। इससे पहले ही परेशानी के चलते उसने आत्महत्या कर ली। इसकी जानकारी जब लड़की के घरवालों को लगी तो उस घर में भी कोहराम मच गया। सभी का रो रो कर बुरा हाल है।
टीचर के पद से रिटायर हुए हैं पापा
सेक्रेटरी त्रिवेंद्र के पिता कोमल प्रसाद आश्रम पद्धति स्कूल लखीमपुर में टीचर थे। वह कुछ समय पहले रिटायर हो गए हैं। कोमल प्रसाद भी यही शिव सागर कॉलोनी में रहते थे। रिटायर होने के बाद उनका अपने पैतृक गांव में रहना ज्यादा हो गया। घटना के समय वह यहां नहीं थे। बताया जाता है कि त्रिवेंद्र का एक और भाई भी है। जो गांव में रहकर पढ़ाई कर रहा है। पिता के रिटायर होने के बाद त्रिवेंद्र घर में कमाने वाला अकेला था उसी की कमाई से उसके घर का खर्च चलता था। उसकी मौत से पूरा परिवार टूट गया है।
एक नहीं, कई किसान संगठन जिले में
त्रिवेंद्र की आत्महत्या के बाद किसान संगठनों की तेजी और आक्रमकता पर सवाल उठ रहे हैं। जिले में किसानों के तमाम संगठन हैं। कई के तो नाम ही किसान यूनियन हैं। इस लिहाज से यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि त्रिवेंद्र सुसाइड नोट में किस किसान यूनियन की बात कर रहे थे। हालांकि वायरल वीडियो में भाकियू लोकतांत्रिक के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष श्यामू शुक्ला की तस्वीर है।
घटना के विरोध में बंद किया ब्लाक आफिस, जताया शोक
मितौली-खीरी। गोला में तैनात ग्राम विकास अधिकारी की मौत से मितौली ब्लाक कर्मचारी काफी आहत हैं। कर्मचारियों ने ब्लॉक ऑफिस में ताला लगाकर घटना पर शोक जताते हुए दाषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। मितौली में भी कर्मचारियों ने घटना पर विरोध दर्ज कराते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा की अगुवाई में कर्मचारियों ने ब्लाक आफिस में ताला लगाकर घटना पर विरोध जताया। इस दौरान काफी संख्या में ब्लॉक कर्मचारी व प्रधान बंधु भी मौजूद रहे।
संगठन ने दिया तीन दिन का अल्टमेटम, फिर हड़ताल
ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेन्द्र कुमार की उत्पीड़न से परेशान होने के बाद आत्महत्या का मामला जानते ही ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों व जिले भर के ब्लॉकों में कार्यरत कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष विजय कुमार शर्मा, उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के अध्यक्ष आकाश अवस्थी, मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में जिले भर के ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और ब्लॉकों के कर्मचारी विकास भवन में एकत्र हुए। यहां मुख्य द्वार पर धरना दिया।
कई कर्मचारी संगठन भी पहुंचे धरना में
ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेद्र कुमार की आत्महत्या प्रकरण की जानकारी होते ही कई कर्मचारी संगठन पहुंच गए। विकास भवन में धरने पर बैठे इसके बाद कलक्ट्रेट पहुंच कर डीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में अभियुक्तों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की गयी। ज्ञापन देते समय ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष विजय कुमार शर्मा व ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष आकाश अवस्थी व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् लखीमपुर खीरी के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद पुष्कर, पीडब्ल्यूडी के ईंजी संघ के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार सिंह, डिप्लोमा इजी महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण प्रताप सिंह व यूपी एजुकेशनल संघ के जिलाध्यक्ष अनुज कुमार शुक्ल आदि मौजूद रहे। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई न हुई तो आन्दोलन किया जाएगा।