लखनऊ

अयोध्या: फैसले से पहले पुलिस मुस्तैद, 34 संवेदनशील जिलों में DGP का निर्देश

अनमोल
6 Nov 2019 6:43 AM GMT
अयोध्या: फैसले से पहले पुलिस मुस्तैद, 34 संवेदनशील जिलों में DGP का निर्देश
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लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर फैसले की घड़ियां जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम रखने वाली एजेंसियां भी पूरी तरह से मुस्तैद हो रही हैं। पुलिस वाहनों की मरम्मत की जा रही है, हथियारशालाओं का दोबारा दौरा कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ये अंतिम समय में धोखा ना दे जाएं और जन संवाद प्रणाली का भी परीक्षण किया जा रहा है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमारे लिए यह जरूरी है कि वाहन और जन संवाद सिस्टम (लाउडस्पीकर) सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील स्थानों पर स्थापित हों। इससे ना सिर्फ अफवाहें फैलने से रोकने में बल्कि भीड़ पर नियंत्रण करने में भी सफलता मिलेगी। अफवाहें और अनियंत्रित भीड़ स्थिति को भयावह बना सकते हैं, जहां लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।'

34 संवेदनशील जिलों के एसपी को निर्देश

पुलिस मुख्यालय ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील 34 जिलों के पुलिस प्रमुखों (एसपी) को भी निर्देश जारी कर दिए हैं। इन जिलों में मेरठ, आगरा, अलीगढ़, रामपुर, बरेली, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और आजमगढ़ आदि जिले शामिल हैं।

पुलिस तंत्र में जन संवाद सिस्टमों की महत्ता पर जोर देते हुए पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बृजलाल ने याद करते हुए बताया, 'बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के दो दिन बाद एक सहयोगी ने मुझे सूचना दी कि मेरठ में मेरी हत्या की अफवाह फैल रही है और तनाव पैदा हो रहा है। तब मैं मेरठ का एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) था। मैंने जन संवाद सिस्टम के माध्यम से अफवाह को खारिज किया। आज वॉट्सऐप और एसएमएस से ऐसी अफवाहें खतरनाक गति से फैल सकती हैं।'

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