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दिल्ली चुनाव बाद बदल जाएगा यूपी का सीएम, जानिए अगला सीएम कौन - सूत्र
भारतीय जनता पार्टी में नागरिकता संसोधन कानून के बाद कई राज्यों में मुख्यमंत्री की कार्यशैली से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व परेशान है. चूँकि बदली हुई परिस्तिथियों में अब सरकार अपना जनता में विश्वास किस तरह कायम करे तो यह बड़ा सवाल बना हुआ है. जब तक जनता में विश्वास और विकास की बात नहीं होगी तब तक दुबारा चुनाव में वापसी होना मुश्किल दिख रही है.
इसी क्रम में जब अभी तीन प्रदेशों में हुए चुनाव में बीजेपी की करारी हार ने पीएम मोदी, तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह, मौजूदा अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत सबको चौंका दिया. इसमें हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ने अनिल जैन की बड़ी मेहनत के बाद दुष्यंत चौटाला के समर्थन से सरकार बना ली. लेकिन देश की आर्थिक नगर जहां से राजनीत की धुरी चलती है और देश के सबसे ज्यादा धनी प्रदेश से सरकार उखड़ गई. अब दिल्ली में चुनाव है. चूँकि दिल्ली में बीजेपी की सरकार नहीं है तो कोई ज्यादा अंतर नहीं आने वाला है सरकार बन गई तो बहुत अच्छा नहीं बनी तो कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है.
जहाँ झारखंड के सीएम रघुवर दास पीएम मोदी और अमित शाह को विश्वास दिलाते रहे तो उनके कार्य करने को लेकर विरोध कर रहे नेता बर्फ से लगते रहे. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनके सामने एक नहीं सुनी. और उसका परिणाम जिस मंत्री का रघुवरदास ने टिकिट काटा उसी मंत्री ने निर्दलीय की हैसियत से उन्हें चुनाव हरा दिया. जबकि उन्होंने मंत्रीमंडल में रहते हुए कई बातो का खुलकर विरोध भी किया कि ये काम आप गलत कर रहे हो. ठीक उसी तरह महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में आये परिणाम को देखते हुए शिवसेना से मिलकर लड़ने की कोशिश की लेकिन वादा किया या नहीं किया किसी को नहीं मालूम यहाँ भी उनके पत्ते उलटे पड़ गए.
अब इस सब बातचीत को लेकर उत्तर प्रदेश में बड़े परिवर्तन के आसार नजर आ रहे है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ यूपी को दिल्ली चुनाव बाद नया सीएम मिल सकता है. यह जानकारी अभी सूत्रों के आधार पर बताई जा रही है. अब यूपी के नए मुख्यमंत्री के तौर पर केशव प्रसाद मौर्य का नाम सबसे उपर है और अगर मुख्यंमत्री बदले गए तो अगले मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ही होंगे. यह बदलने की बात प्रदेश में बदली परिस्तिथियों को लेकर बनी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डिप्टी सीएम केपी मौर्या की मुलाकात हो चुकी है और प्रदेश में मौजूदा हालातों पर चर्चा भी हुई है. लेकिन प्रदेश का में पार्टी की हालत अब अगले चुनाव के विपरीत बनती नजर आ रही है. चूँकि पिछले चुनाव में केशव पसाद मौर्य का बड़ा योगदान था. जीत का श्रेय जरुर उन्हें नहीं मिल सका और प्रदेश में सीएम योगी जी को बनाया गया. लेकिन अब 2022 का चुनाव सामने दिख रहा है. जिसके लिए सभी पार्टियाँ अभी से जोर लगा रही है. तो बीजेपी को भी एक बार फिर से अपनी ताकत लगानी होगी. अब देखना यह है कि ग्यारह फरवरी को दिल्ली के नतीजे आने के बाद क्या यूपी में बदलाब होगा या नहीं.
आपको एक बात और बता दें कि नोएडा आने वाले सीएम ने अपना कार्यकाल आज तक पूरा नहीं किया इसमें केवल एक अखिलेश और मायावती पिछले कार्यकाल को लेकर अपवाद भी बने जो पुरे पांच साल नोएडा नहीं आये. जबकि सीएम योगी ने नोएडा के कई चक्कर लगाये है.
यह खबर सूत्रों के आधार पर है