लखनऊ

भ्रष्टाचार ने किया जीना मुहाल तो सरकार की ही देहरी पर दे रही जनता अपनी जान!

भ्रष्टाचार ने किया जीना मुहाल तो सरकार की ही देहरी पर दे रही जनता अपनी जान!
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आज के अखबार में एक ही पेज पर काशी, मथुरा, और बरेली की ये जो तीन बड़ी खबरें दिखाई दे रही हैं

भ्रष्ट सरकारी तंत्र से हार कर सरकारी अधिकारियों और महकमे के सामने खुद की ही जान लेने की आज के अखबार में एक ही पेज पर काशी, मथुरा, और बरेली की ये जो तीन बड़ी खबरें दिखाई दे रही हैं , वह यह स्पष्ट तौर पर बता रही हैं कि सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार इस वक्त चरम पर पहुंच चुका है . बनारस में PWD के चीफ इंजीनियर के सामने उन्हीं के ऑफिस में बैठकर खुद को ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने गोली से उड़ाया ...तो बरेली में एसएसपी ऑफिस में ही फर्नीचर कारोबारी हरी प्रसाद ने जहर खा लिया. और मथुरा में तो जोगेंदर सिंह व चंद्रवती नामक दंपत्ति ने वहीं थाने में ही जाकर सरेआम खुद को आग लगा ली.

इन तीनों घटनाओं में आत्महत्या करने के तरीके भले ही अलग अलग हों लेकिन इसके लिए चुनी गईं जगहें और वजह प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक ही है ...और वह है, जिस विभाग में वहीं के शीर्ष अफसर के सामने बैठकर इन चारों ने अपनी अपनी जान दी , वही विभाग और उनके सारे अफसर व कर्मचारी मिलकर भ्रष्टाचार में लिप्त थे और इसी कारण पहले से ही इन सभी का जीना मुहाल किए हुए थे ... करता क्या न करता की तर्ज पर इन चारों ने इसलिए अपनी जान इन्हीं विभागों की देहरी पर दे दी कि शायद इनकी जान जाने के बाद लखनऊ में बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके अफसरान को प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार के बारे में कुछ दिखाई या सुनाई देने लगे ...या फिर मीडिया और अदालत जैसे संस्थान नींद से जागकर इस प्रदेश की सच्चाई को देखकर जनता के लिए कुछ कर सकें.

हालांकि ये चारों पहले नहीं हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जान देकर सोई हुई सरकार , मीडिया और अदालत को जगाने की कोशिश की है ...और ये आखिरी भी नहीं हैं...क्योंकि उत्तर प्रदेश की नस नस में फैले भ्रष्टाचार को हटाने के लिए अगर यह सरकार अपना आधा कार्यकाल बिताकर भी कुछ खास नहीं कर पाई है तो बाकी बचे दो तीन साल में भ्रष्टाचार अभी न जाने कितनों की बलि और लेगा, कौन जाने.

लेखक जाने माने पत्रकार है

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अश्वनी कुमार श्रीवास्त�

अश्वनी कुमार श्रीवास्त�

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