लखनऊ

मिठाई के डिब्बे में लाए थे धारदार हथियार, CCTV में कैद हुए कमलेश तिवारी के हत्यारे

Special Coverage News
18 Oct 2019 1:13 PM GMT
मिठाई के डिब्बे में लाए थे धारदार हथियार, CCTV में कैद हुए कमलेश तिवारी के हत्यारे
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लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या?

लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या का मामला सामने आया है। हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी का उनके ऑफिस में गला रेतकर हत्या कर दी गई। गला रेतने के बाद उन्हें गोली भी मारी गई। घटना लखनऊ के नाका इलाके की है।

जानकारी के अनुसार, कमलेश तिवारी से नाका के खुर्शीद बाग स्थित ऑफिस में दो लोग मिलने आए थे। ये दोनों मिठाई का डिब्बा लिए हुए थे जिसमें चाकू और असहलहा था। बताया जा रहा है कि दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की। बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी। इसके बाद उनका गला रेता गया और फिर गोली मारकर बदमाश फरार हो गए, कमलेश को आनन-फानन में ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

चाकू से 15 बार किया वार

बताया जा रहा है कि भगवा कपड़े पहने हमलावर मिठाई के डिब्बे में चाकू, कट्टा लेकर आए खुर्शीद बाग इलाके में स्थित तिवारी के दफ्तर में घुसे थे। हमलावरों ने मिठाई का डब्बा खोला और गर्दन रेतकर उनकी हत्या कर दी। हमलावरों की पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। सीसीटीवी कैमरे में कैद वारदात के मुताबिक हमलावरों ने कमलेश तिवारी की ठोड़ी और सीने में चाकू से 15 से ज्यादा वार किए। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।

सूरत से लिया गया था मिठाई का डिब्बा

जांच में पता चला कि कमलेश तिवारी हत्याकांड में इस्तेमाल मिठाई का डिब्बा 16 अक्टूबर को सूरत की मिठाई के दुकान से खरीदा गया था। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.

दोनों संदिग्धों की हुई पहचान

जिसके बाद कमलेश तिवारी को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। सूत्रों के मुताबिक चश्मदीद ने दोनों संदिग्धों की पहचान कर ली है। हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी ने वर्ष 2017 जनवरी में ही हिंदू समाज पार्टी की स्थापना की थी। तिवारी इससे पहले हिंदू महासभा के अध्यक्ष रह चुके थे।

कमलेश तिवारी पैगंबर मुहम्मद से जुड़ी विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था। हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके खिलाफ एनएसए रद्द कर दिया था।

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