लखनऊ

मायावती ने कैसे बदला ये रूप, अब बसपा चलाएगी ब्राह्मणों के पैर छूने का अभियान और ..?

Shiv Kumar Mishra
21 Jan 2020 8:18 AM GMT
मायावती ने कैसे बदला ये रूप, अब बसपा चलाएगी ब्राह्मणों के पैर छूने का अभियान और ..?
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पिछले समय अपने विधायक की बेटी में भी शामिल हुई थी मायावती

यूपी की राजनीति में रोज एक नया समीकरण सामने आ रहा है. लेकिन जिस तरह से यूपी में बसपा सुप्रीमों मायवती ने अपने में बदलाब किया है. वो वास्तव में समझ में नहीं आ रहा है. ब्राह्मणवाद और मनुस्मृति का विरोध कर अपना किला बनाने वाली मायावती अब कैसे चलाएंगी ये कार्यक्रम ये सबसे बड़ा सवाल है?

ब्राह्मणों को रिझाने का 'मायावी' कार्ड चलाकर मायावती एक बार फिर से यूपी की सत्ता हासिल करना चाहती है. इससे पहले उन्होंने इस कार्ड का प्रयोग करके ही सत्ता पाई थी लेकिन सत्ता पाते ही जिस तरह सरेआम ब्राह्मणों के खिलाफ जो हरिजन एक्ट का प्रयोग हुआ और ब्राह्मण नेता सतीशचन्द्र मिश्र और रामवीर उपाध्याय समेत कई बड़े चेहरे इस पर खामोश होकर देखते रह गये. लेकिन इससे सरकार जब तक अपनी जवानी की उम्र पर पहुंचती ब्राह्मण कोसों दूर जा चूका था. मायावती तब उस नारे को देकर सीएम बनी थी जिस नारे को भी भूल गई. नारा था हाथी नहीं गणेश है ब्रह्मा विष्णु महेश है.

इसके बाद मायवती लगातार नये नए प्रयोग करती रही और बसपा समाप्ति की और जाती गई. अब इस बार फिर एक नया प्रयोग किया जाएगा. इस प्रयोग के मुताबिक ब्राह्मणों को जोड़ने को BSP का कार्यक्रम पैर छुओ अभियान बसपा चलाएगी.

सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला फिर से दोहराया जाएगा और जिले-जिले में भाईचारा कमेटी गठित की जायेगी. यूपी में 14 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं. लेकिन अपनी पहचान सिर्फ वोट तक ही सिमित रखता है जबकि उससे कई प्रतिशत कम वोट वाली जातियां प्रदेश के सीएम और सरकार में बड़ी हिस्सेदारी मांगती है. जबकि ब्राह्मण 2007 अपनी ताकत का बसपा को भी अहसास करा चूका है.

2007 में मायावती को समर्थन ब्राह्मणों का समर्थन मिला था. अब वही फार्मूला दोहराने की कवायद तेज हो गई है. BSP में महत्वपूर्ण पदों पर ब्राह्मण नेता जल्द है काबिज होंगे लेकिन किस तरह से बसपा अब ब्राह्मणों के पैर छू पायेगी?

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