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कमलेश तिवारी मर्डर : अशफाक शेख ने चुराई थी हिंदू सहकर्मी की आईडी, फिर पार्टी में बनाई थी अंदर तक पकड़!

Special Coverage News
22 Oct 2019 6:08 AM GMT
कमलेश तिवारी मर्डर : अशफाक शेख ने चुराई थी हिंदू सहकर्मी की आईडी, फिर पार्टी में बनाई थी अंदर तक पकड़!
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अशफाक शेख ने अपने सहयोगी के आधार कार्ड में तस्‍वीर को बदलकर रोहित सोलंकी का रूप धारण कर लिया था

लखनऊ : हिंदू समाज पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष कमलेश तिवारी की हत्‍या के मामले में गुजरात पुलिस ने एक अहम खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि इस निर्मम हत्‍या के जिम्‍मेदार दो फरार आरोपियों में से एक अशफाक शेख ने फार्मा कंपनी के कर्मचारी के रूप में काम करने के दौरान अपने एक हिंदू सहकर्मी की पहचान को चोरी कर लिया था। इसी पहचान का इस्‍तेमाल कर शेख हिंदू समाज पार्टी में एक प्रचारक के रूप में शामिल हो गया था।

अपने सहयोगी के आधार कार्ड में तस्‍वीर को बदलकर शेख ने रोहित सोलंकी का रूप धारण कर लिया था। इसके बाद शेख ने सूरत में कमलेश तिवारी के एक सहयोगी के साथ दोस्‍ती की और सूरत शहर आईटी सेल वरछा वार्ड प्रचारक के रूप में हिंदू समाज पार्टी के अंदर तक अपनी पकड़ बना ली। अशफाक शेख नियमित रूप से हिंदू समाज पार्टी के गुजरात प्रमुख जैमिन दवे के साथ संपर्क में रहता था।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि खुद को हिंदुत्‍व का प्रतिबद्ध समर्थक बताकर शेख ने दवे का विश्‍वास जीत लिया। उधर, इस पूरे घटनाक्रम और अशफाक शेख के कमलेश तिवारी के मर्डर के प्‍लान से रोहित सोलंकी पूरी तरह से अंजान था। रोहित सोलंकी ने सोमवार को एक पुलिस शिकायत दर्ज कराई और धोखाधड़ी के मामले की जांच के लिए अनुरोध किया।

रोहित सोलंकी ने बताया, 'अशफाक शेख कंपनी में मेरा मैनेजर था। मैं कंपनी में एक एमआर था। हम लोग वर्ष 2017 से साथ-साथ काम कर रहे थे। सभी कर्मचारियों को जॉइनिंग के समय पर अपने दस्‍तावजों को जमा करना होता था। मैं समझता हूं कि उसी समय अशफाक शेख ने मेरा आधार कार्ड ले लिया होगा।' रोहित और उनके अन्‍य सहयोगी पिछले सप्‍ताह से शेख से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं क्‍योंकि उसका फोन बंद है। रोहित ने कहा, 'हम यह सुनकर बेहद स्‍तब्‍ध हैं कि उसने ऐसा काम किया है।'

'हत्‍याकांड की जड़ें अहमदाबाद से जुड़ी हुई हैं'

पुलिस को संदेह है कि जिस आधार कार्ड का इस्‍तेमाल अशफाक और उसके सहयोगी ने लखनऊ में होटल में कमरा बुक करने के लिए किया वह भी फर्जी है। पुलिस को जानकारी मिली है कि इस हत्‍याकांड की जड़ें अहमदाबाद से जुड़ी हुई हैं। शेख का परिवार वर्ष 2011 में अहमदाबाद से सूरत शिफ्ट हो गया था। सूरत में अशफाक की पत्‍नी को टीचर की जॉब मिल गई थी।

इस हत्‍याकांड के तीन अन्‍य षडयंत्रकारियों राशिद खान पठान, मौलाना मोहसिन और फैजान खान 16 अक्‍टूबर को अशफाक और एक अन्‍य संदिग्‍ध मोहसिन को छोड़ने उधना रेलवे स्‍टेशन गए थे। उधना से ये लोग उद्योगकर्मी एक्‍सप्रेस के जरिए कानपुर पहुंचे और वहां से कार से लखनऊ गए थे। हत्‍याकांड के बाद राशिद ने कथित रूप से नागपुर में मोहम्‍मद असीम को फोन कर कहा था कि 'काम हो गया है।' बता दें कि असीम को महाराष्‍ट्र एटीएस ने रविवार की रात को अरेस्‍ट किया था।

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