लखनऊ

पुलिस ने छह लोग गुजरात से और बिजनौर से मौलाना लिए हिरासत में, उधर माँ बोली इस हिंदू ने मार डाला मेरा बेटा

Special Coverage News
19 Oct 2019 4:34 AM GMT
पुलिस ने छह लोग गुजरात से और बिजनौर से मौलाना लिए हिरासत में, उधर माँ बोली इस हिंदू ने मार डाला मेरा बेटा
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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि आईजी लखनऊ एसके भगत, एसपी क्राइम लखनऊ दिनेश पुरी और डिप्टी एसपी एसटीएफ पीके मिश्रा को टीम में शामिल किया गया है.

लखनऊ. कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder Case) मामले में यूपी पुलिस (UP Police) द्वारा बिजनौर में मौलाना अनवारुल हक से पूछताछ चल रही है. वहीं गुजरात एटीएस ने मामले में सूरत से 6 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder Case) मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. पहले परिजनों की शिकायत पर लखनऊ पुलिस ने बिजनौर के दो मौलानाओं पर नामजद एफआईआर दर्ज की. शनिवार को इनमें से एक मौलाना अनवारुल हक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. वहीं गुजरात एटीएस ने भी मामले में 6 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है, यूपी एटीएस लगातार गुजरात एटीएस के संपर्क में है. उधर कमलेश तिवारी की मां नया आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवकुमार गुप्ता ने ही उनके बेटे की हत्या कराई है.

कमलेश तिवारी की मां के अनुसार शिव कुमार गुप्ता चकेरी के निवासी हैं. वह माफिया हैं और उनके खिलाफ 500 केस चल रहे हैं. वह भू माफिया हैं. मां ने कहा कि शिव कुमार गुप्ता मंदिर के जबरदस्ती अध्यक्ष बन गए हैं. कमलेश के आगे उनकी नहीं चल रही थी इसलिए शिव कुमार गुप्ता ने उनकी हत्या करा दी.

बता दें शुक्रवार को ही हत्याकांड में बिजनौर के दौ मौलानाओं के खिलाफ लखनऊ में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. हत्या, आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. मौलाना मुफ्ती नईम काजमी, इमाम मौलाना अनवारुल हक पर एफआईआर दर्ज की गई है. 2015 में दोनों मौलानाओं ने कमलेश के सिर पर 1.5 करोड़ का इनाम रखा था. कमलेश तिवारी की पत्नी किरन ने एफआईआर दर्ज कराई. नाका हिंडोला थाने में एफआईआर दर्ज हुई है.

गुजरात के सूरत से 6 हिरासत में लिए गए

उधर पुलिस ने गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) से पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया है. हिरासत में लिए गए 6 में से एक की भूमिका मर्डर में संदिग्ध बताई जा रही है. इन सभी को गुजरात एटीएस ने हिरासत में लिया है और यह टीम यूपी पुलिस और एसआईटी से लगातार संपर्क में है. शुक्रवार को लखनऊ में कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी.

हत्या के बाद रूम से मिला था सूरत का डब्बा

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उनके रूम से सूरत घारी मिठाई का डब्बा मिला था. घारी सूरत की फेमस मिठाई है. इस डब्बे में आरपोपियों ने हथियार लाए थे. बताया जा रहा है कि सूरत की धरती फुड एंड स्वीट दुकान से घारी मिठाई खरीदी गई थी. इस जानकारी के सामने आने के बाद सूरत पुलिस की टीम ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक भी किया था.

आईएसआईएस आतंकियों ने लिया था कमलेश तिवारी का नाम

बता दें कि गुजरात एटीएस ने अब से ठीक दो साल पहले यानी अक्टूबर 2017 में दो आईएसआईएस आतंकियों को पकड़ा था. दोनों आरोपियों को कमलेश तिवारी का वीडियो दिखाकर उन्हें मारने के लिए कहा गया था. गिरफ्तार आतंकियों से जब पुलिस ने पूछताछ की थी तब दोनों ने कमलेश तिवारी का नाम लिया था.

सीएम योगी के निर्देश पर गठित की गई एसआईटी

इससे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) हत्याकांड मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दे दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात कानून व्यवस्था को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरन सीएम योगी ने राजधानी में अपराध की स्थिति पर खासी नाराजगी जताई और कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने एसआईटी का गठन कर दिया है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि आईजी लखनऊ एसके भगत, एसपी क्राइम लखनऊ दिनेश पुरी और डिप्टी एसपी एसटीएफ पीके मिश्रा को टीम में शामिल किया गया है.

डीजीपी बोले- महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि हत्यारों की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गयी हैं और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध व्यक्तियों के विषय में जानकारी प्राप्त की जा रही है. उन्होंने बताया कि हत्यारों के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं.

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कमलेश तिवारी को पिछले कई माह से सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी थी, जिसके तहत उन्हें गनर के अतिरिक्त स्थानीय थाने से भी सुरक्षाकर्मी दिया गया था. घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी मृतक के आवास के नीचे तैनात था, जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश तिवारी से पूछकर ही उन्हें आवास के अन्दर जाने दिया. सम्भवतः हत्यारों ने छद्म नामों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच तेजी से करते हुए हत्यारों को शीघ्र पकड़ा जाएगा.

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