लखनऊ

यूपी में पिट रही पुलिस और खामोश डीजीपी और सीएम

Special Coverage News
20 Nov 2018 4:45 AM GMT
यूपी में पिट रही पुलिस और खामोश डीजीपी और सीएम
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एक घटना जो सबसे पहले जानना बहुत जरूरी है. 1991 में उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार में एक सिपाही को पीटा गया था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा था यह सिपाही नहीं कल्याण सिंह को पीटा गया है. जिसके बाद पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी.

यूपी में लखनऊ से लेकर लखीमपुर और बहराइच से लेकर मेरठ तक पुलिस के मान को नेताओं और रसूखदारों द्वारा रौंदा जा रहा है. सपा सरकार के कार्यकाल में पुलिस पर हमलों को लेकर घेरने वाली बीजेपी सरकार अब इस मुद्दे को लेकर विपक्षियों के निशाने पर आ गई है. बीते कुछ माह में पुलिस के इकबाल में इस कदर गिरावट आई है कि रसूखदार तो रसूखदार छोटे-मोटे गुंडे और आम लोग भी अब पुलिस पर हाथ उठाने से नहीं चूक रहे.

प्रदेश में पुलिस पर हमले

नानपारा में पूर्व विधायक दिलीप वर्मा ने तहसीलदार को पीटा

लखीमपुर के विधायक मंजू त्यागी ने इंस्पेक्टर को जूतों से पीटने की धमकी दी

सीतापुर में जिला जज एचपी की मौजूदगी में वकीलों ने सब इंस्पेक्टर को जूतों से पीटा

मेरठ में बीजेपी पार्षद ने महिला मित्र के साथ आए दरोगा को जमकर पीटा

मुरादाबाद के मझोला थाने में बरखा की सिपाही समेत तीन दबंगों ने एसआई समेत कांस्टेबल को सरेराह लाठी डंडों से पीटा

लखनऊ में बीजेपी विधायक की मौजूदगी में लखनऊ यूनिवर्सिटी के बाद विधायक के करीबियों ने दरोगा को पीट कर आरोपी को भगाया

राजधानी में हिस्ट्रीशीटर के बेटे ने महानगर की चौकी में एसआई को पीटकर लुहुलुहांन किया

तेलीबाग चौकी में महिला ने चौकी में चौकी इंचार्ज को पीटा

हजरतगंज में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने चौकीइंचार्ज से हाथापाई की

बीजेपी सरकार के सत्ता संभालते ही सबसे पहले सहारनपुर में पुलिस पर हमले की शुरुआत हुई थी जहां सहारनपुर के सांसद राघव लखन पाल के नेतृत्व में लोगों ने वहां की तत्कालीन एसएसपी लव कुमार की सरकारी बंगले पर हमला बोल दिया इसमें सरकार की हाथी फजीहत हुई थी सरकार ने तमाम दावे किए कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन सांसद के ऊपर आज तक नहीं आई खो गए थे सत्ता के दबाव में पीछे हो गए. इसके बाद आगरा ,मथुरा, बहराइच में पुलिस पर हमले हुए. लोग खाने से लूट ले गए बाद में पुलिस ने एनकाउंटर शुरू किए तो अपराधियों में भाव पैदा हुआ लेकिन बीते कुछ माह में हुई घटना होने पर पुलिस के इकबाल पर सवालिया निशान खड़े कर दिए.

इन घटनाओं पर उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह कहते हैं पुलिस सिपाही थाने पर हमला सरकार और प्रदेश के डीजीपी पर होता है. ऐसे अपराधियों को सबक सिखाने के लिए 7 सीएलए एक्ट के तहत कार्रवाई करनी चाहिए यूपी में नेताओं पर कार्रवाई होती नहीं मुकदमा में सजा होती नहीं तो कैसे करेंगे

वहीं इस मामले पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार में झूठे मामलों को हवा देकर कानून-व्यवस्था के नाम पर गिरते थे अब खुद कानून व्यवस्था के बीच पूरी नहीं कर पा रहे हैं प्रदेश में अराजकता का माहौल बना हुआ है ऐसा लग रहा है जैसे बिल्कुल जंगल राज कायम हो रहा है.


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