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यूपी में यातायात निदेशालय का नया फरमान जारी, सिर्फ कागजात चेक करने को न रोकें वाहन
देश में नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किए जाने के बाद आम नागरिकों के साथ ही राज्यों की सरकारों की ओर से भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं. ऐसा भी नहीं कि इस एक्ट पर सवाल केवल कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों के शासन वाले राज्यों ने उठाए हों, भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने भी इस पर सवाल उठाए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने बगैर किसी लाग-लपेट के इसे 1 सितंबर से ही प्रदेश में लागू कर दिया था. अब वाहनों की धड़ल्ले से की जा रही चेकिंग और भारी-भरकम चालान को लेकर सूबे में भी जब विरोध मुखर होने लगा तो यातायात निदेशालय को सर्कुलर जारी करना पड़ा है. यातायात निदेशालय ने शुक्रवार को सर्कुलर जारी कर कहा है कि केवल कागजात की जांच के लिए वाहनों को न रोका जाए.
निदेशालय की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि प्रत्यक्ष रूप से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर ही कागजात चेक किए जा सकते हैं. जैसे बिना हेलमेट, सीट बेल्ट यातायात नियमों और ट्रैफिक सिग्नल को तोड़ना आदि. निदेशालय ने कहा है कि छोटे वाहनों के साथ ही बड़े लक्जरी एसयूवी वाहनों की चेकिंग पर ध्यान दिया जाए.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नया मोटर व्हीकल एक्ट एक सितंबर से लागू कर दिया था. हालांकि प्रदेश के लोगों को दो चालान की व्यवस्था से थोड़ी राहत जरूर मिली.
ऑन स्पॉट चालान के लिए जून माह में निर्धारित दर ही लागू है. कोर्ट के लिए चालान पर ही नई दरें लागू हैं. चर्चा यह भी है कि यूपी सरकार भी अन्य राज्यों की तरह नए नियमों के तहत जुर्माने की राशि में राहत देने पर विचार कर रही है.