लखनऊ

यूपी एसटीफ की नॉएडा यूनिट ने वांछित चल रहे 50,000 रुपये के इनामिया आरोपी को किया गिरफ्तार

Special Coverage News
17 Sep 2019 5:10 AM GMT
यूपी एसटीफ की नॉएडा यूनिट ने वांछित चल रहे 50,000 रुपये के इनामिया आरोपी को किया गिरफ्तार
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अजित थाना बाबूगढ़ छावनी का हिस्ट्रीशीटर है और इस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई मुक़दमे दर्ज है. वर्ष 2005 में ये ग़ाज़ियाबाद के कुख्यात राकेश हसनपुरिया और सैदपुर बुलन्दशहर के सेंसरपाल के सम्पर्क में आ गया था.

यूपी एसटीएफ का अब वांछित अपराधियों को लेकर एक अभियान चल रहा है. जिसमें वर्षों से वांछित आरोपियों को पिछले दिनों से काफी सफलता हासिल भी की है. इस क्रम में आगे बढ़ते हुए आज नोएडा यूनिट ने काफी समय से वांछित आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

घटना की जानकारी देते हुए एसएसपी राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि अजित थाना बाबूगढ़ छावनी का हिस्ट्रीशीटर है और इस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई मुक़दमे दर्ज है. वर्ष 2005 में ये ग़ाज़ियाबाद के कुख्यात राकेश हसनपुरिया और सैदपुर बुलन्दशहर के सेंसरपाल के सम्पर्क में आ गया था. वर्ष 2006 में हापुड़ में डबल मर्डर को अंजाम दिया जिसमें आजीवन कारावास की सज़ा हुई और बाद में माननीय उच्च न्यायालय से ज़मानत पर बाहर आया.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में दिल्ली के व्यापारी किशोरी लाल नागपाल की हत्या बुलंदशहर में सुपारी लेकर कर दी जिसमें अजीत को निचली अदालत से फाँसी की सज़ा हुई बाद में उच्च न्यायालय से बरी हो गया. डांसना जेल में बंद रहने के दौरान ही इसकी मुलाक़ात मिर्ची गैंग के सरगना आशू@प्रवीण निवासी क़ाज़ीपुरा थाना मसूरी ग़ाज़ियाबाद से हुई और जब कुछ माह पूर्व आशू जेल से बाहर आया तो अजीत ने आशू के गैंग को खड़ा करने में मदद की. इसके अलावा अजीत ने कुछ नए लड़कों को जोड़कर 2018 से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लूटों को अंजाम देने लगा जिसमें प्रमुख रूप से थाना किच्छा उदमसिंघ नगर में सुनार को गोली मारकर 4 लाख की लूट कराई थी.

इसके बाद अजीत ने 24-6-19 को ग्रेटर नॉएडा में पेट्रोल पम्प के मैनेजर को मारकर क़रीब 17 लाख की लूट का प्लान बनाया और जब वो इसे अंजाम देने ही वाले थे की एसटीफ नॉएडा की टीम से बदमाशों की मुठभेड़ हो गई जिसमें 3 बदमाश गोली लगने से घायल हुए थे और 2 अन्य पकड़े गए थे. इस प्रकार एसटीफ की सक्रियता से हत्या और लूट की एक बड़ी घटना को रोका गया. इसी मुक़दमे में अजीत वांछित चल रहा था और इसपर 50,000 का ईनाम था. अजीत ने इसके अलावा बरेली में भी एक सुनार की रेकी कर रखी थी जिसके दुकान में लूट की घटना को अंजाम देना था. उससे पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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