लखनऊ

भीम आर्मी के जरिए यूपी में बसपा का हाथी क्या रोक पाएंगी प्रियंका गांधी?

Shiv Kumar Mishra
10 Feb 2020 12:04 PM GMT
भीम आर्मी के जरिए यूपी में बसपा का हाथी क्या रोक पाएंगी प्रियंका गांधी?
x
उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने रविवार को वाराणसी के संत रविदास जन्मस्थली पर जाकर माथा टेका. इस दौरान भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर भी वहां उपस्थित थे. माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी की नजर बसपा के परंपरागत वोट दलित समुदाय पर नजर है. इसलिए मायावती बेचैन नजर आ रही हैं.

कुबूल अहमद

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. सूबे की राजनीति में पांव जमाने की कोशिश में कांग्रेस महासचिव और सूबे की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी दिन रात मेहनत कर रही हैं. वो कभी सीएए प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए यूपी के कोने-कोने जाती हैं तो कभी किसानों और कानून व्यवस्था का मुद्दा उछालती हैं. इन सबके बीच प्रियंका गांधी की नजर यूपी के दलितों पर टिकी है.प्रियंका का भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर से चाहे मेरठ जाकर मिलना रहा हो या फिर लगातार दूसरी बार रविदास मंदिर पर माथा टेकना, इसे दलितों को साधने का दांव माना जा रहा है. प्रियंका की सूबे में लगातार सक्रियता और भीम आर्मी से बढ़ती दोस्ती से बसपा प्रमुख मायावती बेचैन नजर आ रही हैं.

बता दें कि वाराणसी में संत रविदास जन्मस्थली में आयोजित कार्यक्रम में रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हिस्सा लिया. प्रियंका ने मंदिर में माथा टेका और लंगर चखा. इसके बाद सभा पंडाल में पहुंच कर कहा, 'आज यहां आकर बहुत खुशी हुई. देश दुनिया के कोने-कोने से आए लोगों का मैं स्वागत करती हूं. धन्यवाद करती हूं. सभी लोगों को जिन्होंने मेरा स्वागत किया. रविदास के दर पर मुझे माथा टेकने का मौका दिया. मेरा सौभाग्य है कि कबीर और रविदास ने सबको मिलकर रहना सिखाया, इंसान को किसी धर्म में बांटकर नहीं देखना चाहिए. उसमें सिर्फ इंसान दिखना चाहिए, रविदास जी इस सोच के अगुवा थे...यही सोच इस भारत की नींव है... आज हम सबको उनकी बताई बातों पर अमल करने की जरूरत है.'बता दें कि वाराणसी का रविदास मंदिर हाल के दिनों में राजनीति का नया केंद्र बन गया है. 90 के दशक में इस मंदिर में सिर्फ बीएसपी नेताओं का ही आना-जाना था, लेकिन 2014 के बाद से हालात बदल गए हैं. बीएसपी नेताओं के अलावा अब यहां राजनीति के बड़े चेहरे दिखाई पड़ते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ सरीखे नेता रविदास मंदिर में माथा टेक चुके हैं.

अब इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी नाम जुड़ गया है. इसे बसपा के परंपरागत वोटबैंक में दलित समुदाय को साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि प्रियंका के वाराणसी दौरे के दौरान भीम आर्मी के चंद्रशेखर भी साथ नजर आए थे.

प्रियंका के रविदास मंदिर पर जाने को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तंज कसा और कहा, 'कांग्रेस, भाजपा व अन्य पार्टियां यहां उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के चलते संत गुरु रविदास जी को कभी भी मान-सम्मान नहीं देती हैं लेकिन सत्ता से बाहर होने पर फिर ये अपने स्वार्थ में इनके मंदिरों/स्थलों आदि में जाकर किस्म-किस्म की नाटकबाजी जरूर करती हैं. इनसे सर्तक रहें जबकि यहां बीएसपी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने अपनी सरकार के समय में इनको विभिन्न स्तर पर पूरा मान-सम्मान दिया है. जिसे भी अब विरोधी पार्टियां एक-एक करके खत्म करने में लगी हैं, जो अति निंदनीय है.'

दरअसल हाल के कुछ वर्षों में दलितों का उत्तर प्रदेश में बीएसपी से मोहभंग होता दिखा है. दलितों का एक बड़ा धड़ा अब मायावती के साथ नहीं है. लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में ये धड़ा बीजेपी के साथ दिखा. लेकिन जिस तरह से दलित एक्ट में संशोधन हुआ, उससे ये वर्ग बीजेपी को लेकर पशोपेश में है. प्रियंका गांधी की नजर इसी दलित समुदाय पर टिकी है.

प्रियंका गांधी सूबे में दलितों को साधने के लिए एक के बाद एक बड़ा दांव चल रही हैं. पिछले दिनों जब भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर अस्पताल में भर्ती हुए तो प्रियंका उनका हाल चाल लेने मेरठ के अस्पताल पहुंच गई थीं. इसके बाद दिल्ली में चंद्रशेखर को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के चलते दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था तब भी प्रियंका उनके समर्थन में खड़ी नजर आई थीं. इसके अलावा सोनभद्र में दलितों के नरसंहार को लेकर प्रियंका गांधी ने जिस तरह के तेवर अपनाए, उसे हर कोई देख चुका है.

Tags
Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

Next Story