लखनऊ

एक रात में बदल गई समाजवादियों की कहानी, क्या हुआ उस रात नेताजी के बंगले पर!

Special Coverage News
24 Sep 2018 12:39 PM GMT
एक रात में बदल गई समाजवादियों की कहानी, क्या हुआ उस रात नेताजी के बंगले पर!
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लखनऊ: एक रात में कैसे बदल गई समाजवादियों की कहानी और भाई शिवपाल का साथ छोड़ मुलायम सिंह कैसे बेटे के साथ चले गए. यह एक फ़िल्मी कहानी की तरह दिलचस्प वाकया बन गई वो रात. जब शिवपाल यादव के सपने टूट कर चकनाचूर हो गए. इस रात के बाद अब ऐसा भी लगने लगा कि समाजवादी पार्टी और सेकुलर मोर्चा के एक होने की बात भी अब बेमानी साबित हो सकती है.


जानिए उस रात का हाल जब बदल गई अखिलेश और शिवपाल की तस्वीर

शनिवार की रात दिल्ली में मुलायम सिंह यादव के बंगले पर पूरा यादव कुनबा इकट्ठा हुआ था सिवाय शिवपाल यादव के. इसके बाद शुरू हुआ मान मनौबल का सिलसिला और देखते ही देखते बाजी शिवपाल के हाथ से फिसलती नजर आने लगी.


नेताजी मुलायम के दिल्ली आवास पर सपा अध्यक्ष और उनके बेटे अखिलेश यादव पहुंचे. तो देखा गया कि आवास पर प्रोफेसर रामगोपाल यादव और बदायूं सांसद धर्मेंद्र यादव पहले से मौजूद थे. तो वहीं मैनपुरी सांसद तेजप्रताप उर्फ़ तेजू यादव और परिवार के दूसरे सदस्य भी मौजूद थे.


दो घंटे चले डिनर में मुलायम सिंह को मनाया गया. रविवार की साइकिल यात्रा रैली के लिए न्यौता दिया गया था. अखिलेश-रामगोपाल ने मुलायम को मनाया. उसके बाद अब बाजी अखिलेश के हाथ लग चुकी थी. मुलायम सिंह यादव ने परिवार के ज्यादातर सदस्यों की मौजूदगी में यह न्यौता स्वीकार कर लिया था. दूसरे दिन वो जंतर मंतर की रैली में शामिल होने पहुंच चुके थे.


अगले दिन रविवार को मुलायम शिवपाल का साथ छोड़ रैली में थे. इस घटना से शिवपाल को एक झटका जरुर लगा होगा पुरे प्रकरण में शिवपाल मुलायम के हर आदेश का पालन पूरी तल्लीनता से करते नजर आये थे. लेकिन रविवार की घटना से शिवपाल ने खुद को पहली बार अकेला महसूस किया होगा. जबकि दूसरी तरफ अखिलेश रामगोपाल खेमां ख़ुशी मना रहा था कि बाजी फिर से जीत ली है.


एल्किन देखते ही देखते शाम को यह खबर भी आने लगी कि समाजवादी सेकुलर मोर्चा के नेता शिवपाल सिंह यादव बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से शाम को मिल सकते है. इसके बाद दूरियां और बढने की ही बात हो सकती है. फिलाहल इस घटना से बीजेपी को अपना मकसद हासिल होता नजर आ रहा है.


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