लखनऊ

उन्नाव गैंगरेप कांड: सुप्रीमकोर्ट ने इस वजह से पीड़िता के केस को दिल्ली लाने के आदेश पर लगाई रोक

Special Coverage News
3 Aug 2019 2:58 AM GMT
उन्नाव गैंगरेप कांड: सुप्रीमकोर्ट ने इस वजह से पीड़िता के केस को दिल्ली लाने के आदेश पर लगाई रोक
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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पीड़िता और वकील के परिजनों को इस बात की छूट प्रदान की कि वे जब उचित समझें उन्हें दिल्ली के एम्स में स्थानांतरित करने के बारे में शीर्ष अदालत के ‘सेक्रेटरी जनरल’ से संपर्क कर सकते हैं.

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता से जुड़े सड़क दुर्घटना के मामले को लखनऊ की एक अदालत से दिल्ली स्थानान्तरित करने का अपना आदेश स्थगित कर दिया और कहा कि पीड़िता के परिजनों को इस बात की छूट है कि वे जब उचित समझें उसे दिल्ली के एम्स में स्थानांतरित कर सकते हैं.

पीड़िता के लखनऊ के एक अस्पताल में वेंटीलेटर पर रहने के बीच सीबीआई ने रायबरेली में रविवार को ट्रक-कार की टक्कर की जांच करने के लिए अतिरिक्त 20 सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस दुर्घटना में महिला की चाची और मौसी की मौत हो गई तथा महिला और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए. महिला और उसके वकील को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है.

पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से फौरन तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का आदेश

महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि यह टक्कर निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी लोगों द्वारा उसे मारने की कोशिश थी. सेंगर फिलहाल जेल में है . उसे 2017 में महिला से बलात्कार करने के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. 2017 में महिला नाबालिग थी.

उच्चतम न्यायालय ने 19 वर्षीय पीड़िता के चाचा महेश सिंह को रायबरेली जेल से ''फौरन'' दिल्ली के तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया है. उसने आदेश दिया कि इस फैसले पर अनुपालन रिपोर्ट सोमवार को न्यायालय में पेश की जाए. महेश सिंह को सेंगर के भाई अतुल सिंह द्वारा दायर 19 साल पुराने मामले में दस साल की कैद की सजा हुयी है.

स्थानांतरित करने को लेकर पीड़िता के परिजनों को है कुछ संशय

न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ से कहा कि उन्होंने पीड़िता की मां से बात की है जिन्होंने कहा है कि उनकी बेटी का इलाज फिलहाल लखनऊ के अस्पताल में ही हो. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को पांच अगस्त तक स्थगित कर दिया और कहा कि पीड़िता को स्थानांतरित करने को लेकर ''इस समय परिजनों की तरफ से कुछ संशय नजर आ रहा है.''

पीठ ने पीड़िता और वकील के परिजनों को इस बात की छूट प्रदान की कि वे जब उचित समझें उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित करने के बारे में शीर्ष अदालत के 'सेक्रेटरी जनरल' से संपर्क कर सकते हैं.

सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में लेने के बाद सेंगर समेत 10 लोगों पर दर्ज किया मामला

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को इस मामले में कड़ा रूख अपनाते हुये बलात्कार की घटना सहित इससे संबंधित सारे पांचों मामले उन्नाव की अदालत से बाहर दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिये थे. न्यायालय ने दिल्ली की अदालत को इन मुकदमों में सुनवाई शुरू होने की तारीख से 45 दिन के भीतर इसे पूरा करने का भी आदेश दिया है.

हालांकि, शुक्रवार को उसने पीड़िता से जुड़ी सड़क दुर्घटना के मामले को लखनऊ की एक अदालत से दिल्ली स्थानान्तरित करने का अपना आदेश स्थगित कर दिया ताकि सीबीआई अपनी जांच पूरी कर सके. सीबीआई ने सड़क दुर्घटना का मामला अपने हाथ में लेने के बाद हत्या के आरोप में सेंगर समेत 10 लोगों पर मामला दर्ज किया है.

फॉरेंसिक की टीम ने घटना का नाट्य रूपांतरण करके की जांच

केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के छह शीर्ष फॉरेंसिक विशेषज्ञ रायबरेली में अपराध स्थल पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे को समझने के लिए नाट्य रूपांतरण किया और इस वास्ते एक कार का इस्तेमाल किया. सीबीआई के प्रवक्ता नितिन वाकणकर ने यहां बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञों का यह दल लखनऊ में पांच सदस्यीय सीबीआई जांच इकाई का सहयोग करेगी. इस इकाई की मदद के लिए दिल्ली से 20 अधिकारियों का एक दल भेजा गया है.

सीतापुर जेलकर्मी के रिश्वत लेने के मामले की भी होगी जांच

वहीं, लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीतापुर जेल के एक कर्मी द्वारा कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले का एक वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले की जांच के आदेश दिये. इस जेल में उन्नाव बलात्कार मामले के आरोपी कुलदीप सेंगर बंद हैं. पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनंद कुमार ने कहा, 'अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसे बर्खास्त कर दिया जायेगा .'

वीडियो में दिखाई दे रहा व्यक्ति रिंकू शुक्ला उन्नाव से पंचायत का एक सदस्य है. जब उससे पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि सेंगर से मिलने के लिये उनका इरादा पुलिसकर्मियों को घूस देने का नहीं था. उन्होंने कहा, 'यह मेरी आदत है. जब मैं जेल में मिलने जाता हूं तो उन्हें (पुलिसकर्मियों को) चाय पानी के लिये कुछ दे देता हूं.''

सेंगर के लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी हो रही है

इस बीच, सेंगर के नाम से जारी हथियारों के लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई न्यायिक प्रक्रिया के तहत चल रही है. जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया न्यायिक है, ना कि प्रशासनिक. पांडेय ने कहा कि पुलिस और सेंगर के वकीलों ने मामले में जवाब भी दाखिल कर दिया है लेकिन बीते दिनों अधिवक्ता हड़ताल पर थे, इसलिए सुनवाई नहीं हो पाई थी. अब सुनवाई करके निर्णय दिया जायेगा.

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